बिना सुरक्षा उपकरण के कार्य कर रहे मजदूर, जिम्मेदारों की आंखे है बंद
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ठेकेदार की लापरवाही ले सकती है मजदूरो की जान
बिना सुरक्षा उपकरण के कार्य कर रहे मजदूर, जिम्मेदारों की आंखे है बंद
निर्माणाधीन जिला चिकित्सालय में भ्रष्टाचार का आलम
जगह-जगह पडी दरारे तो कहीं पुट्टी कर छिपा दिया भ्रष्टाचार
निर्माणाधीन जिला चिकित्सालय की दीवारों में भ्रष्टाचार की कालिख पोती जा रही है, भवन के अंदर गुणवत्ताविहीन सामग्रियों का उपयोग कर सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है वही भवन में पुताई के लिए उपयोग की जा रही पेंट भी सस्ते दाम का लगाया जा रहा है, इतना ही नही मजदूरो का शोषण कर उनके जान से खिलवाड किया जा रहा है।
अनूपपुर। जिला मुख्यालय के इंदिरा तिराहे में 200 बिस्तर का निर्माणाधीन जिला चिकित्सालय में मूर्तरूप लेने के पूर्व ही भ्रष्टाचार की परते दिखाई देने लगा है, इसके पूर्व न जाने कितने कमियों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया होगा। जबलपुर के बडे ठेकेदार अश्वनी श्रीवास्तव के आगे जिम्मेदार अधिकारी नतमस्तक होकर निकल जा रहे है। यही कारण है कि लापरवाही पूर्वक कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। ठेकेदार के चंद सिक्को की खनक और कमीशन के भेेंट तथा मनमाने कार्यो के कारण कुछ वर्ष बांद ही नवनिर्मित जिला चिकित्सालय को दुर्दशा का दंश झेलना पडेगा।
मजदूरो की जान से खिलवाड
200 बिस्तर का भवन निर्माण होने के बाद अंदर की ओर विद्युतीय कार्य किया जा रहा है वही बाहर की तरफ पुताई-रंगाई का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। उक्त कार्य में लगे मजदूर बिना सुरक्षा उपकरण के कई मीटर ऊपर झूलते हुए पुताई कर रहे है। गरीब, मजदूर अपने परिवार का पेंट भरने के लिए मौत के साय में दिनभर कार्य करते रहते है और अश्वनी श्रीवास्तव जैसे ठेकेदार अपने व्यापार व कार्य के आगे मजदूरो व गरीबों की जान के साथ खिलवाड किया जा रहा है। न तो उनके पास सुरक्षा के लिए सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट, जूता, जैकेट जैसे उपकरण नदारत है, उनकेे बिना ही पूरे भवन का पुताई कराया जा रहा है।
बिना प्लास्टर के कर दिया पुट्टी
निर्मित भवन में अधिकांश जगह पर दीवार की सतह में बिना प्लास्टर के पुट्टी कर कार्य को अंजाम दिया गया। ठेकेदार ने पैसे बचाने के लिए भवन निर्माण के बाद प्लास्टर व पुट्टी करते समय ऐसे तकनीक का उपयोग किया कि जिस जगह पर सतह बराबर मिला वहां प्लास्टर न करते हुए सीधे पुट्टी का उपयोग कर दीवार को पूर्ण बताया दिया? पूरे भवन लाखों रूपए केवल यहीं से बचा कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जाता है वही भवन निर्माण के बाद लगने वाले विभिन्न प्रकार की सामग्रियां भी निम्न दर्जे का उपयोग कर कार्य किया जा रहा है।
पीआईयू विभाग जिम्मेदार
परियोजना क्रियान्वयक इकाई (पीआईयू) विभाग अनूपपुर में दशकों से बैठा एसडीओ पीके लोरिया अपनी जिम्मेदार पद में बैठकर नौकरी के नाम पर कमीशनखोरी को अंजाम दे रहा है। वर्तमान में कार्यपालन यंत्री का प्रभार भी इन्हे के पास है। बडे-बडे ठेकेदारों के साथ दोस्ती कर उनको खुली भ्रष्टाचार की छूट दिया जा रहा है, यही कारण है कि आज तक इनका स्थानांतरण नही किया जा सका है। इनके ही इशारे पर यहां पर पदस्थ होने वाले कार्यपालन यंत्री कार्य करते है। जिला चिकित्सालय निर्माण में खुलेआम भ्रष्टाचार और मजदूरो के साथ शोषण किया जा रहा है, जिसे देखने के लिए इनकी आंखे कमीशन के राशि में बंद कर दी गई है।
चिकित्सालय का स्टे्रचर नवीन भवन में
वर्तमान में संचालित जिला चिकित्सालय में मात्र एक स्ट्रेचर है, अगर किसी भी समय दो मरीज आपातकालीन परिस्थिति में पहुंचते है तो उन्हे स्ट्रेचर का इंतजार करना पडेगा, लेकिन नवीन भवन में चिकित्सालय का स्ट्रेचर ठेकेदार के कार्यो में क्या कर रहा है यह तो ठेकेदार ही बता सकता है, लेकिन परियोजना क्रियान्वयन इकाई में बैठे जिम्मेदार और ठेकेदार की सांठ-गांठ के बाद जिला चिकित्सालय के अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल नजर आ रहे है।
इनका कहना है
मैं अभी ठेकेदार से बात करता हूं, किसी भी तरह की लापरवाही बर्दास्त नही की जायेगी।
प्रभात कुमार लोरिया, एसडीओ (प्रभारी कार्यपालन यंत्री)
परियोजना क्रियान्वयन इकाई अनूपपुर