विश्व फिजियोथेरेपी दिवस आज

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फिजियोथैरेपी को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाकर दवाइयों पर

 

निर्भरता करें कम : डॉ प्रबोध

शहडोल। बुढ़ार क्षेत्र की वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट डॉ ममता तिवारी ने बताया कि शरीर की मांसपेशियों, जोड़ों, हड्डियों-नसों के दर्द या तकलीफ वाले हिस्से की वैज्ञानिक तरीके से आधुनिक मशीनों, एक्सरसाइज, मोबिलाइजेशन और टेपिंग के माध्यम से मरीज को आराम पहुंचाना ही फिजियोथैरेपी कहलाता है । फिजियोथैरेपिस्ट डॉ रोशन शर्मा बताते हैं कि आज की जीवनशैली में हम लंबे समय तक अपनी शारीरिक प्रणालियों का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और जब शरीर की सहनशीलता नहीं रहती है, तो वह तरह-तरह की बीमारियों व दर्द की चपेट में आ जाता है। फिजियोथैरेपी को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाकर दवाइयों पर निर्भरता कम करके स्वस्थ रह सकते हैं। हिप्पोक्रेट्स और उसके बाद गेलेनस जैसे चिकित्सक शुरुआती शारीरिक चिकित्सकों में गिने जाते हैं, इन्होनें 460 ई.पूर्व में ही मालिश, हाथों से किये जाने वाले उपचार एवं जलचिकित्सा का समर्थन किया। मैकेनिकल एवं ऑर्थोपेडिक डिसऑर्डर से लेकर जीनशैली संबंधी बीमारियों में यह चिकित्सा पद्धति वरदान के रूप में है।
क्या है फिजियोथेरेपी?
जिले के वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. प्रबोध पांडेय ने बताया कि फिजियोथेरेपी मुख्य तौर पर चोट और हड्डियों व टिश्यू के दर्द को कम करता है। प्राकृतिक तरीकों जैसे व्यायाम, मशीनों और उपकरण से इलाज , शिक्षा, प्रेरणा और वकालत के उपयोग के माध्यम से, फिजियोथेरेपी बीमारी या चोट के परिणामस्वरूप होने वाले आंदोलन विकारों वाले रोगियों की शारीरिक भलाई को पुनर्वास और सुधार करना चाहता है। फिजियोलॉजी, न्यूरोसाइंस और शरीर रचना विज्ञान सहित चिकित्सा विज्ञान विषयों के अध्ययन के आधार पर, फिजियोथेरेपिस्ट शारीरिक स्वास्थ्य शिक्षा, चोट की रोकथाम, और शारीरिक विकारों या विकलांग रोगियों के निदान और उपचार के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान विकसित करने के लिए अध्ययन करते हैं।
इन रोगो में लाभदायक
किसी तरह का चोट व शारीरिक अक्षमता से सुरक्षा करना, स्नायु सम्बन्धी पुरानी बीमारी को ठीक करना, शारीरिक गतिविधि में सुधार लाना, तीव्र दर्द से बचाव करना, इसके अलावा लकवा सुन्न होना शरीर के किसी हिस्से में अकडऩ, स्पॉन्डिलाइसिस आदि में यह थेरेपी मरीज के चोट और बीमारी को समाप्त करने के लिए फिजियोथेरेपी उपयोगी सिद्ध हुई है। चिकित्सक कई तरह की चोट को ठीक के लिए कुछ उपकरण की सहायता लेते है जिनमे कुछ सामान्य तकनीक भी शामिल है।
सभी उम्र में लाभदायक
फिजियोथेरेपी आप किसी भी उम्र में और किसी भी तरह से ले सकते हैं यह आपके लिए जरूरी नहीं है कि आप अभी छोटे हैं तो आपको फिजियोथेरेपी नहीं लेनी चाहिए और ना ही आपको यह सोचना चाहिए कि यह हमें ज्यादा उम्र के होने के बाद नहीं लेनी चाहिए आप बचपन से लेकर किसी भी उम्र तक इसको ले सकते हैं और इसमें बच्चे, महिलाएं, युवक-युवतियां , वृद्ध सभी तरह के व्यक्ति फिजियोथेरेपी को ले सकते हैं।

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