छत्तीसगढ़ से आईटीआई करने शहडोल आया नाबालिग बना लुटेरा

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छत्तीसगढ़ से आईटीआई करने शहडोल आया नाबालिग बना लुटेरा
महिला के बैग लूटने के आरोप में एक अन्य के साथ चढ़ा पुलिस के हत्थे
( शुभम तिवारी)

शहडोल। शुक्रवार की दोपहर करीब 11:30 के आसपास मूलत: उमरिया जिले के पाली थानान्तर्गत चंदनियां में रहने वाली 20 वर्षीय युवती अपने दो पहिया वाहन से शहडोल आई हुई थी, जहां दो अज्ञात युवकों ने उसका पीछा करते हुए उसका पर्स छीन लिया, घटना की शिकायत पीडि़ता द्वारा सोहागपुर थाने में शुक्रवार को ही दर्ज करा दी गई थी। जिसके बाद सोहागपुर पुलिस इस मामले में टीम बनाकर आरोपियों की धरपकड़ व पतासाजी करने में जुटी गई थी। 36 घंटे बाद सोहागपुर पुलिस को इसमें सफलता मिली और चोरी किये गये मशरूके और नगदी सहित दोनों आरोपी सोहागपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गये। पुलिस ने उनके पास से घटना के दौरान प्रयुक्त की गई मोटर साइकिल भी जब्त की गई है।


आईटीआई का छात्र निकला आरोपी
पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला अन्तर्गत थाना मरवाही के ग्राम दरमोहली में रहने वाले विजय तिवारी के 17 वर्षीय पुत्र हिमांशु तिवारी छग से यहां आईटीआई करने आया था, जो बीते कुछ महीनों से कल्याणपुर कोइलारी फाटक के पास रहने वाले संतोष रजक के यहां किराये पर रहता था, इसी दौरान उसकी मित्रता संतोष के 19 वर्षीय पुत्र दीपक रजक से हो गई , दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से 08 नवम्बर को राजेन्द्र टाकीज के समीप सेंट्रल बैंक से पीडि़ता को पैसा निकालते हुए देखा और उसका पीछा करने लगे, मौका पाकर सोहागपुर गढ़ी के आसपास उसका बैग छीनकर भाग गये थे, पुलिस ने इस मामले को शिकायत मिलने के बाद भारतीय दण्ड विधान की धारा 392 के तहत कायम कर जांच शुरू कर दी थी।
जब्त हुआ मशरूका, मिली सफलता
पीडि़ता ने शिकायत में पुलिस को बताया था कि उसने 20 हजार रुपये सेंट्रल बैंक से निकालते थे और 10 हजार रुपये उसके पास पहले से ही बैग में थे, इसके अलावा बैग में एक मोबाइल, पासबुक, आधार कार्ड व कुछ दवाईयां थी, पुलिस द्वारा आरोपियों के कब्जे से 23 हजार 700 रुपये व अन्य मशरूके के साथ घटना में प्रस्तुत की गई, मोटर साइकिल भी जब्त की।
सीसीटीव्ही कैमरों ने पहुंचाया आरोपियों तक
घटना और उसके बाद की गई पुलिस कार्यवाही के अनुसार शिकायत के बाद थाना प्रभारी ने सबसे पहले संबंधित क्षेत्र और आसपास के सीसीटीव्ही कैमरों को खंगालना शुरू किया, पीडि़ता के द्वारा आरोपियों की गाड़ी और कपड़ों सहित जो हुलिया बताया गया था, उनका मिलान घटना के समय के साथ सीसीटीव्ही कैमरे से किया गया। इस दौरान पुलिस के हाथ घटना में प्रयुक्त की गई, मोटर साइकिल का नम्बर लगा, जिसे नौसिखियें आरोपियों के द्वारा न तो बदला गया था न ही छिपाने का प्रयास किया गया था। मोटर साइकिल के नम्बर के आधार पर पुलिस उनके घरों तक पहुंची और वहां से आरोपियों के द्वारा घटना के दौरान प्रयुक्त किये गये कपड़ों और जूतों की पहचान हो सकी। इन्हीं के आधार पर पुलिस को सफलता मिली।
इनकी रही भूमिका
लूट की घटना का पर्दाफाश करने में पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया, उप पुलिस अधीक्षक बी.डी.पाण्डेय के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी रत्नाम्बर शुक्ला, उप निरीक्षक संजीव उइके, सहायक उप निरीक्षक रजनीश तिवारी, सहायक उप निरीक्षक बालकरण, आरक्षक विकेश पटेल, गजरूप सिंह, लक्ष्मी पटेल, प्रधान आरक्षक मुमताज कुरैशी एवं सायबर सेल के सत्यप्रकाश मिश्रा का सराहनीय योगदान रहा, पुलिस अधीक्षक द्वारा टीम को पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की गई।

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