दो स्टॉप डैम चढ़े भ्रष्टाचार की भेंट
मामला पुष्पराजगढ़ के पड़रिया ग्राम स्थित लुटिया नाले का
(Amit Dubey-8818814739)
अनूपपुर। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भू-जल स्तर बढ़ाने व सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए शासन से करोड़ों रूपये की राशि अर्जित कर निर्माण कार्य किये जा रहे हैं, लेकिन इन निर्माण कार्याे में विभाग के कार्यपालन यंत्री एस.बी. रावत द्वारा खुलेआम किये जा रहे भ्रष्टाचार की कलई खुद उन्हीं के विभाग के अधीक्षण यंत्री के रिपोर्ट में सामने आई है। अधीक्षण यंत्री द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद तैयार किये गये प्रतिवेदन लाखों के भ्रष्टाचार की कहानी बयां करता है। हालाकि इस मामले में कार्यपालन यंत्री को निरीक्षण प्रतिवेदन की कापी सौंपकर उनसे 10 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है, लेकिन निरीक्षण के दौरान जो अनियमितता सामने आई है, वे इस बात का खुलासा करती हैं कि निर्माण कार्याे में हुई मनमानी अब पाटी नहीं जा सकती। इस मामले में सिर्फ कार्यपालन यंत्री के खिलाफ कार्यवाही ही शेष रह जाती है।
मामला 42 लाख के स्टॉप कम रपटा का
पुष्पराजगढ़ के ग्राम पड़रिया अंतर्गत लुटिया नाला में 42 लाख 54 हजार की लागत का स्टॉप डैम कम रपटा का निर्माण किया जाना था, विभाग की ओर से सीधे किये जाने वाले इस कार्य की जिम्मेदारी खुद कार्यपालन यंत्री एस.बी.रावत की बनती है, जांच के दौरान जो तथ्य सामने आये हैं, वह न सिर्फ लापरवाही को दर्शातें हैं, बल्कि अपने पद के प्रति असंवेदनशीलता को उजागर करती है, साथ ही लाखों के भ्रष्टाचार को भी उजागर करती है। अधीक्षण यंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे ए.पी. सिंह ने अपने निरीक्षण प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि प्राक्कलन में तापीय सरिया लगाने हेतु 2217 किलो ग्राम छड़ों का प्रावधान पीसीसी हेतु किया गया है, लेकिन स्थल पर ढ़लाई किये गये पियर्स में एक भी छड़ नहीं लगाई गई।
नहीं रूकेगा डैम में पानी
अधीक्षण यंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि स्टॉप डैम के शटर एवं मध्य वियर हेतु अप स्ट्रीम में पूरी खुदाई करके एक साथ नाला बेड तक कांक्रीट की जानी थी, जिसे नहीं किया गया, इन्हें बाद में भी कांक्रीट कर जोड़ा नहीं जा सकता, जिस कारण जोड़ से पानी रिसना तय है। वहीं एबटमेंट की लंबाई भी 13.60 की जगह 9.70 मीटर रखी गई है, यदि बाद में यह बढ़ाई भी जाती है तो न तो मजबूती होगी और न ही पानी रूक सकेगा। इसी तरह कार्य स्थल पर नींव में पाई गई मिट्टी सही नहीं है। जिसका निरीक्षण खुद कार्यपालन यंत्री को करने के बाद ही प्राक्कलन तैयार करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे स्पष्ट है कि कार्य के स्थल चयन से लेकर उसके बाद तक कभी भी यहां कार्यपालन यंत्री या अन्य यंत्री नहीं पहुंचे।
बिजौरा नाला में 82 लाख का गड़बड़झाला
कार्यपालन यंत्री एस.बी.रावत के कारनामें सिर्फ ग्राम पडरिया के लुटिया नाला तक सीमित नहीं रहे, धमेहड़ी मार्ग स्थित बिजौरा नाला में भी विभाग द्वारा 82.82 लाख रूपये की राशि स्टॉप डैम कम रपटा स्वीकृत की गई थी। यहां भी जितना कार्य किया गया है, वह प्राक्कलन से पूरी तरह जुदा है, 10 जनवरी को अधीक्षण यंत्री ए.पी. सिंह द्वारा कार्य का निरीक्षण करने के उपरांत 14 जनवरी को इसकी रिपोर्ट कमिश्नर सहित विभाग के जबलपुर व भोपाल कार्यालय भेजी गई है, इसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि स्थल चयन व प्राक्कलन बनाने से पूर्व किसी भी स्तर के अधिकारी ने यहां निरीक्षण नहीं किया। प्राक्कलन अनुसार सभी पियर्स व स्टॉप डैम हेतु इंटर मीडियेट पियर्स विंगवॉल, एबटमेंट का एक साथ ले आउट देकर, एक साथ पूरी नींव खुदाई के पश्चात एक साथ बिना जोड़ के निर्माण कार्य किया जाये। तब निर्माण सुरक्षित होगा, यहां पर कार्य बंद कर दिया गया है, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई।
इनका कहना है…
रिपोर्ट मैनें सौंप दी है, जो गड़बडिय़ा थी, ठीक कर दी गई हैं।
एस.बी. रावत
कार्यपालन यंत्री
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, अनूपपुर