महत्वाकांक्षी योजना को भी पीएचई विभाग ने नही दिया महत्व

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महत्वाकांक्षी योजना को भी पीएचई विभाग ने नही दिया महत्व

डीएम ने दिये थे बंद नल-जल योजनाओं को 30 अप्रैल तक चालू करने के निर्देश

विद्यालयों में नल-जल बना दिखावा, वर्षो बाद भी बच्चो को मिली सुविधाएं

कलेक्टर के कडे निर्देश बाद ठेकेदार को तलाश रहे जिम्मेदार अधिकारी

कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के आते ही जिले की व्यवस्था में लगातार सुधार व परिवर्तन देखने को मिल रहा है, विद्यालयों में अधूरे पडे कार्यो व लापरवाही बरतने पर अधिकारियों को जल्द पूर्ण करने के कडे निर्देश दिये थे, लेकिन पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री व सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना समन्वयक अभी ठेकेदार को ही तलाश रहे है। महत्वाकांक्षी योजना को भी इन्होने महत्व नही दिया, जिसके कारण मिशन जनविहीन है।

अनूपपुर। शासन की महत्वाकांक्षी योजना को भी महत्व न देने वाले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और सर्व शिक्षा अभियान की लापरवाही के कारण विद्यालय पेयजल संकट से जूझ रहा है। स्कूलों में लगे हैण्डपप में अतिरिक्त पंप लगाकर पानी की व्यवस्था तो की गई, लेकिन आज भी दर्जनों विद्यालय में कार्य पूर्ण ही नही किया गया। इतना ही नही हैण्डपंप में अतिरिक्त विद्युत पंप डलने से पानी भी कम आने लगा है, जबकि पहले हैण्डपंप से पर्याप्त पानी निकल जाता था, लेकिन मोटर के डलने के बाद हैण्डपंप से पानी भी निकला कम हो गया है। दोनो ही विभागों ने लापरवाही की हदे पार करते हुए सिर्फ ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया है।

अधिकारी है जिम्मेदार

जिले मे इस महत्वाकांक्षी योजना जिसे जल जीवन मिशन का नाम दिया गया है के संचालन की बागडोर पीएचई विभाग को सौंपी गई है। साथ ही बिना पूर्ण हुए हैण्डओव्हर लेने वाले विद्यालय और जिम्मेदार सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी होना चाहिए। विभाग द्वारा जिले के समस्त माध्यमिक, प्राथमिक स्कूलों एवं आंगनबाडी केन्द्रों में काम प्रारंभ किया गया। इस योजना के तहत स्कूलों मे पानी की टंकी, वॉस बेशिन, पाईप लाईन, नल वॉस, बेशिन यूनिट बना कर टाईल्स आदि लगाने का कार्य किया जाना था, लेकिन विभागों की लापरवाही के कारण गुणवत्ता युक्त कार्य ठेकेदार ने नही किया।

विभाग लगा रहा पलीता

विभाग ने इस योजना को कार्यरूप में परिणित करने के लिए जो प्रणाली अपनाई उससे प्रधानमंत्री की मंशा को ठेस पहुंचती नजर आ रही है। विभाग द्वारा कार्य को ठेके में देकर जगह-जगह शालाओं में कराया गया। जिसमें न तो काम की गुणवत्ता ही नजर आई और न ही काम योजनानुरूप पूरा होता दिखाई दे दिया। नल जल योजना, जल जीवन मिशन योजना को विभाग के द्वारा दिखावे की योजना बनाकर छोड दिया।

स्कूलों मे गुणवत्ता हीन कार्य

जिले के विकासखण्ड जैतहरी के अन्तर्गत प्राथमिक शाला मौहरी, बरटोला, परसवार के साथ अन्य विद्यालय में पीएचई के द्वारा कराये गये गुणवत्ताहीन कार्यों का जीता-जागता उदाहरण है। इन शालाओं में जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत विभाग द्वारा कराये गये कामों को देखा जाये तो स्पष्ट हो जाता है की शासन के दिशा निर्देशों को ताक मे रखकर काम किया गया है। इसके साथ ही उक्त शालाओं में अधूरा काम भी हुआ है और वर्षो से काम बंद है जो कि पुन: चालू नही कराया गया। यह तो चंद शालाओं में काम की कहानी हैं तो जिले के और शालाओं का क्या आलम होगा अनुमान लगाया जा सकता है।

हैण्डओव्हर पर सवाल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के कुछ शालाओं में हैंडवॉश यूनिट में रेत की जगह डस्ट का उपयोग किया गया, वॉस बेशिन की फिटिंग बहुत ही घटिया तरीके से की गई, नल फिटिंग के लिए खोदी गई दीवार की भराई नही की गई, एवं टाईल्स भी नही लगे, ऐसे अधूरे कामों के होने के बाद भी कुछ शालाओं से शिक्षकों से प्रपत्रों में हस्ताक्षर करा लिये गये है। जो हस्ताक्षर कार्य पूर्ण होने और पानी की सप्लाई चालू होने के प्रमाण साबित होंगे, जबकि काम अभी अधूरा ही है। ऐसे में शिक्षकों से पूर्णता प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर लिया जाना कहां तक उचित है।

कलेक्टर के निर्देशो की अवहेलना

11 अप्रैल को बैठक के दौरान ग्रीष्म ऋतु पेयजल व्यवस्था तथा जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने हर घर जल ग्राम पूर्ण ग्रामों में ग्रामवासियों तथा जनप्रतिनिधियों के साथ उत्सव आयोजित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने निर्देशित किया है कि अब तक 36 ग्राम हर घर जल पूर्ण हुए हैं। जिनमें से मात्र 16 योजनाएं ग्राम पंचायत ग्राम जल स्वच्छता समितियों को हस्तांतरित की गई हैं। उन्होंने शेष योजनाओं का भी हस्तांतरण अप्रैल 2023 में कराए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही विद्यालयों कराये गये कार्यो को पूर्ण करने के निर्देश दिये गये थे, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री जितेन्द्र मिश्रा सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना समन्वयक हेमंत खैरवार के द्वारा कलेक्टर के निर्देशों की अवहेलना करते हुए आज भी लापरवाही करते दिखाई दे रहे है। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन 17 अपूर्ण योजनाओं के अनुबंध एक वर्ष से अधिक अवधि के हैं उनमें कार्य पूर्ण कराया जाए। उन्होंने स्कूलों, आंगनबाडी में पेयजल आपूर्ति के संबंध में तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन ठेकेदारों द्वारा कार्य प्रारम्भ नही किया गया है उन्हें नोटिस जारी किया जाए। समीक्षा के दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों सभी बंद नल-जल योजनाओं को 30 अप्रैल तक चालू किए जाने के निर्देश दिए थे, डीएम के निर्देश की तिथि तो समाप्त हो गई, लेकिन कार्य पूर्ण नही किया गया।

इनका कहना है

कलेक्टर सर ने निर्देश दिये थे, जिसके बाद ठेकेदार से संपर्क कर कार्य को पूर्ण करने के लिए कहा गया है, जल्द ही पूर्ण हो जायेगा।

हेमंत खैरवार, परियोजना समन्वयवक

सर्व शिक्षा अभियान अनूपपुर

 

 

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