करोड़ों का बजट, लेकिन दैवेभो के आभाव में नर्क बना मुख्यालय

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पहले पहर के बाद खड़े हो जाते हैं कचरा ढोने वाले वाहन

(शुभम तिवारी+91 78793 08359)
शहडोल। बीते 15 वर्षाे से प्रदेश में व केन्द्र में 5 वर्षाे से तो संभागीय मुख्यालय की नपा में एक दशक से अधिक समय से भाजपा की सरकार है, 5 वर्षाे से पार्टी के मुखिया व प्रधानमंत्री स्वच्छता पर न सिर्फ विशेष ध्यान दे रहे है, बल्कि इसके लिए खजाने भी खोलकर रखे हैं, बावजूद इसके मुख्यालय की ही नपा को प्रदेश सरकार द्वारा किये गये, स्वच्छ सर्वेक्षण में 173 वां स्थान मिला है, तो रीवा जोन में 19 वां स्थान मिला है, इतना ही नहीं वर्तमान में मुख्यालय में चलने वाली कचरा ढोने वाली गाडिय़ा अर्से से दूसरे पहर में नहीं दौड़ रही हैं, कारण कर्मचारियों का आभाव और वाहन की कमी होना बताया गया है। अगर यही हालात रहे तो कर्मचारियों और वाहनों के आभाव में दूसरे पहर बंद हो चुकी कचरा उठाने वाले वाहनों की आवाजें पहले पहर में भी कभी भी बंद हो सकती हैं।
86 हजार जनसंख्या पर 184 स्वच्छता मित्र
संभाग बनने के बाद शहडोल मुख्यालय की जनसंख्या और यहां का क्षेत्रफल लगातार बढ़ता गया, बीती जन गणना में मुख्यालय में लगभग 86 हजार वाशिंदों का यहां रहना बताया गया, वहीं लगभग 25 हजार के आस-पास आवासों की भी गिनती सामने आई, दूसरी तरफ नपा के वार्ड भी जनसंख्या के हिसाब से बढ़ाकर 39 कर दिये गये, लेकिन नगर की साफ-सफाई व्यवस्था के लिए कर्मचारियों को उस अनुपात में नहीं बढ़ाया गया। विभागीय सूत्रों की माने तो इतनी बड़ी जनसंख्या के लिए कागजों पर 184 स्वच्छता मित्र हैं, जिसमें से आधे से अधिक दिगर कार्याे में व्यस्त हैं।
यह कह रहे नपा के आंकड़े
39 वार्डाे को 10 जोन में बांटा गया है, जिसमें पहले जोन में पहले जोन में 1 से 5 वार्ड, दूसरे जोन 6-9, तीसरे जोन में 10-12, चौथे जोन में 13-14-18, पांचवे जोन में 19, 20,21, 22, छठवें जोन में 15, 16, 17, सातवें जोन में 23, 24, 25, आठवें जाने में 26, 27,28, 33,34, 35, नौवें जोन में 29, 30, 31, 32, दसवें जोन में 36,37,38,39 वार्ड है। दूसरी तरफ हर वार्ड में दो-दो कर्मचारी स्थाई रूप से नालियों की सफाई के लिए रखें गये हैं और कचरा उठाने वाले 15 वाहनों में 2-2 कर्मचारी, 6 ट्रैक्टरों में 3-3 कर्मचारी तो हैं ही इसके अलावा नपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीएमओ व प्रशासनिक अधिकारियों की सेवा में भी ऑफ रिकार्ड कर्मचारियों ड्यिुटी लगी है। इस लिहाज से 39 वार्डाे में सफाई के लिए बमुश्किल 1-1 कर्मचारी ही बचता है। नपा का प्रदेश में 173 वां स्थान आने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यही है।
वाहनों का टोटा, मांगे फिर भी नहीं मिले
39 वार्डाे के मुख्यालय में कचरा उठाने के लिए सिर्फ 15 वाहन हैं, इन 39 में से 10 वार्ड ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या और क्षेत्रफल 2-2 वार्डाे के बराबर है, बीते कई महीनों से वाहन न होने और उपलब्ध वाहनों को दूसरे पहर चलाने के लिए चालकों व स्वच्छता मित्रों की भी कमी हैं, इसके लिए वाहन प्रभारी व स्वच्छ सर्वेक्षण का जिम्मा सम्हाले अधिकारी ने अपने मुखिया को लिखित में समस्या से अवगत कराया है, मामले को गंभीरता से लेते हुए नये वाहन खरीदने की नोटशीट भी चली, लेकिन वाहन नहीं खरीदे जा सके। अगर यही स्थिति बनी रही तो दूसरे पहर की बात तो दूर, पहले पहर में भी उपलब्ध वाहन कचरा उठाने के लिए अक्षम हो जायेंगे।

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