षडय़ंत्रपूर्वक बेची दी शासकीय जमीन
राजस्व विभाग की सांठ-गांठ

(कमलेश यादव+91 94246 83600)
ताला। बांधवगढ़ में भू-माफियाओं द्वारा शासन के जमीन पर कब्जा बनाने में कही भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है और षडय़ंत्र में राजस्व विभाग भी हाथ की सफाई करने में पीछे नहीं है। ये मामला जब प्रकाश में आया की ताला निवासियों द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन एवं कलेक्टर कार्यालय एवं तहसील मानपुर एस.डी.एम. कार्यालय मानपुर में दर्ज कराने के बाद खुलासा हुआ कि विश्व विख्यात पर्यटक स्थल बांधवगढ़ ताला में करोड़ों की म.प्र. शासन की जमीन की रजिस्ट्री फर्जी पता एवं फर्जी पट्टे के जरिए बेच दी गई, जिसमें बड़े-बड़े पूंजीपति लोग गरीब आदिवासियों के नाम का सहारा लेकर सरकारी जमीन में बिजनेस चलाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह है मामला
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व क्षेत्र के अन्तर्गत तहसील मानपुर के पटवारी हल्का ताला की आराजी खसरा नं. 53 जिसका मूल रकवा 23 डिसमिल है, जो वर्ष 1958,1959 के रिकार्ड में म.प्र. शासन दर्ज है। जो तत्कालीन पटवारी द्वारा कुल रकवा बढ़ाकर 1 एकड़ 57 डिसमिल कर दिया गया जिसमें वर्ष 1989,1990 में ताला निवासी राम जियावन बैगा के नाम पर प्रकरण क्रमांक अ (19)1342 के जरिए 50 डिसमिल का व्यवस्थापन नायब तहसीलदार ताला के द्वारा स्वीकृत किया गया जो न्यायलय में जांच किया गया किन्तु अभी तक प्राप्त नही है, जो संदेहस्पादक है। जिसे वर्ष 2009 में तत्कालीन पटवारी द्वारा बिना रजिस्ट्री का हवाला दीए बगैर फर्जी तरीके से ग्राम पंचायत के नामांत्रण पंजी का हवाला देते हुए परदेशी पिता रमेश बैगा उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम ताला के नाम से खसरे में प्रवीस्टी कर दी गई जो की परदेशी नाम का व्यक्ति निवासी ताला की उम्र लगभग बहुत ज्यादा थी वर्तमान में इस दुनिया में नही है, परदेशी के बच्चे अथवा उसके परिवार वालों से पूछा गया तो परदेशी के परिवार वालों का कहना है, की 53 नं. की मेरी कोई जमीन नही है। न ही मेरे दादा एवं पिता जी जमीन 53 नं. की कोई जमीन बेंचे ।
षडय़ंत्र कर बेची शासन की जमीन
उपरोक्त जमीन के विषय में विविध हो की म.प्र. शासन की जमीन का व्यवस्थापन यदि लीगल तरीके से किया भी जाता है तो भू राजस्व संहिता के बनाये नियमों के अधीन बगैर कलेक्टर के अनुमति के बिना अथवा बगैर भूमि स्वामि के अधिकार प्राप्त किये बिना व्यवस्थापन की जमीन का विक्रय नहीं किया जाता यदि आदिवासि भूमि में कोई समान्य अथवा अन्य वर्ग के व्यक्ति द्वारा कार्य किया जाता है तो वह नियम विरुध्द है। किन्तु उपरोक्त जमीन में मानपुर के पूजीं पतियों द्वारा दबंगई से जहां से रोज बड़े से बड़े अधिकारी गुजरते है उस रोड में खड़ा होकर फर्जी तरीके से विक्रय की गई जमीन एवं म.प्र. शासन आराजी खसरा नं. 52 पर रकवा 23 डिसमिल पर निर्माण कार्य एवं ताला से मानपुर राज्य मार्ग से सटाकर बाऊन्ड्रीवाल का निर्माण करा दिया गया है जो की वर्तमान में अंधा मोड़ है, जहां पर रोज आये दिन एक्सीडेंट होने की संभावना बनीं रहती है। ग्रामीणों के कहने को मानें तो ये मामला जिला के मुखिया एवं तहसील तक के अधिकारियों के संज्ञान में है किन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे ऐसा प्रतीत होता है की विभाग की भी सहभागिता निर्माण कराने में है।