पेड़ पौधों को भी मत देने का अधिकार होना चाहिए,कितना अच्छा होता कि उनका भी प्रधान मंत्री, मुख्यमंत्री होता, चुनाव आयोग उनकी भी सुनता और उनकी सरकार कम से कम खुद की रक्षा कर पाने में सफल होती तो जनकल्याण भी हो जाता और सिर्फ व्हाट्सएप स्टेटस में पेड़ पौधे बचाने की होड़ गैर संवैधानिक हो जाती!! काश हम इंसान समझ पाते की एसी की ये ठंडक कितनी गरम है।अभी पेड़ जल रहे है और एक दिन हम सब भी खैर जाने दो हमें क्या वन विभाग वाले पैसा ले तो रहे है जंगल बचाने का हमसे लड़ते, झगड़ते, शहीद होते
कुछ तो जंगल बचा ही रहे है बेचारे जब हमें पेड़ों से ही हमदर्दी नहीं है तो उनसे क्या होंगी चलो स्टेटस में पर्यावरण और