निलंबन की जगह कर दिया डिमोशन

मूल अंकसूची परे कर प्रबंधन को दी तीन अलग-अलग अंकसूचियां
मामला अमलाई ओसीएम में पदस्थ ओव्हर मैन विजय गौतम का


(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। एसईसीएल अन्तर्गत अमलाई खुली खदान में कार्यरत ओव्हर मैन विजय गौतम के द्वारा अपने कार्यालय में नियुक्ति और उसके बाद पदोन्नति आदि के लिये तीन अलग-अलग अंकसूचियां दी गईं, इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ। इस मामले में आवेदक द्वारा की गई शिकायत के बाद प्रबंधन ने कार्यवाही तो की, लेकिन कार्यवाही में ओव्हर मैन के प्रति मैनेजमेंट का साफ्ट कार्नर स्पष्ट नजर आया, सोहागपुर एरिया द्वारा बीते 10 वर्षों के दौरान अंकसूची में गड़बड़ी कर नौकरी की अवधि बढ़ाने और प्रबंधन को धोखा देने के मामले में दो दर्जन से अधिक कार्यवाहियां की गई हैं, इन सभी मामलों में प्रबंधन ने कर्मचारियों को या तो तत्काल निलंबित किया और कई मामलों में तो अंकसूची में कूटरचना के कारण उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये गये, लेकिन विजय गौतम के मामले में कालरी प्रबंधन का साफ्ट कार्नर खुद कोल प्रबंधन के अधिकारियों की गले की फांस बन सकता है।
यह है प्रबंधन के पत्र का सार
शिकायत के बाद अमलाई ओसीएम के उप महाप्रबंधक द्वारा 28 जुलाई को विजय गौतम के खिलाफ की गई कार्यवाही के लिये जारी पत्र क्रमांक/एसईसीएल/उक्षेप्र/अओसीएम/19/329 में यह उल्लेख किया गया है कि उप क्षेत्रीय प्रबंधक अमलाई ओसीएम के द्वारा आपका सह निलंबन व एसईसीएल/उक्षेप्र/अओसीएम/18/157 1 जुलाई 2018 के माध्यम से निष्पक्ष कार्यवाही किये जाने का उल्लेख किया गया था, उक्त जांच के उपरांत सावधानीपूर्वक कार्यवाही का प्रतिवेदन का अवलोकन किया गया, जिसमें प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करते हुए विजय गौतम को उपस्थित होकर अपने बचाव का अवसर प्रदान किया गया था, जिसके बाद जांच अधिकारी के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनानुसार विजय गौतम के विरूद्ध लगाये गये आरोपों की पूर्णत: प्रस्तुति होती है और आरोपों में पूर्णत: दोषी पाया जाता है। विजय गौतम के खिलाफ लगाये गये आरोप गंभीर प्राकृतिक के है, इसलिये आपको (विजय गौतम) कम्पनी के प्रमाणित स्थाई आदेश की धारा 27/कदाचार हेतु सजा के अन्तर्गत धारा-27.1(6) टाइम स्केल में लोवर गे्रड में पदावनत कर इलेक्ट्रिशियन केटे-वी में पदावनत किया जाता है।
हो जाना था सेवानिवृत्त
विजय गौतम द्वारा कोल प्रबंधन को तीन अलग-अलग अंकसूचियां प्रदान की गईं, जिसके एक में तो उनकी जन्मतिथि ही नहीं है, जबकि दूसरे में 15 फरवरी 1960 और तीसरे में अन्य तिथि अंकित है, वहीं थाना प्रभारी अमलाई द्वारा इस मामले की जांच करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल से जो अंकसूची मंगाई गई है, मंडल द्वारा प्रदत्त प्रमाणित द्वितीय अंकसूची में विजय गौतम की जन्मतिथि 15 फरवरी 1957 है, यदि शासकीय दस्तावेज और माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा भेजी गई अंकसूची फर्जी नहीं है तो विजय गौतम को लगभग दो वर्ष पहले ही सेवानिवृत्त हो जाना था।
तो क्या बिक चुके हंै पुलिस और महाप्रबंधक
बीते दो वर्षों से ओव्हर मैन विजय गौतम का मामला जांच में ही चल रहा है, खुद कालरी प्रबंधन के रिकार्डों में विजय गौतम के द्वारा जमा कराई गई तीन प्रकार की अंकसूचियां है, ये सभी अंकसूचियां सूचना के अधिकार से प्रबंधन ने शिकायतकर्ता को दे भी दी हैं, दूसरी तरफ पुलिस द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंडल से मंगाई गई अंकसूची इन तीनों से जुदा हैं। सोहागपुर के पूर्व और वर्तमान महाप्रबंधक व अन्य जिम्मेदारों को शिकायतकर्ता ने समस्त दस्तावेज और प्रमाणित अंकसूचियां शिकायत के साथ दी हैं, अमलाई पुलिस की जांच भी इस मामले में पूरी होकर फाइलों में पड़ी है। निलंबन व आपराधिक मामला कायम कराने की जगह कोल प्रबंधन व पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी शायद सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को मारने की जगह, उसके अंडे खाने की दिशा में काम कर रहे हैं।