रेलवे की हद में फिर बनने लगी पक्की दुकाने

नगर पंचायत सहित रेलवे के जिम्मेदारों ने मूंदी आंखे



(Amit Dubey-8818814739)
बुढ़ार। करीब 15 वर्ष पहले रेलवे मार्केट के नाम से जाने-जाने वाले बुढ़ार के रेलवे मार्केट में जब रेल प्रशासन का बुलडोजर चला था तो दोनों तरफ की दर्जनों दुकानें साफ हो गई थी, चूंकि जिस जमीन पर पूरा बाजार बसा था, वह जमीन रेल प्रबंधन की थी और व्यापारियों ने बिना अनुमति के अतिक्रमण कर दुकानें बनाई थी, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि रेलवे के स्थानीय जिम्मेदारों और नपा प्रशासन की इस क्षेत्र के अलावा नगर के अन्य मार्गाे व नजूल की भूमि पर अतिक्रमणकारी जिम्मेदारों के साथ मिलकर अवैध निर्माण करते रहे। बहरहाल उस समय तो रेलवे ने अपना बुलडोजर चलवाकर कानून का पाठ पढ़ाया था, लेकिन एक बार फिर सिंधी धर्मशाला से रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट की ओर जाने वाली सकरी सड़क पर पक्की दुकाने बनने लगी हैं और इस बार भी जिम्मेदार अपनी जेबे गर्म कर चुप बैठे हैं।
रातों-रात तन गई दुकानें
रेलवे मार्केट में रातों-रात दुकानों का अवैध निर्माण तेजी से हो रहा है, बीते एक पखवाड़े के दौरान 6 से 7 दुकानें एक-एक कर यहां रातों-रात खड़ी हो गई, काली मंदिर के ठीक सामने दोनों तरफ अवैध भवनों का निर्माण रेलवे की भूमि पर अभी भी जारी है, मुख्य बाजार होने के कारण छोटे-छोटे व्यापारी यहां दुकान के लिए ललायित रहते हैं और स्थानीय दबंगनुमा लोग इसका फायदा उठाकर ठेके पर दुकाने बनाकर दे रहे हैं।
सकरा हुआ मार्ग
पहले से ही उक्त मार्ग पर दोनों तरफ अस्थाई दुकाने लगने के कारण आवागमन में दिक्कत होती थी, स्थानीय निकाय के राजस्व व बाजार बैठकी वसूलने वाले कर्मचारियों के संरक्षण में यहां सड़क के दोनों किनारे छोटे व्यापारियों से बैठकी लेकर निकाय ने खुद ही अतिक्रमण को बढ़ावा दिया, इससे दिन भर जाम की स्थिति व दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती थी, अब तो पक्की दुकानों का निर्माण कर दिया गया है, जिससे यह समस्या और विकराल हो सकती है।
इनका कहना है…
मैं अभी बाहर हंू, इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता।
आदित्य त्रिपाठी
एडीईएम, रेलवे शहडोल