पीसीबी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा शारदा मॉ लाजिस्टिक
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पीसीबी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा शारदा मॉ लाजिस्टिक
कोयला कारोबारी और रेल प्रबंधन द्वारा पीसीबी और एनजीटी को किया दरकिनार
अवैध कोयले का भंडारण और फर्जी ईटीपी के सहारे चल रहा प्राईवेट लिमिटेड
कोतमा तहसील अंतर्गत संचालित शारदा मॉ लाजिस्टिक प्राईवेट लिमिटेड के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुये क्षेत्र के वातावरण को दूषित करने में लगा हुआ है। पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिये न तो इनके पास समाधान कारक तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही कोल डस्ट से होने वाली परेशनियों से रोकथाम के उपाय किये गये हैं।
अनूपपुर। कोयलांचल क्षेत्र में कोल कारोबारी और बड़ी बड़ी कंपनियां नियमों के विपरीत कार्य कर रहे हैं। इनके आगे जिम्मेदार विभाग नतमस्तक होकर अपने नियमों की डायरी आलमारी मे सजा कर रख लिये हैं। न तो जिला प्रशासन इन पर कड़ी नजर रख रही है और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर्यावरण को लेकर चिंतित है। रही बात खनिज विभाग की तो कोयले के अवैध भंडारण में कार्यवाही करने से कंपकपा रही है। बड़े बड़े कोल कारोबारी और रेल प्रबंधन के सांठ गांठ से सैकड़ो एकड़ का क्षेत्र प्रभावित हो रहा है लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
अग्रिशामक सुरक्षा नहीं
शारदा मॉ लाजिस्टिक प्राईवेट लिमिटेड भारी मात्रा में कोयला का भंडारण कर रेल्वे की कोल साईडिंग को अवैध भंडारण का ठीहा बना दिया है। इतने बड़े पैमाने पर भंडारित कोयले में यदि आग लगती है तो आसापास के क्षेत्र के साथ फर्म के कर्मचारी भी इसके जद में आ जायेंगे। अग्रिशामक सुरक्षा के लिये पर्याप्त मात्रा में न तो इनके पास स्प्रिंकलर उपलब्ध है और न ही अग्रिशमक यंत्र उपलब्ध है। कुल मिलाकर कोई बड़े हादसे को रोकने में नाकामयाबी ही हासिल होगी। अगर समय पर जिला प्रशासन या संबंधित विभाग इस पर विचार नहीं करता है तो एक दिन असमय ही बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
नाम मात्र का पौधरोपण
पर्यावरण सुरक्षा मानको के आधार पर निर्धारित क्षेत्र में पौधरोपण करना अनिवार्य होता है ताकि पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सके तथा कोल साईडिंग में पानी का छिडक़ाव बारिश की बूंदो की तरह कर दिया जाता है जिसके कारण न तो पौधे पनप पा रहे हैं और न ही क्षेत्र के पर्यावरण का बचाव कर पा रहे हैं। आने वाले दिनों में क्षेत्र का पर्यावरण ज्यादा मात्रा में दूषित हो जायेगा और लोगों को श्वांस की बीमारी का सामना करना पड़ेगा है जब तक यह सब होगा तब तक कंपनी अपना ठेका समाप्त कर चली जायेगी और क्षेत्रवासी तड़पते रह जायेंगे।
जिम्मेदार विभागों का संरक्षण
शारदा मॉ लाजिस्टिक प्राईवेट लिमिटेड के संचालन से ही दस्तावेजों में कई तरह की कमियां पाई गई थी। जांच एजेंसियों को गुमराह करते हुये कई वर्षो तक अपने आपको सुरक्षित रख लिया जाता है। वहीं रेल प्रबंधन के द्वारा बीबीएसबी साईङ्क्षडग में कोयले के भंडारण के लिये भूमि तो दे दिया लेकिन भंडारण के लिये अनुमति खनिज विभाग से नहीं ली गई। वहीं पर्यावरण विभाग कमीशन के दम पर कोयलांचल क्षेत्र में जाता ही नहीं जिसके कारण शारदा मॉ लाजिस्टिक प्राईवेट लिमिटेड के संचालक मनमाने तरीके से आज भी संचालित किये जा रहा है।
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इनका कहना है
हमारे यहां सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरण हैं, पेड़ पौधे भी लगाये हैं इसके बाद भी लोगों को परेशानी है तो मैं क्या कर सकता हूं।
मनोज मिश्रा, प्रबंधनकर्ता
शारदा मॉ लाजिस्टिक प्राईवेट लिमिटेड