जमुना शराब दुकान से खुलेआम हो रही पैकारी

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पुलिस और ठेकेदार के मिलीभगत से हो रहा कारोबार

भालूमाड़ा पुलिस बनी जानकर भी अनजान, जल्द होगी शिकायत 

अजय नामदेव की रिपोर्ट 

अनूपपुर। देश भक्ति जन सेवा का नारा लगाने वाली पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा आज तक इस शराब पैकारी के कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। कभी कभार शराब पकड़कर कागजी खानापूर्ती कर ली जाती हैं। कही न कही पता चलता है कि जिले भर में शराब ठेकेदारो व पुलिस के बीच सेटिंग है तभी तो खुलेआम शराब पैकारी हो रही हो और कार्यवाही नहीं हो रही है। इन दिनो अलग अलग क्षेत्रों में जमुना शराब ठेकेदार द्वारा अपने पैकारी वाले व्यक्तियों को भेजकर जगह जगह शराब भिजवाई जा रही है जिससे कि युवा वर्ग के लोग बहुत ही ज्यादा नशे के हालत में झूमते हुए दिखाई पड़ते हैं और किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटने की जिम्मेदारी शराब के नशे में होना पाया जाता है।

जमुना शराब दुकान से आस पास के गांव-गांव तक अवैध शराब की पैकारी का कारोबार शराब ठेकेदार द्वारा फैला रखा गया है। शराब ठेकेदार का साम्राज्य गांव के गलियों तक फैला पसरा हुआ है जो बिना भय व बिना रोक टोक के शराब बेचवाने का काम कर रहे हैं। शराब ठेकेदार हर जगह पर अपने गुर्गों को बैठाकर शराब बेचने का अवैध कारोबार क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा हैं। जिले से नगर व गांव के गलियों तक चारो तरफ अवैध शराब बिक्री के चलन ने जोर पकडा है। नगर का युवा शराब के लत में मदहोश होकर अपराध की दुनिया में जा रहा है, इसके बावजूद स्थानीय पुलिस अमला व आबकारी पुलिस का मौन रहना इनके कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खडा करता है।

गांव-गांव हो रही पैकारी

शराब ठेेकेदार फायदा उठाकर मजदूरों व बच्चों को शराब आसानी से मुहैया कराकर नशे के दलदल में धकेल रहे है। इन क्षेत्र में शासन के अनुरूप लायसेंसी शराब के देशी व विदेशी दुकाने होने के बावजूद नगर के प्रमुख चौराहों कालोनियों व ग्रामीण क्षेत्रों सहित पंचायतों में शराब ठेकेदार पुलिस व आबकारी के मिलीभगत से जगह जगह दुकाने संचालित करवा रहा है जिससे लोगों को शराब आसानी से मिल जाती है जिसका शिकार नये चेहरे ज्यादातर हो रहे हैं। गली मोहल्ले ने अवैध शराब बिक्री के साथ शराब के साथ-साथ पीने की भी व्यवस्था दी जाती है, ठीहों में देर रात तक जाम छलकता है। ठीहे आखिर देर रात तक खुलेआम किसके दम पर संचालित हो रहे हैं।

प्रशासन करती है खानापूर्ति-

आबकारी विभाग के नुमाइंदे शराब ठेकेदारों के आगे घुटने टेक दिये हैं जिससे वह अनूपपुर समेत आसपास के गावों में छापामार कार्यवाही करने आते तो जरूर हैं, लेकिन आने से पहले शराब ठेकेदार के सूत्र सर्तक हो जाते हैं और वह सभी को सावधान कर देते हैं। जिससे पैकारी करने वालो पर कार्यवाही नहीं होती है। क्या पुलिस के बीच में कोई गुप्तचर है जो शराब ठेकेदार के इशारों पर जानकारी देता है या फिर शराब ठेकेदार ने पुलिस पर भी तीसरी आंख लगा रखी है।

शराब के नशे से परेशान हैं महिलाएं-

सबसे ज्यादा दु:खी गृहणी महिलाएं रहती है यदि पति रोजाना शराब के नशे में चूर हो कर घर आता है तो महिला घुट-घुट का जीने को मजबूर हो जाती है। नगर की महिलायें जिनके पति और जिसके युवा पुत्र को शराब पीने की बुरी लत पकड़ चुकी है यदि उन युवकों के माता-पिता नशे के मनाही के लिए किसी प्रकार की डाट फटकार लगाते है तो वह युवक नशे में क्षुब्ध होकर अपने जान पर आतुर हो जाते हैं। जहां एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार नशा मुक्ति राज्य बनाने का सपना देख रही है वही स्थानीय स्तर पर शासन-प्रशासन व जन प्रतिनीधियों के लोग नशे का विरोध करने के बजाए उन्हे संगठित करने हेतु उन नवयुवकों को नशे का सामान आसानी से मुहैया करातें हैैं।

नशे की लत मे डूबी युवा पीढ़ी-

इन्जोयमेन्ट के नाम पर नगर के पढने लिखने वाले युवाओं को नशे ने अपराध की ओर ढ़केल दिया है। नगर के अधिकतम युवा शाम होते ही नशा कर लेतें है तथा अपने माता-पिता और परिवार के सपनों को शराब की बोतल में डुबो कर खत्म कर देते है। नेताओं के कहने पर कमीशन पर कम पैसे में शराब मिल जाने से युवाओं का भविष्य गर्त में जा रहा है।अपराध को बढाने में नशा का बहुत बड़ा योगदान होता है,जो किसी भी अंजाम को कर सकने में किसी प्रकार की हिचकीचाहट नही करते हैं। छोटी-छोटी घटनाएं बड़ी घटना का रूप ले लेती हैं जो अधिकांशत: नशे में ही होता है युवा वर्ग के लोग इतने ज्यादा नशे के प्रति आतुर हो चुके हैं कि पैसा ना मिलने पर वे चोरी जुआ आदि कई तरह के अपराध करने में उतारू हो चुके हैं।

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