वादे में खरी नहीं उतरी अल्ट्राटेक

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अल्ट्राटेक व शासन की मंशा पर ग्रहण बने कादरी

सैकड़ों बेरोजगारों और काश्तकारों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

शहडोल। कोल उत्खनन के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद सैकड़ों किसान मुआवजे के लिए भटक रहे हैं, वहीं जिनसे स्थाई और अस्थाई तौर पर रोजगार का वायदा किया गया था, उस वायदे पर भी अल्ट्राटेक खरी नहीं उतर रही है, गुरूवार को सैकड़ों काश्तकारों ने अपनी समस्याओं के लेकर कलेक्टर के नाम पर ज्ञापन सौंपा और दो दिन के अंदर ही निराकरण की मांग की, काश्तकारों ने यह भी कहा कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो, हड़ताल सहित उग्र आंदोलन भी किया जा सकता है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी अल्ट्राटेक कंपनी के स्थानीय प्रबंधक सैय्यद कादरी की होगी।
किसान हो रहे लामबंद
अल्ट्राटेक कोयला खान विचारपुर में किसानों की भूमि अधिग्रहण करने के उपरांत नौकरी न देने के कारण किसान लामबंद हो रहे हैं, किसानों का आरोप है कि कोयला खदान करीब 3 वर्ष समय व्यतीत हो रहा है, किसानों की जीविका का आधार कृषि भूमि ली गई थी और जमीन के बदले किसानों को संबंधित नीतियों के अनुसार कंपनी प्रबंधन व शासन द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि आप लोगों को खदान में शासकीय व श्रम मंत्रालय के नियमानुसार नियमित नौकरी देकर दैनिक मजदूरी की दर से वेतन व अन्य सुविधाएं दी जाये, लेकिन अभी तक किसी भी किसान के हित में प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है।
नौकरी के नाम पर लिया जाता है पैसा
किसानों का आरोप है कि कुछ लोगों को ठेकेदारी में 400 रूपये रोजाना की मजदूरी दी गई है और कुछ लोगों को आज तक मजदूरी में भी नहीं रखा गया है, जिसके कारण किसानों को अपनी जीविका चलाने में परेशानी हो रही है, किसान मजबूर होकर ज्ञापन सौंपने को मजबूर है, किसानों का आरोप है कि स्थानीय ठेकेदार जो नौकरी के नाम पर लोगों से पैसा लेते हैं और कंपनी के साथ सांठ-गांठ कर मनमाने ढंग से शोषण करते हैं, उसे ब्लैक लिस्ट कर क्षेत्र में आने से प्रतिबंधित किया जाये। किसानों ने मांग की है कि 02 दिवस के अंदर पूर्ण वेतन पर नियमित नौकरी एवं अन्य सुविधाएं दिलवाये, अन्यथा 10 अक्टूबर से समस्त किसान परिवार सहित धरने पर बैठने को विवश हो जायेंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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