शहडोल की राधारानी सहित उमरिया की कमला स्कूल ऑफ नर्सिंग की मान्यता रद्द

जबलपुर। मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन फर्जीवाड़े से जुड़ी जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई, जबलपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने अपने दायित्वों के निर्वहन में नाफरमानी कर रही नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार को निलंबित करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि तत्काल नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार के स्थान पर प्रशासक नियुक्त किया जाए और अगले आदेश तक प्रशासक ही नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार का कार्यभार संभालेगा, प्रदेश में खुले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों से संबंधित एक महत्वपूर्ण याचिका लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में दायर की थी, याचिका के माध्यम से बताया गया था कि किस तरीके से नियमों को ताक पर रखते हुए दुकानों, कार शोरूम और ऐसे स्थान जो मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं, वहां नर्सिंग कॉलेजों को ना केवल खोल दिया गया, बल्कि बाकायदा उन्हें मान्यता भी दे दी गई, जब पूरा मसला हाईकोर्ट पहुंचा तो, इसे विस्तार देते हुए हाईकोर्ट ने पूरे मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों का विवरण तलब कर लिया।
शहडोल-उमरिया का भी नाम
मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल विभाग ने पत्र में उल्लेख करते हुए लिखा है कि 2020-21 में मान्यता प्राप्त नर्सिंग कालेजों को अकादमी भवन, छात्रावास, लैब, उपकरण, संबंद्ध अस्पताल के समस्त आवश्यक दस्तावेज एवं फोटो तथा नर्सिंग कॉलेज के अन्य समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराने को लिए 10 मई तक का समय दिया गया था, लेकिन प्रदेश के अन्य जिलो सहित शहडोल का राधारानी नर्सिंग कॉलेज एवं उमरिया का कमला स्कूल ऑफ नर्सिंग उमरिया की मान्यता नियम 2018 के नियम 7 के अनुसार कार्यवाही करते हुए शैक्षणिक सत्र 2021-22 की मान्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाती है।
रजिस्ट्रार ने यह दिया था जवाब
पिछले दिनों से इस पूरे मामले पर सुनवाई जारी थी, नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार जनरल से शपथ पत्र में जवाब मांगा गया था, आज हुई सुनवाई के दौरान नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता सिजु ने शपथ पत्र पेश कर जवाब दिया और यह बताया कि 94 नर्सिंग कॉलेजों की अनुमति इस वर्ष नहीं दी गई है, इसके अलावा 93 नर्सिंग कॉलेजों को बिल्डिंग भवन संबंधी नोटिस का जवाब ना देने के कारण उनकी मान्यता निलंबित कर दी गई है, नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार ने यह भी बताया कि जब से याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, उस दरमियान 49 नए नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई है, जिन का निरीक्षण भी कर लिया गया है और सत्यापन करने के बाद ही अनुमति जारी की गई है।
दो सप्ताह बाद अगली सुनवाई
रजिस्ट्रार के शपथ पत्र में पेश किए गए जवाब के बाद याचिकाकर्ता ने इसे झूठा बताया और कोर्ट के सामने वो साक्ष्य पेश किए जो बताते हैं कि नर्सिंग कॉलेज गैरकानूनी तरीके से चल रहे हैं, याचिकाकर्ता ने 10 नर्सिंग कॉलेजों का उदाहरण पेश करते हुए बताया कि किस तरह से नर्सिंग कॉलेज शटर वाले भवन में और डुप्लीकेट फैकल्टी के साथ खोले गए हैं, कोर्ट में पेश किए गए तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए हाईकोर्ट ने ना केवल इस पर बात पर गंभीरता जताई बल्कि नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दे दिए, पूरे मामले पर अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद तय की गई है।