वन्य प्राणी रेस्क्यु:-नागपंचमी पर स्पेरों से पकड़े बांस की पिटारी में कैद 22 सांप, धागे से सीले थे सांप का मुंह, रखा था भूखा , दी थी यातना सर्पमित्र अनिता श्रीवास ने अपनी टीम के साथ चलाया रेस्क्यु

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वन्य प्राणी रेस्क्यु:-नागपंचमी पर स्पेरों से पकड़े बांस की पिटारी में कैद 22 सांप, धागे से सीले थे सांप का मुंह, रखा था भूखा , दी थी यातना
सर्पमित्र अनिता श्रीवास ने अपनी टीम के साथ चलाया रेस्क्यु


कटनी।। नागपंचमी के मौके पर नाग देवता की पूजा का महत्व की बात कर सपेरे आमजन की धार्मिक भावना और आस्था का लाभ उठाने से नहीं चूकते। वे आर्थिक लाभ के लिए सांपों पर अत्याचार करने से भी नहीं हिचकते, कुछ ऐसा ही नागपंचमी पर क्रूरता पूर्वक सांप को पिटारी में बंद कर घूमने वाले सपेरों कों सर्पमित्र अनिता श्रीवास ने अपनी टीम के साथ रेस्क्यु चला कर पकड़ा है. शुक्रवार को नागपंचमी के दिन वन्य प्राणी मित्र अनिता श्रीवास और उनकी टीम ने पुरे दिन भर जगह जगह पर सपेरों पर नजर रखी और यदि कहीं सपेरे सांप लेकर घूमते दिखे या दर्शन कराते दिखे तो टीम सपेरों को पकड़कर उनसे सांप को पिटारा लेकर सांप कों आजाद करने की कार्रवाई करती। अनिता श्रीवास ने बताया कि हिंदू धर्म में मान्यता है कि नागपंचमी पर्व पर नाग के दर्शन करने एवं पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है इसी मान्यता के चलते सपेरों द्वारा जंगलों से सांपों को पकड़ कर बांस की बनी पिटारी में कैद कर रख लिया जाता है और उन्हें भूखा रखा जाता है, यातना दी जाती है। जंगल से सांप खासतौर से नागों काे पकड़कर सपेरें उनके दांत तोड़ देते हैं। ज़हर की थैली को अलग कर दिया जाता है, मुंह तांत के धागे से सिल दिया जाता है सांस लेने और जीभ निकालने के लिए थोड़ी जगह छोड़ दी जाती है। सांप फिर शिकार नहीं कर पाते बास की पिटारी में रखे होने पर इनकी चमड़ी छिल जाने पर चींटियां लग जातीं हैं और वे तड़प कर मर जाते हैं। टीम ने धर्मस्थलों के आसपास व अन्य जगह से 22 कोबरा प्रजाति के सांपों को बरामद किया। जिन्हें वन विभाग की मदद से जंगल में सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा जाएगा। गौरक्षक एवम सर्प मित्र अमिता श्रीवास ने जानकारी मे बताया कि उन्हें पता चला की नई बस्ती, चांडक चौक, गाटरघाट से सपेरे घूम रहें है जिन्हे पकड़ा गया. कुछ ही देर में अमिता ने करीब 22 कोबरा सर्प को सपेरों से छीना और सपेरों द्वारा कोबरा सर्पों से की गई क्रूरता को देख सपेरों को भी पीटा लेकिन सपेरे मौके से फरार हो गए। स्वयं सेवी संस्था ने जिन सापों कों पकड़ा है। उनमे से अधिकतर सांप का मुंह सपेरे धागे से सिलकर लाए थे।

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