समग्र आईडी में नाम जुड़वाने 1 माह से भटक रही महिला

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पवन दे रहा महिला को धमकी
धनपुरी। नगर पालिका धनपुरी के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को लगता है लूट खसोट मचाने की, गरीब लोगों को
सताने की खुली छूट दे दी गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए सैय्यद और विक्रम नाम के
कर्मचारी खुलेआम लोगों से 10 हजार रुपयों की मांग करते हैं, इतनी बड़ी शिकायत भी जब वरिष्ठ अधिकारियों तक
पहुंचती है तो सिर्फ उन्हें डांट फटकार लगाई जाती है, ऐसे में इन भ्रष्ट दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हौसले और
बुलंद होते हैं।
गत दिवस भी धनपुरी नगरपालिका में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के द्वारा एक गरीब महिला को अनावश्यक
परेशान किया जा रहा था, जब उस महिला से इस संबंध में चर्चा की गई तो उसने जानकारी देते हुए बताया कि मेरा
नाम रजनी बर्मन है मैं वार्ड क्रमांक-9 में निवास करती हूं, समग्र आईडी में नाम जुड़वाने के लिए बीते 1 महीने से नगर
पालिका धनपुरी के चक्कर लगा रही हूं, 1 महीने पहले जब नगरपालिका आई थी तब पवन नाम के कर्मचारी ने मुझसे
कहा कि अभी सर्वर डाउन है,1 महीने बाद आना, बीच में मैं कई बार आई और मुझे ऐसे ही जवाब देकर लौटा दिया
गया। आज मैंने यह सब मीना सिंह को बताया तब वह मेरे साथ पवन के पास गई तब पवन ने फॉर्म अपने बाजू में बैठे
कर्मचारी को दे दिया और मुझसे कहा गया कि अभी मैडम को लेकर आई हो जाओ अब सीएमओ को बुला लाना, तब
भी नाम नहीं जोडूंगा।
रजनी बर्मन ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय विद्यालय में बच्चों को एडमिशन दिलाना चाहती हूं जिसके लिए
समग्र आईडी में बच्चों का नाम जुड़वाना बहुत जरूरी है, लेकिन मुझे तो गोल-गोल घुमाया जा रहा है, मैं परेशान हो
चुकी हूं जिस प्रकार से नगर पालिका धनपुरी के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी समस्याओं को लेकर
नगरपालिका आने वाले लोगों को खुलेआम यह कहते हैं कि जाओ अब सीएमओ को बुला लाना तब भी नाम नहीं
जोड़ूगा से आप समझ सकते हैं कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हौसले कितने बुलंद हैं इन कर्मचारियों की
नियुक्ति अपने आप में भ्रष्टाचार का जीता जागता प्रमाण है सत्य एवं निष्पक्ष जांच यदि इन दैनिक वेतन भोगी
कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में करवा ली जाए तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। नेतागिरी और सिफारिश के
दम पर नगरपालिका की ड्यूटी पा जाने वाले यह दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी खुद को मुख्य नगरपालिका अधिकारी
से भी बड़ा मानते हैं मुख्य नगरपालिका अधिकारी अधिकांश समय अपने कार्यालय में मौजूद नहीं रहते हैं, जिसकी
वजह से कर्मचारी अपनी मनमर्जी करते हैं परिषद के लोगों को सिर्फ विकास की उल्टी गंगा बहाने और कमीशन की
चिंता रहती है, उन्हें इस बात की कोई फिक्र नहीं है कि नगर पालिका आने वाले गरीब लोगों के साथ कर्मचारी किस
प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं । अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ चुने गए जनप्रतिनिधियों को नगर
पालिका की चौपट होती व्यवस्थाओं और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के द्वारा मचाई जा रही लूट खसोट पर
लगाम लगाने की दिशा में कुछ प्रयास तो जरूर करनी चाहिए, वरना इसी तरह गरीब लोग परेशान होते रहेंगे।