हाट बाजार खरीदी केन्द्र निर्माण में सरकारी पैसे की होली

अपनी दुकान योजना में वन अमले और ठेकेदारो की मिलीभगत

(रामनारायण पाण्डेय+91 99938 11045)
जयसिंहनगर। केन्द्र सरकार की एमएफसी-एमएसपी योजाना के तहत हाट-बाजार का निर्माण कार्य मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज एवं व्यापार विकास संघ के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले हाट-बाजार के स्थान पर कराये जाने के उद्येश्य से राशि स्वीकृत कर संघ को दी गई थी, जिसे राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा जिला यूनियन उत्तर शहडोल अन्तर्गत हाट-बाजार (अपनी दुकान) के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर जिला यूनियन के प्रस्ताव अनुसार की गई थी। जिससे वन परिक्षेत्र जयसिंहनगर अन्तर्गत करकी-विजहा एवं जयसिंहनगर में, वन परिक्षेत्र अमझोर अन्तर्गत अमझोर, सीधी एवं बनसुकली में तथा वन परिक्षेत्र पूर्वी ब्यौहारी अन्तर्गत बेडरा तथा साखी में हाट-बाजार का निर्माण कार्य प्राक्कलन अनुसार करने के आदेश के माध्यम से पत्र प्रबंध संचालक जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित उत्तर शहडोल द्वारा सम्बन्धित वन परिक्षेत्राधिकारियों द्वारा जारी किये गये थे। जिसमें से कुछ स्थानों पर निर्माण कार्य पूर्ण हुआ तो कहीं अपनी दुकान अधूरी पड़ी है, साथ ही कुछ स्थानों पर राशि के भुगतान के बाद भी निर्माण प्रारंभ नही हुआ है।
मौके से समाग्री गायब
वन परिक्षेत्राधिकारी पूर्वी ब्यौहारी द्वारा साखी तथा बेडरा क्षेत्र में हाट-बाजार नहीं होने के बाद भी फारेस्ट वैरियर कैम्पस साखी तथा फारेस्ट कैम्पस बेडऱा के अन्दर में हाट बाजार की बिल्डिंग बनवा डाले, जिसकी सामग्री सप्लाई का पूरा भुगतान भी जिला लघु-वनोपज यूनियन उत्तर के अध्यक्ष के सगे संबंधी की फर्म मेसर्स मिश्रा फर्नीचर मार्ट एण्ड ट्रेडर्स ब्यौहारी तथा उनके करीबी मेसर्स उमाकान्त तिवारी ब्यौहारी की फर्मों के देयकों के आधार पर कर दिया गया, इसी तरह वन परिक्षेत्र अमझोर के प्रभारी वनपरिक्षेत्राधिकारी द्वारा भी पूरी सामग्री प्रदान नहीं होने के बाद भी उक्त सप्लायरों के देयकों के अनुसार पूरी सामग्री वन कैम्पस के अन्दर प्राप्त होना दर्शाकर भुगतान करा दिया गया, मौके पर आज भी पूरी सामग्री नहीं है।
निर्देश के बाद कार्य अधूरा
वन परिक्षेत्र जयसिंहनगर अन्तर्गत फॉरेस्ट सर्किलों में कैम्पस के भीतर बाकायदे हाट-बाजार भवन निर्माण हेतु गड्ढे खुदवा लिये गये हैं, किन्तु उसी बीच उक्त रेन्ज में ट्रेनिंग के लिये आईएफएस के आ जाने के कारण उक्त सप्लायरों द्वारा फर्जी बिल देना तथा तत्काल फॉरेस्ट कैम्पसों के अन्दर हाट-बाजार की बिल्डिंग बनवाने का बार-बार मुख्य वन संरक्षक शहडोल वनवृत्त तथा वनमण्डलाधिकारी द्वारा पत्र जारी किये जाने के बाद भी कार्य प्रारम्भ नहीं कराया गया। प्रदायकों द्वारा प्रस्तुत किये गये फर्जी देयक आज भी वन परिक्षेत्र जयसिंहनगर की शोभा बढ़ा रहे हैं। जिसमें 20 एमएम तथा 40 एमएम गिट्टी एवं रेत के देयक मेसर्स उमाकान्त तिवारी द्वारा प्रत्येक स्थान पर दिये गये हैं, तथा लोहा, सीमेंट के देयक मेसर्स मिश्रा फर्नीचर मार्ट एण्ड ट्रेडर्स ब्यौहारी द्वारा प्रस्तुत किये गये हैं, किन्तु भुगतान आज भी लंबित है।
औचित्यहीन निर्माण