गरीब बेवा पात्रता के बावजूद नहीं पा सकी पक्का आवास

अधिकारियों से की शिकायत, पंचायत में हो रही मनमानी
शहडोल। आदिवासी बहुल शहडोल जिले में केन्द्र सरकार की महत्वाकंाक्षी योजनाओ का लाभ समुचित रूप से जरूरतमंद हितग्राहियों तक नहंी पहुच पा रहा है। इसका कारण है शासकीय अमले की गैरजिम्मेेदाराना कार्यशैली। उज्वला और प्रधानमंत्री आवास जैसी केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं भी लोगों का अधिक कल्याण नहीं कर पा रहीं हैं। योजनाओं के लिए मैदानी स्तर पर सर्वे कर पात्र हितग्राहियों का चयन किया जाता है। इसके बाद मूल प्रक्रिया को दर किनार कर मनमानी कारस्तानियां अंजाम दी जातीं हैं। संभाग मुख्यालय शहडोल नगर सहित जिले के ग्रामीण अंचलों मेें भी यही स्थिति चल रही है। सरकार धन देती है, संसाधन उपलब्ध कराती है उसके बावजूद निर्धन लोग अपनी दुर्दशा से उबर नहीं पाते हैं। जयसिहनगर जनपद के ग्रामपंचायत महनी में इस योजना को लेकर शिकायतें आ रही हैं। एक पीडि़त महिला हितग्राही ने जनपद सीइओ का ध्यान आकृष्ट कराया है। उसका कहना है कि उसे न तो उज्वला योजना का लाभ मिला है न प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिल पा रहा है।
सीइओ से लगाई गुहार
पंचायत की केशपती तिवारी पति स्व.रामबोध तिवारी ने सीइओ जयसिंहनगर व सीईओ जिला पंचायत से फरियाद की है कि उसका नाम गरीबी रेखा में है पर उसे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वह आज भी कच्चे मकान में जो कभी भी गिर सकता है में रह रही है। वह बीमार भी रहती है,बार बार उसके कहने पर भी उसकी दशा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उपेक्षाओं के कारण उसे येाजना का लाभ नहीं मिल रहा है उसकी हालत को ध्यान में रखते हुए उसे योजना का लाभ दिया जाए।
दे रहे धमकी
पीडि़ता ने बताया कि बार बार आग्रह करने पर संबंधितों द्वारा उसे धमकाया गया है कि ज्यादा शिकायत करने या मांग करने पर आवास लिस्ट से नाम काट दिया जाएगा। उसकी कहीं कोई सुनवाई भी नहीं होगी, इसकी जानकारी कलेक्टर शहडोल को दी गई है। पीडि़ता का कहना है कि आवास आईडी में उसकी पुत्री का नाम भी जोड़ दिया जाए ताकि यदि पीडि़ता को कुछ हो जाए तो आवास उसकी पुत्री को मिले।
उज्वला योजना से भी वंचित
पीडि़ता ने बताया कि वह अभी तक उज्वला योजना के लाभ से भी वंचित है उसे न गैस मिली है और न चूल्हे से राहत मिली है। वह आज भी लकड़ी कंडा जलाकर खाना बनाने को विवश है। जबकि कई बार उससे योजना के लिए पूछताछ की गई। कागज भी देखे गए, गरीबी रेखा में हेाने के बाद भी और उसके द्वारा कई बार कहने के बाद भी उसे उज्वला योजना का लाभ नही मिला है। ग्रामपंचायत में निरीह पीडि़तों की ओर ध्यान दिए जाने की बजाय सक्षम लोगों की ओर अधिक ध्यान दिया जाता है। जो पात्र नहीं हैं उन्हे पात्र दिलाया जा रहा है।