विश्वविद्यालय में विकसित भारत विषय पर सेमिनार का आयोजन

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शहडोल। 18 दिसम्बर को नवलपुर परिसर के सभागार में विकसित भारत 2047 के परिप्रेक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अतिथि एवं मुख्यवक्ता बालमुकुंद पाण्डेय, राष्ट्रीय संगठन सचिव, अखिल भारतीय इतिहास संकल्प योजना, मुख्य अतिथि प्रो. कपिलदेव मिश्र कुलपति रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, विशिष्ट अतिथि प्रो. अल्केश चतुर्वेदी सांची बौद्ध विश्वविद्यालय के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राम शंकर ने की। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती  के प्रतिमा पर पुष्पा और अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित करके हुई। कार्यक्रम में प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राम शंकर ने कहा विकसित भारत 2047 का उद्देश्य आजादी के सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित करता है। मुख्य अतिथि प्रो. कपिलदेव मिश्र कुलपति रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना भारत को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने की है, यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम इस परिकल्पना को साकार करने में अपने देश जीत के लिए साथ में आए और इस संकल्प को पूर्ण करें उन्होंने  बालमुकुंद का परिचय देते हुए मंच पर उन्हें आमंत्रित किया। डॉ बालमुकुंद पांडेय ने कहा कि भारत ने बौद्धिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से दुनिया को कुछ न कुछ दिया है, आर्य कोई जाति नहीं है और आर्य बाहर से नहीं आए हैं। प्रोफेसर श्री पांडे ने कहा कि अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना दुनिया को नई राह दिखाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय संस्कृति दुनिया के कण-कण में व्याप्त है। श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, बर्मा आदि देशों में भारतीय संस्कृति कहीं न कहीं मिलती है। भारतीय इतिहास के साथ हो रहे छेड़छाड़ पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आधार ग्रंथों के सहारे इतिहास लेखन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इसके लिए रक्षात्मक नहीं अग्रेसिव होने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि गलत जानकारी को भारत का इतिहास बताने वाले को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। देश के भविष्य युवाओं को मेहनत करने और गुणवत्तापूर्ण लेख लिखने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा केवल भारत माता की जय से काम नहीं चलेगा। उससे आगे बढक़र काम करने की जरूरत है। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर आशीष कुमार तिवारी ने सभी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया, उक्त कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त संकायाध्यक्ष विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक कर्मचारी अधिकारी एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थित रही।

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