गरीबों के निवाले पर फूलचंद का डाका

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खुलेआम हो रही खाद्यान्न की कालाबाजारी
खुद के वाहनों में कोटेदार ढो रहे राशन

(विपिन शिवहरे+7987171060)
घुनघुटी। बिरसिंपुर क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। गरीबों को समय से उनके हिस्से का खाद्यान्न नही मिल रहा है। जहां मिल रहा है वहां भी लूट मची है, आलम यह है कि सरकारी मानकों को दरकिनार कर खाद्यान्न का अधिक मूल्य वसूला जा रहा है, कोटेदार खुलेआम गरीबों का हक मार रहे हैं, कोटेदार द्वारा उपभोक्ता को ही परेशान किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि चार दीवारी के अंदर चल रहा है, खुलेआम केटेदार वाहनों में आनाज भरवाकर व्यापारियों को बेच रहे हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे बैठे हुए है। कोटेदार खाद्यान्न की कालाबाजारी करके गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं, कोटेदारों के इस खेल में गरीब परिवार गेहूं में घून की तरह पिस रहे हैं। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार जहां हर माह राशन नहीं पाते वहीं जो परिवार यह राशन पाते भी हैं उन्हें घटतौली का शिकार होना पड़ता है। साथ ही निर्धारित मूल्य से अधिक पैसा ढुलाई के नाम पर लिया जाता है, कोटेदार के इस कृत्य से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ठीक ढंग से क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिनके कन्धों पर सौंपी गई है वे भी इसमें संलिप्त नजर आ रहे हैं।

खुलेआम मची लूट
गरीबों के हक का राशन काला बाजारी की परवान चढ़ता नजर आ रहा है। उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली क्षेत्र के ग्राम आमगार पंचायत में एक ट्रक में गरीबों के लिए उचित मूल्य की दुकान के लिए ले जाया जा रहा था। खबर है कि ग्राम आमागर में खुलेआम उचित मूल्य दुकानों से राशन ब्लैक किया जाता है कोटेदार की मनमानी से जहां राषन लेने वाले उपभोक्ता परेषान होते नजर आते हैं, सूत्रों का कहना है कि कोटेदार द्वारा बीच सड़क पर गरीबों के लिए आने वाला राषन को वाहनों में भरकर पूंजीपतियों तक पहुंचाने का काम करते हैं, जबकि शासन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कसावट लाने के लिए उचित मूल्य दुकानों के निरंतर निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण के निर्देश जारी किए हैं, लेकिन पाली क्षेत्र में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा, ग्रामीणों का कहना है कि कोटेदार मनमानी रेट से राशन दे रहे हैं और जो शक्कर भूमिया जाति के लिए आती है, जिसमें भी कालाबाजारी कर मनमाने रेट से गरीबों को दिया जा रहा है, ऐसा नहीं है कि इस संबंध में किसी को जानकारी नहीं है, गांव के सरपंच देवचंद सिंह का कहना है कि कोटेदार द्वारा आये दिन गरीबों को राषन न होने का बहाना बनाकर लौटे देते हैं या उन्हें दूसरे-तीसरे दिन आने की बाते कहकर गुमराह किया जा रहा है।
इनका कहना है…
ऐसा कुछ नहीं है, हमारे यहां अभी तो राषन आया ही नहीं है, रही बात कार में राषन ले जाने की तो मेरा वाहन 2-3 दिन से घर के बाहर निकला ही नहीं है।
फूलंचद सिंह
कोटेदार, आमगार

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