…तो क्या 379 की बेडिय़ों से रूकेंगे कोल माफिया के बढ़ते कदम

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(अमित दुबे+8818814739)
शहडोल। 2 दिन पहले सोहागपुर पुलिस ने छत्तीसगढ़ के एक ट्रेलर को अवैध रूप से चोरी का कोयला ले जाते हुए पकड़ा था, इस मामले में पुलिस ने प्रथम दृष्टव्या ट्रक में कोयले के वैध होने संबंधी दस्तावेज न होने के कारण भादवि की धारा 379 के तहत चालक पर अपराध कायम किया था। बीते तीन दिनों में पुलिस इस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई, अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के कोयला कारोबारी का अनूपपुर व शहडोल में कोयले के अवैध कारोबार में हुए दखल की परिणिति ही थी कि यहां से अवैध रूप से कोयले का उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा था, यह भी बात सामने आई कि उक्त कोयले को वैध साबित करने के लिए पुलिस को ईटीपी और अन्य दस्तावेज दिये गये थे, लेकिन पुलिस ने इन दस्तावेजों की पुष्टि नहीं की है। चर्चा यह है कि छत्तीसगढ़ से शहडोल संभाग में म.प्र. के किसी बड़े नेता के आशीर्वाद पर कोयले का अवैध कारोबार शुरू हुआ और शहडोल के बटुरा-बिछिया क्षेत्र से यह कोयला उत्खनन के बाद कटनी की मण्डी में भेजा जा रहा था।
इस मामले में पुलिस ने अभी तक दस्तावेज न मिलने के बाद भी खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन का मामला नहीं बनाया, यही नहीं जो दस्तावेज पुलिस के पास पहुंचे थे, उनके फर्जी होने के बाद भी उनकी जब्ती और उस आधार पर कूटरचना व धोखाधड़ी जैसी दिशा में जांच व धाराएं बढ़ाने का प्रयास अभी तक नहीं दिख रहा है।
खाली वाहनों की साल भर में होती है छुट्टी
जिले में इससे पहले भी अवैध उत्खनन और परिवहन की कार्यवाहियां की गई है, खनिज विभाग व थानों के रिकार्ड खंगाले जायें तो वर्ष 2018 के अंत व 2019 की शुरूआत में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन के मामले में कई वाहन साल-साल भर बाद जुर्माना भरकर छूटे हैं। यही नहीं कई वाहनों को तो कलेक्टर द्वारा राजसात करने के भी आदेश दिये गये, लेकिन यहां कोल माफिया के खिलाफ कार्यवाही में जो बातें सामने आ रही हैं, वह समझ से परे हैं।
यह था मामला
सोहागपुर पुलिस ने 19 जनवरी रविवार को सुबह छत्तीसगढ़ के कोयले से लदा हुआ जप्त किया था, सीजी 10 एम 5312क्रमांक के इस कोयले से लदे ट्रेलर में कोयला कहां से लोड हुआ और कहां जा रहा था ,यह तो पुलिस के खुलासे के बाद ही सामने आएगा, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस कोयले को बुढार के एक व्यापारी ने बटुरा -बकही क्षेत्र से लौड कराया था। पुलिस यदि कोयले की ग्रेड की जांच करें तो स्पष्ट हो जाएगा कि बकही बटूरा क्षेत्र से निकलने वाले कोयले की ग्रेड जो 50 से 55 के बीच में मानी जाती थी , वहीं बिलासपुर से आने वाले कोयले की ग्रेड स्थानीय कोयले के अनुपात में 25 प्रतिशत भी नहीं रहती, यही नहीं परिवहन के दौरान खनिज विभाग की ईटीपी वाहन के साथ पुलिस को नही मिली थी, अगर वह सामने रखी जाती है तो वह कब जनरेट हुई थी और बिलासपुर से लेकर कटनी जाने के दौरान उसे कितना समय लगता है, ईटीपी जनरेट होने के बाद कोयले को बिलासपुर से यहां आने में कितना समय लगा ऐसे कई पहलू हैं जिन पर अभी जांच करना बाकी है।
सुर्खियां मिली बाद में
पुलिस सूत्रो की माने तो सोहागपुर पुलिस ने रविवार को बुढार पुलिस से पहले ही अवैध कोयले को परिवहन के दौरान पकड़ा था, पकड़ा गया वाहन थाने लाया गया, लेकिन थाने में बिलासपुर के कथित कारोबारी के प्यादो से मोल-भाव होता रहा। कुछ कागज अवैध कोयले के वैध होने के संबंध में दिखाये भी गये, लेकिन तब तक शायद काफी देर हो गई थी, खबर तो यह भी हैै कि सोहापुर पुलिस के द्वारा जिस चालक को पकड़ा गया था, उसी ने कोयला लोड होने की जगह बुढ़ार बताई थी, इसी सूचना पर बुढ़ार पर भी कार्यवाही हुई, लेकिन वह सोहागपुर से पहले ही सुर्खियों में आ गई।

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