निर्माण कार्यों मेंं गुणवत्ता नहीं, मजदूर भुगतान से वंचित

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कमिश्नर की जनसुनवाई में ग्रामीणों ने की शिकायत

बरकछ ग्राम पंचायत बढ़ते भ्रष्टाचार के  कारण आए दिन सुर्खिया बटोर रही है, जिससे न तो विकास कार्य समुचित ढंग से हो रहे है और न  लोगों को योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है। हर मामले में पंचायत प्रतिनिधि भ्र्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि ग्रामीण परेशान हैं।

शहडोल। जयसिंहनगर जनपद अंतर्गत स्थित ग्रामपंचायत बरकछ में एक अर्से से अनियमितता व्याप्त है, लेकिन इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि इस संबंध में लगातार शिकायतें की गईं हैं। जनपद  सीईओ कार्रवाई की दिशा में पहले करते नजर नहीं आते हैं। इन परिस्थितियों के कारण पुन: शिकायत की गई है। ग्रामीणों ने कमिश्नर की जनसुनवाई में शिकायत कर अनियमितताओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया  है और जांच करा कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

नाडेप निर्माण में बरती धांधली

कमिश्नर से की गई शिकायत में लेख किया गया है कि वर्ष 2021-22 में बनाए गए सोकपिट एवं नाडेप निर्माण में सरपंच व सचिव द्वारा भारी अनियमितता की गई है। इस कार्य में शासन के नियमों का पालन नहीं करते हुए मनमाने तरीके से सोकपिट एवं नाडेप निर्माण कराए गए। जिसमें 1 लाख 26 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। मजदूरों के  खातों में मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया बल्कि  सीधे वेण्डरों के खाते में डाल दिया गया है। जबकि शासन द्वारा मजदूरों की मजदूरी उनके खातों में जमा करने का नियम है। सरपंच दादूराम कोल एवं प्रभारी सचिव पुजेरी प्रसाद मिश्रा द्वारा शासन के नियमों की निरंतर अनदेखी की जा रही है।

राशि निकल गई काम अधूरा पड़ा

वर्ष 2018-19 में राजीव शिक्षा मिशन योजना के अंतर्गत बरकछ नंबर 2 के विद्यालय में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कराया जा रहा था। जिसमें एक लाख रुपए की राशि आहरित कर ली गई थी। लेकिन इसका कार्य आज तक अपूर्ण है। इस संबंध में सरपंच व सचिव कोई जानकारी भी नहीं दे रहे हैं। बताया जाता है कि अतिरिक्त कक्ष के निर्माण की लागत एक लाख ही थी। राशि तो पूरी निकल गई लेकिन निर्माण अधूरा ही पड़ा है।

मजदूरों का पैसा दूसरों को दिलाया

प्रधान मंत्री आवास योजना अंतर्गत स्व. रमागोविंद द्विवेदी के आवास में  कार्य करने वाले मजदूरों के खाते में मजदूरी भुगतान न कर अन्य व्यक्तियों के खातों में मजदूरी भुगतान  किया गया है। जबकि हर मजदूर स्वयं खाताधारक है। प्रभारी सचिव पैसों की लालच में मजदूरों के नाम पर जो पैसा भाऊराम द्विवेदी एवं मानवती द्विवेदी के खाते  में डाला गया वह अतिवृद्ध हैं और मजदूरी करने योग्य नहीं हैं। इन्हे वृद्धा पेंशन भी मिलती है। सचिव द्वारा भ्रष्ट आचरण करते हुए शासन की नीतियों का सही ढंग से पालन नहीं किया गया है। इसी प्रकार अंजू द्विवेदी पत्नी दिलीप द्विवेदी, संजू द्विवेदी आदि  के खातों में राशि डालकर आहरित की गई है। वास्तविक मजदूरों को मजदूरी से आज तक वंचित रखा गया है।

ध्वस्त हो गया कपिलधारा का कुंंआ

शिकायत में  बताया गया है कि वर्ष 2009-10 में पूर्व सचिव बीरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी द्वारा कपिलधारा कूप निर्माण योजना के तहत कई कूप बनवाए गए थे जो कि घटिया होने के कारण ध्वस्त हो गए। यह कूप कलवा पिता लखना कोल, भाऊ पिता बंटू कोल, महाबीर कोल व ननकू कोल के खेतों में बनवाये गए थे। इनकी खोदाई तो कराई गई थी लेकिन इनकी बंधाई नही कराई गई थी। सभी कूप ध्वस्त हो चुके हैं गरीब किसान परेशान हैं। इसी सचिव द्वारा पंचवन योजना के तहत वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपए आहरित किए गए लेकिन पौधे कहीं दिखाई नहीं पड़ते। स्वच्छता अभियान के तहत उपयोग किया जाने वाला हाथरिक्सा शासन के पैसों से खरीदा गया जिसे पंचायत भवन में रखा जाना चाहिए। उसे भी पूर्व सचिव अपने घर में रखेे है।

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