बालकृष्ण अतिरिक्त प्रभार लेकर छान रहे मलाई

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(शंभू यादव+91 98265 50631 )
शहडोल। अनूपपुर जिले आदिवासी विकास विभाग में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति और संलग्निकरण उन्हें मलाई वालों पदों से नवाजना कोई नई बात नहीं है, खासकर जब मामला ऐसे पद का हो जहां 6 घंटे पढ़ाने की जगह बाबूगिरी में बिल लगाकर लाखों का जुगाड़ बनता हो, तो फिर कायदे नीचे से ऊपर तक दमतोड़ ही जाते हैं। नया मामला आदिवासी विकास विभाग में वर्षाे से जुगाड़ से जमे जिला क्रीडा अधिकारी बालकृष्ण मिश्रा का है, जो पूर्व में भाजपा विधायक के सबसे करीबी और उनके सिफारिश पर नियमों के विपरीत क्रीडा परिसर अमरकंटक में पदस्थ होने के बाद भी जिला क्रीडा अधिकारी के पद पर डटे थे।
सरकार बदली पर जुगाड़ वही
बीते तीन से चार वर्षाे के दौरान बालकृष्ण मिश्रा को नियमों से परे हटकर दिये गये जिला क्रीडा अधिकारी के पद और उनके यहां पद पर बने रहने के दौरान की जा रही लापरवाही और भ्रष्टाचार की दर्जनों शिकायतें हुई, लेकिन कोई मामला जांच या कार्यवाही तक नहीं पहुंचा। बहरहाल कई सहायक आयुक्त और कलेक्टर सहित सरकार बदल गई, लेकिन जुगाड़ सब पर भारी रहा, बीती 9 अगस्त को आदिवासी विकास विभाग द्वारा विभागीय पत्र क्रमांक 3715 के माध्यम से बी.के. मिश्रा को पुष्पराजगढ़ तहसील के अमरकंटक क्रीडा परिसर से स्थानांतरित कर उनके निज निवास के समीप शासकीय उच्चतर माध्यमिक पटनाकला में पदस्थ किया गया, यही नहीं इस मामले में पूर्व जिला क्रीडा प्रभारी शेख खलील कुरैशी भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने भी अनूपपुर ब्लाक के ग्राम बम्हनी से अपना स्थानांतरण अपनी ही ग्रह पंचायत देवहरा स्थित हाई स्कूल में करवा लिया। जबकि यहां उनके पद अनुरूप पोस्ट ही खाली नहीं थी।

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