विश्व पृथ्वी दिवस पर विश्वविद्यालय में प्रतियोगिताएं हुई आयोजित

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण हित में हुए आयोजन
आशीष कचेर 9479707671
शहडोल। हमारे पृथ्वी के संरक्षण के संरक्षण के लिये प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया
जाता है। पृथ्वी दिवस की शुरूआत वर्ष 1970 से हुई थी, पृथ्वी के संरक्षण एवं संर्वधन के प्रति जागरूकता फैलाने के
उद्देश्य से पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी के संरक्षण में बहुत सारी चुनौतियां आती हैं, इसमें जनसंख्या का तेजी
से बढऩा, मृदा अपघटन, जल प्रदूषण, वृक्षों की कटाई जैसी चुनौतियां प्रमुख हैं। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का
कारण बहुत हद तक मानवीकृत है। हमारी पृथ्वी को किन कारणों से नुकसान पहुंच रहा है और इसे किस तरह कम
किया जा सकता है, यह जानने के लिये जागरूकता जरूरी है। हर साल पृथ्वी दिवस अलग-अलग थीम के साथ समाज
में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
अमेरिकन सिनेटर गिलार्ड-नेशन ने की ‘अर्थ डे’ की पहल
1969 में शांता बरबरा कैलिफोर्निया में तेल का रिसाव हुआ था, जिसके कारण बहुत नुकसान हुआ था। इस घटना को
दृष्टिगत रखकर अमेरिकन सिनेटर गिलार्ड-नेशन ने ‘अर्थ डे’ की सबसे पहले पहल की थी। इस दिवस को मनाने का
मुख्य कारण उस समय तेल रिसाव, विशैले पदार्थ, प्रदूषण फैलाने वाले बैक्टीरिया, जंगलों का कटाव तथा जीवों की
हत्या होने की समस्या थी। तदोपरांत पर्यावरण से संबंधित अन्य मुद्दों को भी संज्ञान में लिया गया है। वर्ष 1969 में
सेंट फ्रांसिस्को में आयोजित यूनेस्को सम्मेलन में प्रति वर्ष पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाना तय किया गया था। इस
दौरान शांति कार्यकर्ता जॉन मेक मोनल ने धरती माता के संरक्षण का प्रस्ताव रखा। हमारी धरती विभिन्न प्रदूषकों
की वजह से ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या से जूझ रही है। अक्षत ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने, जीव-जन्तुओं को बचाने
और दुनिया में पर्यावरण जागरूकता फैलाने के लिये हर वर्ष पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष पृथ्वी दिवस की
थीम है इवायरमेंट इन योर प्लांट।
पृथ्वी ने उठाया है जगत का भार
ब्रम्हाण्ड में केवल पृथ्वी ही ऐसा गृह है जिस पर जल उपलब्ध होने के कारण जीवन संभव है। पृथ्वी में जल- तीन,
(ठोस, तरल, गैस) अवस्थाओं में पाया जाता है। यदि पृथ्वी का पर्यावरण स्वच्छ नहीं होगा तो हमारा जीवन खतरे में
पड़ जायेगा। पृथ्वी का स्वच्छ रहना हमारे जीवन के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारा सारा जीवन पृथ्वी से ही
जुड़ा हुआ है। पृथ्वी हमारे लिये बहुत ही अमूल्य है क्योकि सारे जगत का भार पृथ्वी ने ही उठा रखा है, जितना भी
संसाधन इस पृथ्वी पर है वह हमारे लिये बहुमूल्य है, जिसका मनुष्य तेजी से उपयोग कर रहा है। दिन प्रतिदिन पृथ्वी
की संपदा खत्म होती जा रही है, मनुष्य अपने लाभ के लिये पृथ्वी को हानि पहुंचा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग तेजी से
बढ़ती जा रही है, जिससे कि बड़े-बड़े ग्लेशियर पिघल रहे है और बाढ़ आने का खतरा बढ़ता जा रहा है एवं पर्यावरण के
तापमान में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। विश्व पृथ्वी दिवस के दिन पृथ्वी को स्वच्छ रखने एवं पृथ्वी को बचाने का संकल्प
लिया जाता है। विश्व पृथ्वी दिवस 2023 के अवसर पर दिनांक 21.04.2023 को शहडोल जिले के पंडित शम्भूनाथ
शुक्ल विश्वविद्यालय, नवलपुर परिसर के सभागार मे क्षेत्रीय कार्यालय, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल के
द्वारा ‘‘मृदा संरक्षण एवं जल संरक्षण तथा संवर्धन एवं प्रदूषण नियंत्रण’’ के संबंध मे विचार संगोष्ठी कार्यक्रम का
आयोजन किया गया, कार्यक्रम में डॉ. आशीष तिवारी कुलपति, शम्भूनाथ विश्वविद्यालय एवं श्रीमती ममता
प्रजापति, वरिष्ठ व्याख्याता भौतिक शास्त्र तथा श्री एम.के. भट्नागर, वरिष्ठ व्याख्याता रसायन शास्त्र इत्यादि
उपस्थित थे। इस अवसर पर पूर्व में आयोजित भाषण तथा चित्रकला प्रतियोगिता में चयनित विद्यालयीन एवं
महाविद्यालयीन छात्रों को पुरूस्कृत किया गया है। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ममता प्रजापति, वरिष्ठ
प्राध्यापक, भौतिक शास्त्र संकाय के द्वारा किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. आशीष कुमार तिवारी, कुलपति
पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय के द्वारा की गई है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सुश्री श्रुति सोनी एवं साजिया
परवीन प्रथम, सुश्री दिव्या शुक्ला द्वितीय एवं सुश्री आस्था सोनी तृतीय स्थान में रहीं।
58 ग्रामों में भूमिगत जल के संरक्षण के कार्य
कार्यक्रम में दक्षिण-पूर्व कोल खनन परियोजना, सोहागपुर कोल प्रक्षेत्र के प्रबंधक (पर्यावरण), केशव मीणा के द्वारा
भूमिगत खदानों से उत्पन्न होने वाले माइन आउट वाटर से बुढ़ार, धनपुरी, बरगवां, बकही, बकहो क्षेत्रों में हो रहे
ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज संबंधी कार्यों के संबंध में पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन किया गया। इसी कार्यक्रम में रिलायंस गैस
पाइप लाइन परियोजना के सी.एस.आर. हेड राजीव श्रीवास्तव द्वारा नवलपुर, धुरवार, हर्री, हर्टी, धनगवां, देवरी,
चरखेरा, लालपुर, कटकोना, सेमरा, कंचनपुर, जरवाही इत्यादि 58 ग्रामों में भूमिगत जल के संरक्षण के कार्य किऐ जा
रहे हैं।
कार्यक्रम पंडित शम्भूनाथ विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया जिसमें अपार संख्या में
महाविद्यालयीन छात्र-छात्रों द्वारा भाग लिया गया। इस अवसर पर 21 मार्च को क्षेत्रीय कार्यालय, म.प्र. प्रदूषणनियंत्रण बोर्ड, शहडोल द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता में चयनित छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया, चयन समिति
मे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कनिष्ठ वैज्ञानिक, बी.एम. पटेल द्वारा कायक्रम के आयोजन की रूपरेखा तैयार
की गई है।
इनका रहा योगदान
क्षेत्रीय कार्यालय, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से विनय केमिया, स्टेनोग्राफर ग्रेड-।। एवं बी.एम. पटेल,
कनिष्ठ वैज्ञानिक, मोतीलाल पटेल, तुलसीदास महरा, सुभाष निगम द्वारा कार्यक्रम में सक्रियता पूर्वक योगदान
दिया गया। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण संबंधी विषयों पर सार-गर्भित रूप से विचार व्यक्त किए
गये। कार्यक्रम आयोजन के प्रभारी विनय केमिया, स्टेनोग्राफर ग्रेड-।। क्षेत्रीय कार्यालय, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
रहे हैं।