ढोलू ने रद्दी की टोकरी में डाले डीजीएमएस के कायदे

चैन माउंटेड ड्रिल की जगह टायर माउंटेड ड्रिल का उपयोग
खान प्रबंधक व उपक्षेत्रीय प्रबंधक गड़बड़झाले में है शामिल
सोहागपुर एरिया अंतर्गत रामपुर खुली खदान का मामला
इन्ट्रो- खान सुरक्षा महानिदेशालय के नियम सोहागपुर की खुली और भूमिगत खदानों में खुलकर तोड़े जा रहे हैं, बंगवार में बिना अनुमति के माईंस संचालन के मामले को प्रबंधन ने किसी तरह निपटाया तो, रामपुर खुली खदान में ढोलू कंस्ट्रक्शन ने प्रबंधक व उपक्षेत्रीय प्रबंधक को साथ लेकर डीजीएमएस के कायदे तोड़-मरोड़ दिये, खुद प्रबंधक अर्जुन जोड़े प्रतिदिन चैन माउंटेड ड्रिल की जगह टायर माउंटेड ड्रिल का उपयोग कराते नजर आते हैं।
शहडोल। साउथ ईस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड के सोहागपुर एरिया अंतर्गत संचालित रामपुर-बटुरा खुली खदान से विवाद फिलहाल नाता तोड़ते नजर नहीं आ रहे हैं, यहां ओव्हर बर्डन हटाने का कार्य कर रही ढोलू कंस्ट्रक्शन कंपनी के स्थानीय प्रबंधक प्रमोद एक बार फिर सुर्खियों में है। खदान परिसर के अंदर ब्लास्ंिटग के लिए प्रमोद ने माईंस के प्रबंधक और उपक्षेत्रीय प्रबंधक से सांठ-गांठ कर डीजीएमएस के कायदों की धज्जियां उड़ा दी है। महज चंद रूपयो की लालच के फेर में खान प्रबंधक अर्जुन जोड़े और उपक्षेत्रीय प्रबंधक अनिरूद्ध सिंह ने माईंस के अंदर चैन माउंटेड ड्रिल की जगह टायर माउंटेड ड्रिल के उपयोग की न सिर्फ हरी झण्डी दे दी, बल्कि आये दिन अर्जुन जोड़े खुद टायर माउंटेड ड्रिल का अपने मार्गदर्शन में उपयोग कराते नजर आते हैं।
प्रमोद करता है पूरा खेल
सोहागपुर एरिया की रामपुर खुली खदान में 28 दिसम्बर को टायर माउंटेड डिल मशीन से लगातार ब्लास्ट कराये गये, इसके पहले के दिनों में भी खदान में टायर माउंट ड्रिल का मशीन का उपयोग किया जा रहा था। जबकि कोल इंडिया ने इसे प्रतिबंधित किया है। खदानों में चेन माउंट ड्रिल मशीन के चलने की अनुमति है। सेफ्टी बोर्ड को अंधेरे में रखते हुए ढोलू कंस्ट्रक्शन कंपनी को फायदा दिलाने के फेर में माईंस के प्रबंधक और उपक्षेत्रीय प्रबंधक ने आंखे मूंद ली हैं। बताया गया कि निजी कंपनी के स्थानीय प्रबंधक प्रमोद ने दो चैन माउंटेड ड्रिल मशीनों को खुली खदान के उत्खनन क्षेत्र में रखा तो है, लेकिन ये दोनों मशीने महज किसी दिखावे से कम नहीं है, पूरा काम टायर माउंटेड ड्रिल से किया जा रहा है, हालाकि निजी कंपनी के द्वारा खदान में टायर माउंट मशीन चलाने के लिए अनुमति लिये जाने के दावे किये जाते रहे हैं, लेकिन इस संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत न करना खुद उन्हें कटघरे में खड़ा करता है।
इसलिए लगाते हैं टायर माउंट ड्रिल
जानकारों का कहना है कि टायर माउंट ड्रिल मशीन चैन माउंट से काफी सस्ती होती है। चैन माउंट मशीन एक घंटे में लगभग तीन चार ड्रिल करती है, जबकि टायर माउंट मशीन पांच से छह ड्रिल करती है। ठेका कंपनियों को ड्रिल के आधार पर राशि का भुगतान किया जाता है। इस कारण ठेका कंपनियां टायर माउंट उपयोग करती हैं। खान सुरक्षा महानिदेशालय की ओर से खान विनिमय अधिनियम का हवाला देते हुए सुरक्षा की दृष्टि से इस तरह की मशीनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन रूपया बचाने के फेर में कई बार ऐसे मामले भी सामने आये हैं कि अधीनस्थ अधिकारियों का विश्वास लेकर कंपनियां इस तरह चोरी छुपे मशीनों का माईंस परिसर में उपयोग करती रहती हैं।
प्रबंधन की मौन सहमति
सब कुछ जानकर भी खदानों की सुरक्षा से जुड़े अफसर मौन हैं, सुरक्षा मानकों में कोताही की कीमत मजदूरों को जान देकर चुकानी पड़ सकती है। टायर माउंट मशीन के ऑपरेटर व हेल्पर का काम चैन माउंटेड ड्रिल मशीन की तुलना में काफी जोखिम भरा होता है, बावजूद इसके स्थानीय प्रबंधन, एरिया में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे में रखकर डीजीएमएस की लाख मनाही के बाद भी कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। रामपुर-बटुरा खदान में अधिकतर काम आउट सोर्सिंग से कराए जा रहे हैं। ये कंपनियां नियम कायदों को ताक पर रखकर काम करती हैं। सुरक्षा में कोताही से ही कोल माईंसों में कई बार हादसे हो चुके हैं।