दरियाब ने पड़मनिया में कैद किया भ्रष्टाचार का जिन्न

पंचों ने सरपंच-सचिव के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा
जनपद, जिला पंचायत, कलेक्टर सहित कमिश्नर से की शिकायत
शहडोल। भ्रष्टाचार के आरोप में संलिप्त सरपंच-सचिव आराम से काम करने में जुटे हुए हैं, लेकिन जनपद, जिला पंचायत, कलेक्टर सहित कमिश्नर कार्यालय तक शिकायतकर्ता माथा टेक चुके हैं, लेकिन मजाल है कि सरपंच-सचिव पर कार्यवाही तो दूर, जांच ही शुरू हो सके, बीते दिनों अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत पड़मनिया के लगभग पंचों ने सरपंच-सचिव के खिलाफ प्रमाणित दस्तावेजों के साथ पहुंचकर कमिश्नर कार्यालय में शिकायत दी, इसके पूर्व उन्हें जिला पंचायत का दरवाजा खटखटाया, इसके बाद कलेक्टर के दरवाजे पर भी न्याय की गुहार लगाई, लेकिन स्थानीय आदिवासी जनप्रतिनिधियों को खाली हाथ ही लौटना पडऩा, लगभग कार्यालयों से आश्वासन क झुनझुना मिलने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है, ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों को सजा नहीं दी जाती है तो, ग्रामीण एकजुट होकर कार्य दिवस के दिन सचिव को पंचायत भवन में ही कैद कर लेंगे।
6 माह में बदले ठाठ
ग्राम पंचायत पड़मनिया में चल रहे भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां की सरपंच मंती बाई द्वारा बीते वर्षाे में 2 लाख 35 हजार 340 एवं सचिव दरियाब सिंह ने 1 लाख 88 हजार 100 रूपये स्वयं के खाते में डालकर राशि हजम कर ली, वॉटर शेड द्वारा निर्मित तालाब को नवीन तालाब दिखाकर राशि आहरित की गई है, ग्रामीणों ने कमिश्नर कार्यालय में शिकायत देते हुए बताया कि सचिव द्वारा पंचायत में खुलकर फर्जी बिल लगाये हैं, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 6 माह पूर्व गांव की सरपंच के यहा एक साईकल थी, पहले 2 पहिया वाहन लिया, बाद में 4 पहिया वाहन ले लिया, इससे साफ जाहिर होता है कि पंचायत के विकास के लिए आ रही राशि में जमकर बंदर-बांट किया जा रहा है।
पोर्टल को भी जल्द सुधवाये प्रशासन
दरियाब सिंह के पहुंच और पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके पास दो-दो पंचायत का प्रभार पड़मनिया के अलावा बड़ीतुम्मी में भी अपना सिक्का चला रहे हैं, दोनों ही पंचायतों में सचिव द्वारा नियम विरूद्ध भुगतान किया जा रहा है, पंचायत दर्पण पोर्टल में ब्लर बिल लगाकर भ्रष्टाचार को छुपाया जा रहा है, ग्रामीणों ने कहा कि अगर समय रहते जांच नहीं हुई तो, जिस दिन सचिव को पंचायत भवन में कैद किया जायेगा, उसी दिन प्रशासनिक अधिकारियों को सारी गलती सुधारनी पड़ेगी, अभी समय है, पंच परमेश्वर पोर्टल आमजनों के लिए इसमें जल्द सुधार किया जाये या करवाया जाये, जिससे ग्राम पंचायत में हो रहे कार्याे को पता चल सके।
पंचायत के पैसे से सचिव का विकास
ग्रामीणों ने कमिश्नर को दी गई शिकायत में उल्लेख किया कि सचिव द्वारा बोलेरो वाहन के अलावा 6 महीने में पिकप लिया, इसके साथ ही संभागीय मुख्यालय में घर बनवा रहा है, स्थानीय ग्रामीणों को पंचायत में काम नहीं मिल रहा, लगभग ग्रामीण काम करने संभागीय मुख्यालय जाते है, पूर्व में पंचायत में जिन्होंने काम किया, वह आज भी मजदूरी के लिए भटक रहे हैं, पंचो ने बताया कि वर्ष 2023 के दौरान पंचायत के खाते में 36 लाख 18 हजार 600 रूपये था, इसकी जानकारी पंचों को नहीं दी जा रही है, सचिव-सरपंच मिलकर शासन के खजाने में सेंध लगा रहे हैं, मजे की बात तो यह है कि प्रमाणित दस्तावेजों के साथ स्थानीय ग्रामीण व पंच नौकरशाहों के चक्कर लगा रहे हैं और उन्हें जांच का झुनझुना पकड़ा दिया जाता है, हालाकि इस बार ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ चुका है।