सामुदायिक भवन पर नेताजी का कब्जा ?

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जानकर भी अनजान बने स्थानीय अधिकारी
हर समय चलता है पार्टियों का दौर

(Amit Dubey+91 8818814739)
उमरिया। सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रदेश के मुखिया ने जीरो टॉलरेंस की बातें कहीं थी, लेकिन उमरिया जिले की भ्रष्टाचार जनपद में शुमार मानपुर में इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है, मानपुर तहसील की बल्हौड़ रेत खदान में नियम टूटने के बाद प्रशासन ने खदान को बंद करा दिया और भण्डारण पर भी रोक लगाई गई है, पंचायत को अपनी मु_ी में रखने वाले रीवा के भगवाधारी नेता गजेन्द्र सिंह की सल्तनत अभी भी बल्हौड़ में बरकरार है, भले ही प्रदेश में सरकार बदल गई हो, लेकिन भगवाधारी का जलवा कायम है। शासन की संपत्ति पर पंचायत की सह पर अवैध कब्जा कर पार्टियां मनाई जा रही है, ग्रामीण भीषण गर्मी में पानी के लिए परेशान है और सामुदायिक भवन में आरो की बंद बोतलों से खाना पक रहा है।

कब्जे में सामुदायिक भवन
बताया गया है कि बल्हौड़ रेत खदान की मंजूरी से लेकर उसके संचालन तक भगवाधारी नेता ने पंचायत को अपने कब्जे में करके सारी अनुमतियां हासिल करवाईं, रीवा और उसके आस-पास के लगे क्षेत्रों से अपने गुर्गाे के माध्यम से शासन की राशि से निर्मित सामुदायिक भवन पर नेताजी ने कब्जा कर रखा है और वहीं से अवैध गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, इस पूरे मामले में पंचायत के प्रतिनिधि और स्थानीय लोगों की सांठ-गांठ से ही पूरा खेल-खेला जा रहा है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी वरिष्ठों को नहीं है, सूत्रों की माने तो भगवाधारी के चंद टुकड़ों के आगे अधिकारी भी बेबस नजर आ रहे हैं।

पार्टियों का दौर
भीषण गर्मी में जहां ग्रामीणों को पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है, वहीं सामुदायिक भवन में भगवाधारी नेता और उनके गुर्गाे के लिए कूलर लगवाया गया है, इतना ही नहीं बल्हौड़ में आरो की बंद केन से खाने की व्यवस्था की जा रही है, पूरे सामुदायिक भवन को पंचायत ने भगवाधारी के हवाले कर दिया है, बताया गया है कि यहां पर पार्टियों का दौर भी चलता है, सामुदायिक भवन को रेस्ट हाऊस का रूप दे दिया गया है। पूरे क्षेत्र में पानी की समस्या से ग्रामीण परेशान है, जिला प्रशासन हर प्रयास से पानी पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, वहीं बाहरी लोगों के द्वारा भवन में कब्जा करके पानी की बर्बादी की जा रही है।

क्यों खाली नहीं हो रहा भवन
जहां एक तहसील सहित जिले में बैठे अधिकारी छोटी जमीन कब्जा होने पर उसे खाली करवाने पुलिस बल के साथ पहुंच जाते हैं, लेकिन सामुदायिक भवन के मामले में उनके पसीने छूट रहे हैं, जब इसकी जानकारी जनपद में बैठे अधिकारियों को है, इसके अलावा राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी है, इसके बाद भी भवन पर कब्जा होना जहां स्थानीय अधिकारियों की कार्यशैली को उजागर कर रही है, वहीं कथित रेत ठेकेदार की पहुंच व अधिकारियों की बेबसी भी समाने ला रही है। स्थानीय लोगों ने कलेक्टर से मांग की है कि अब उन्हें इस मामले में पहल कर उक्त भवन में हुए कब्जे को मुक्त कराना होगा।

कार्यवाही की मांग
सरकार ने वर्ष 2017 में नये रेत खनन नीति लागू की थी, जिसमें स्पष्ट तौर पर उल्लेख था कि रेत खदानों का संचालन पंचायतों के माध्यम से किया जायेगा, जिसमें बाहरी व्यक्तियों का कोई दखल नहीं होगा, इतना ही नहीं रसूखदार, दबंग, अपराधी को खनन प्रक्रिया से दूर रखना होगा, लेकिन बल्हौड़ में नीति भी बेबस नजर आ रही है, सूत्र बताते हैं कि भगवाधारी नेता चाहे वह प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी हो, उसे अपने रसूख के बल पर, अपनी पहुंच का हवाला देकर बल्हौड़ की ओर रूख करवाने से रोक देता है। ग्रामीणों ने संभागायुक्त शोभित जैन, पुलिस महानिरीक्षक एस.पी. सिंह, कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी और पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा से संज्ञान लेते हुए सामुदायिक भवन खाली कराने और पंचायत प्रतिनिधियों पर कार्यवाही की मांग की है।
इनका कहना है…
सामुदायिक भवन में कब्जे की शिकायत मिली थी, पंचायत से जानकारी मंगाई गई तो उन्होंने कहा कि वह रेत खदान का कार्यालय संचालित कर रहे हैं, पूरा मामला एसडीएम के संज्ञान में है, वहां से प्रतिवेदन आते ही कार्यवाही की जायेगी, बाहरी लोगों से सामुदायिक भवन को मुक्त कराया जायेगा।
सुरेन्द्र तिवारी
सीईओ, जनपद पंचायत
मानपुर

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