24 घंटे में छत्तीसगढ़ से सुरक्षित लाई गई नाबालिक बच्ची

आशीष कचेर अमलाई । थाना क्षेत्र अंतर्गत निवासरत 17 वर्षीय किशोरी बीते दिनों अपने घर से गायब हो गई थी 2 दिनों तक परिजनों ने उसकी तलाश की और जब बच्ची घर पर नहीं मिली तो 2 दिनों बाद हमारी थाने में इसकी शिकायत की गई घटना के संदर्भ में बच्ची की मां ने अमलाई थाने पहुंचकर पुलिस को बताया कि 20 मार्च को उसने बच्ची को किसी बात को लेकर डांट दिया था जिसके बाद बच्ची घर से गायब हो गई थी रिश्तेदारों परिजनों के यहां खून आ गया लेकिन जब बच्ची नहीं मिली तो थक हार कर 23 मार्च को थाने में शिकायत दी गई।
नाबालिक बच्ची का मामला होने के कारण पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया इसकी सूचना धनपुरी अनुविभागीय अधिकारी को भी दी गई वही शहडोल पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक को जानकारी दी गई और उसके बाद अलग-अलग टीमें बनाई गई थाना प्रभारी जेपी शर्मा ने बताया कि तीन से चार टीमें बनाई गई तथा परिजनों के बताए स्थानों पर दबिश दी गई रिश्तेदारों के यहां भी उन्हें लेकर आया गया उन्होंने कहा कि चुकी गुमशुदा बच्ची नाबालिग थी और परिजनों की आर्थिक स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं थी कि वह अपने खर्चे पर उसे ढूंढ सके जिस कारण पुलिस ने अपने वाहन में ले जाकर कई जगह उसकी तलाश की लेकिन बच्ची का कहीं पता नहीं चला इसके बाद मुखबिरो से पुलिस को जानकारी मिली कि बच्ची ट्रेन से छत्तीसगढ़ की ओर गई हुई है पुलिस परिजनों से जानकारी लेने के बाद इस बात की तस्दीक की कि छत्तीसगढ़ के जी पीएम के गौरेला में ग्राम डोगरा टोला में बच्ची की रिश्तेदार रहते हैं जहां बच्चे को लेने के लिए पुलिस बल जिसमे एस आई श्री टेकाम,ए एस आई महेंद्र सिंह
और साथ में महिला आरक्षक श्रुति यहां से रवाना हुआ और आखिरकार उन्हें सफलता मिल गई अपने रिश्तेदार के यहां थी बच्ची ने बताया कि मां से नाराज होकर घर से निकल गई थी और ट्रेन में बैठ गई थी उसके पास खाने और किराए तक को पैसे नहीं थे लेकिन यह सुखद पहलू था कि सुरक्षित अपने रिश्तेदारों के यहां पहुंच गई थी जिसके बाद पुलिस उसे वापस लेकर अमलाई थाने पहुंची और परिजनों के सुपुर्द किया गया पीड़ित बच्ची की मां तथा परिजनों ने अमलाई थाना प्रभारी जेपी शर्मा सहित शहडोल पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक को ऑपरेशन मुस्कान के लिए साधुवाद दिया कहा कि यदि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की होती तो उनकी बच्ची शायद ही उन्हें मिल पाती।