कोषालय से प्राचार्य को वित्तीय अधिकार नहीं मिलने से नहीं आहरित हो रहा डाइट के कर्मचारियों का वेतन
शिरीष नंदन श्रीवास्तव 9407070665
नियमो की जमकर हो रही अवहेलना ,भुगत रहे कर्मचारी
इन दिनों जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट सुर्ख़ियों में है। यहाँ पर कार्यरत कर्मचारियों को ३ महीने वेतन न मिलना बड़ा ही अंतहीन सवाल है जिसने कई वरिष्ठ अधिकारियों और नियमावली के उल्लंघन की बात दिखाई दे रही है । डाइट की उथल पुथल का सबसे ज्यादा खामियाजा यहाँ के कर्मचारियों को भुगतना पद रहा है । प्राचार्य आर के मंगलानी को कोषालय द्वारा वित्तीय अधिकार नहीं दिए जाने से वेतन आहरित नहीं हो रहा है जिससे कर्मचारी परेशान है और उनके जीवनयापन पर प्रश्न चिन्ह लग गया है ।
शहडोल ।जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान के कर्मचारियों का तीन माह से वेतन भुगतान नही हुआ है , जिसके कारण सभी परेशान हो रहे है ।सूत्रों की माने तो तत्कालीन कलेक्टर ललित दाहिमा द्वारा वित्तीय नियमों की अवेहलना और पद में कनिष्ठ व्यक्ति फ़तेह सिंह सेहरा को प्राचार्य प्रभार सौपने से निर्मित विसंगति पूर्ण स्थिति और माननीय उच्च न्यायालय का स्थगन और वर्तमान जिला कोषालय अधिकारी आर एम सिंह का वित्तीय नियमों की जानकारी जिला प्रशासन को सही ढंग से न देना वेतन न मिलने का प्रमुख कारण है।
जारी किये नियम विरुद्ध आदेश
उक्त मामले के संबध में बताया जा रहा है कि लगभग विगत दो वर्षों से डाइट प्राचार्य कार्यालय प्रमुख के प्रभार का वहन सक्षम अधिकारी राज्य शिक्षा केंद्र विभागाध्यक्ष स्कूल शिक्षा विभाग प्रशासकी विभाग भोपाल म प्र शासन के आदेश दिशा निर्देशों के अनुरूप एवं तत्कालीन कलेक्टर नरेश पाल के आदेश उपरांत वहां पदस्थ सबसे वरिष्ठ एवं विज्ञप्त राजपत्रित अधिकारी वरिष्ठ व्याख्याता आर के मंगलानी द्वारा किया जा रहा था परन्तु इसी बीच चार माह पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ललित दाहिमा द्वारा नियमों के विपरीत जाकर जिला शिक्षा अधिकारी को आहरण संवितरण अधिकारी घोषित कर दिया एवं उसी के कुछ दिनों बाद प्राचार्य का प्रभार डाइट में पदस्थ कनिष्ठ व्याख्याता श्री सेहरा को दे दिया जो की पद में श्री मंगलानी से कनिष्ठ है एवं इन्हें ही आहरण संवितरण अधिकारी घोषित कर दिया जबकि नियमानुसार शासन द्वारा डाइट प्राचार्य के प्रभारी पद को आहरण संवितरण अधिकारी पूर्व में घोषित किया जा चुका है ।
प्राचार्य को प्राप्त हैं सभी वित्तीय अधिकार
चूँकि डाइट शहडोल संस्थान कई वर्षो पुराना है एवं कई वर्षों से सेवा में है जिसमे किसी अन्य अधिकारी को आहरण संवितरण अधिकारी घोषित करने की जरुरत नहीं थी ऐसा करना नियम विरुद्ध है। जबकि प्राचार्य का प्रभार ग्रहण करते ही आहरण संवितरण अधिकार स्वतः ही प्रत्यावर्तित हो जाते हैं जो कि जब से प्राचार्य का प्रभार ग्रहण के साथ ही आर के मंगलानी को मिल गए थे जिसकी कोई अवधि नही होती जिस कारण तत्कालीन कलेक्टर नरेश पाल के आदेश में भी किसी अवधि का कोई उल्लेख भी नही था।
उच्च न्यायालय ने दिया स्टे आर्डर
राज्य शिक्षा केंद्र आदेश और निर्देशों के अनुसार प्राचार्य प्रभार का वहन डाइट के वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा ही किया जाना चाहिए परन्तु यह पद श्री सेहरा को किस आधार और नियमो के द्वारा दे दिया गया यह जाँच का विषय है । इन नियम विरुद्ध फैसलों के कारण आर के मंगलानी को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्टे आर्डर पारित किया गया एवं तत्कालीन कलेक्टर ललित दाहिमा को नोटिस जारी करते हुए शपथ पत्र में जवाब देने को कहा गया ।
किस नियम के तहत कोषालय नहीं दे रहा वित्तीय अधिकार
आर के मंगलानी के पुनः प्राचार्य के प्रभार में आ जाने के बाद भी जिला कोषालय अधिकारी द्वारा आहरण संवितरण रोक कर रखा हुआ है जबकि प्रभारी प्राचार्य को कार्यालय प्रमुख होने के नाते आहरण संवितरण अधिकार प्राप्त हैं जिसका एक कारण शायद कोषालय अधिकारी का वित्तीय नियमों की जानकारी जिला प्रशासन को सही ढंग से न देना होना लगता है भी हो इन सब का खामियाजा डाइट संस्थान में पदस्थ कर्मचारियों के साथ साथ ही दो अन्य विद्यालयों व प्रौढ़ शिक्षा केंद्र के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है ।
परेशान हो रहे कर्मचारी
लगातार तीन महीनो से वेतन न मिलने से डाइट के कर्मचारी की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब हो गई है ।विभागीय उठापटक और नियम विरुद्ध कार्रवाई से सबसे ज्यादा परेशान इन कर्मचारियों को रही है । इनकी परेशानी देखने कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं आ रहा है और नियमानुसार कार्रवाई करने से कोषालय क्यों पीछे हो रहा है यह जाँच का विषय है ।