जब सफर को पहचान मिली “आपका सारथी कौन” एक भरोसे की शुरुआत

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जब सफर को पहचान मिली “आपका सारथी कौन” एक भरोसे की शुरुआत
कटनी।। सबसे व्यस्त रेल जंक्शन वाले शहर में ऑटो रिक्शा केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि आम नागरिक, महिला यात्रियों और रेल से आने-जाने वालों की पहली जरूरत होते हैं। लेकिन वर्षों से यह सवाल अनकहा रहा हम किसके साथ सफर कर रहे हैं?
कटनी पुलिस की अभिनव पहल “आपका सारथी कौन” इसी अनकहे सवाल का सशक्त उत्तर बनकर सामने आई है। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि यात्री सुरक्षा, जवाबदेही और विश्वास की त्रिस्तरीय व्यवस्था है। कटनी, मुडवारा और साउथ रेलवे स्टेशन से शुरू की गई यह पहल दर्शाती है कि जब पुलिस तकनीक, संवेदनशीलता और सामाजिक सहभागिता को जोड़ती है, तब कानून केवल दंड का माध्यम नहीं, बल्कि सुरक्षा का भरोसा बनता है।
पहचान से सुरक्षा तक
अब हर ऑटो चालक एक अज्ञात चेहरा नहीं रहेगा।
QR कोड, चालक क्रमांक, नाम और मोबाइल नंबर ये सभी विवरण ऑटो में स्पष्ट रूप से अंकित होंगे। इसका सीधा अर्थ है कि हर सफर की एक पहचान होगी। बैग छूट जाए, किराए को लेकर विवाद हो या व्यवहार को लेकर शिकायत अब यात्री असहाय नहीं, सशक्त है।
QR कोड के जरिए फीडबैक या शिकायत सीधे पुलिस तक पहुंचना, प्रशासनिक पारदर्शिता का उदाहरण है। यह व्यवस्था न केवल गलत आचरण पर लगाम कसेगी, बल्कि ईमानदार चालकों को सम्मानित कर अच्छे व्यवहार की संस्कृति को भी मजबूत करेगी।
डर से विश्वास की ओर
महिला सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह पहल विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। खाकी यूनिफॉर्म, यूनिक बैच नंबर और पुलिस निगरानी—ये सभी तत्व मिलकर यात्रियों के मन से उस अनजाने डर को हटाते हैं, जो अक्सर ऑटो यात्रा के साथ जुड़ा रहता है। नशे में ड्राइविंग, मनमाना किराया, दुर्व्यवहार या लापरवाही अब व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि कानूनी जिम्मेदारी है।

पुलिसिंग का बदला हुआ चेहरा
“आपका सारथी कौन” यह दर्शाता है कि पुलिस केवल अपराध के बाद की कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि अपराध से पहले की रोकथाम और जनविश्वास निर्माण पर काम कर रही है। पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा के नेतृत्व में यह पहल आधुनिक, उत्तरदायी और जनकेंद्रित पुलिसिंग का उदाहरण है। यदि यह पहल निरंतरता के साथ लागू रहती है, तो यह न केवल कटनी बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी मॉडल अभियान बन सकती है। जब यात्री सुरक्षित महसूस करता है और चालक सम्मानित, तभी शहर सच अर्थों में सुरक्षित बनता है। “आपका सारथी कौन” केवल एक प्रश्न नहीं, बल्कि एक व्यवस्था है जो कहती है हर सफर सुरक्षित हो, हर चालक जिम्मेदार हो और हर नागरिक आश्वस्त हो।

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