विश्व सनातन सेना ने भी पुलिस अधीक्षक से लगाई प्रशांत हत्या के निष्पक्ष जांच की गुहार

(प्रकाश जायसवाल) – 9425472245
शहडोल। गोहपारू थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रशांत द्विवेदी पिता मोहन लाल द्विवेदी (खनौदी)के हत्या के मामले में एक बार फिर विश्व सनातन सेना संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर प्रशांत हत्या के जिम्मेदारों को सजा दिलाने के लिए निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की है वही मामले में दिलीप शुक्ला को बचाने में गोहपारू पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है जिसके चलते प्रशांत द्विवेदी के परिजन सहित अन्य समाज के संगठन इक_ा होकर आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
क्या था मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार नौकरी लगवाने के नाम पर 15000 लेकर गांव के ही दिलीप शुक्ला ग्राम बेल्ली वाले ने प्रशांत द्विवेदी पिता मोहन लाल द्विवेदी से लिए थे जब काफी दिन तक नौकरी नहीं लगी तब आपने पैसे की मांग करने लगा लेकिन पैसा ना देने पर दिलीप शुक्ला गाली गलौज व धमकी देने लगा इसी बीच घर में कुछ पैसे की जरूरत पड़ी तो बाजार में एक दुकान के पास दिलीप शुक्ला मिला तभी अपने पैसे की मांग की पैसा न देने पर प्रशांत ने दिलीप शुक्ला का मोबाइल ले लिया और कहा मेरा पैसा लौटा देना अपना मोबाइल ले जाना वही इसकी सूचना दिलीप शुक्ला ने थाना प्रभारी गोहपारू को दे दी इसी बीच थाना प्रभारी और गांव के कुछ लोगों ने मिलकर प्रशांत को डांट भी लगाई और उसका मोबाइल भी वापस करा दिया इस रंजीस को दिमाग में रखते हुए दिलीप ने आगे की प्लानिंग तैयार की जहां 28 नवंबर की शाम से ही प्रशांत घर से लापता हो गया था जहां दो दिन तक परिजनों ने आस-पड़ोस व दूर-दराज में इसकी सुध लेनी चाहिए जहां कोई भी इसकी जानकारी नहीं मिली काफी परेशान होने के बाद परिजनों को इसकी सूचना इस विवाद को लेते हुए दिलीप शुक्ला के नामजद रिपोर्ट के साथ थाना गोहपारू में की गई जहां पर इस आवेदन को लेने में भी थाना गोहपारू आनाकानी कर रहे थे। वही 3 दिन बाद प्रशांत की लाश पास के कुएं में तैरती पाई गई।
आत्म हत्या नहीं हत्या है …..साहब
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसी रात प्रशांत अपहरणकर्ताओं के चुगल में फस गया था और दूसरे दिन ही रात भर ढूंढने पर प्रशांत का पता नहीं चला तब 30 नवंबर को शिकायतकर्ता के पिता मोहनलाल द्विवेदी और माता रंजना द्विवेदी ने गोहपारू थाने में जाकर दिलीप शुक्ला के नाम नामजद रिपोर्ट देने गए जिसमें दिलीप शुक्ला ,उसका बड़ा भाई बृजेश शुक्ला, रूपेश गुप्ता, कवींद्र चतुर्वेदी, योगेंद्र प्यासी, विद्याधर मिश्रा के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने गए तो एफआईआर नहीं लिखी गई बस गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर हमें वापस भेज दिया गया।
शिकायत लेने से आखिर क्यों किया इनकार
मामले से जुड़े हुए इन संदिग्धों को परिजनों ने काफी जांच पड़ताल करने के बाद इनकी सूचना थाने में देनी चाही लेकिन थाना प्रभारी ने इनकी सूचना तो लेना तो दूर इनकी कायमी तक भी नहीं की गई सिर्फ गुमशुदगी रिपोर्ट डाल कर अपनी खानापूर्ति कर ली गई जहां कुछ दिन बाद ही इस गुमशुदगी ने बड़ी घटना का रूप ले लिया और फिर मामले ने तूल पकड़ लिया इधर परिजनों ने प्रशांत की लाश को देखकर आत्महत्या नहीं हत्या का पूरा मामला बताया लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने इस पूरे मामले को आत्महत्या से प्रेरित होने का बताकर एक बार फिर अपने आप को दोषी करार होने से बचा लिया। गोहपारू थाना क्षेत्र के खन्नौदी में हुई इस वारदात से पूरे गांव में सन्नाटा छाया हुआ है पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट में डॉक्टर ने बताया भी है कि पहले गला घोटा कर हत्या की गई है उसके बाद कुएं में फेंका गया है सारे सबूत सच उगल रहे है।कि उसकी निर्मम हत्या की गई है पर पुलिस व आला अधिकारी इस बात को मानने को तैयार ही नहीं है लेकिन इस मामले में अभी तक परिजनों को राहत भरी कार्यवाही कहीं देखी नहीं जा रही है वहीं आए दिन सोशल मीडिया पर भी परिजनों ने कार्यवाही की लेटलतीफी और बचाव को लेकर काफी नाराज हैं जिससे आए दिन अपनी शिकायतों को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग के लिए दर-दर भटक रहे हैं।