न्याय के लिए शोषित चालकों ने लिया सोशल मीडिया का सहारा

न्याय मांगा तो निकाल देंगे नौकरी से
हसदेव एरिया में श्रम कानून नहीं बल्कि चलते हैं सरदार जी के कानून
वर्षों से काम कर रहे चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट
महीने में 15 दिन का काम और सेठ के मन की तनख्वाह सो रहा
अनूपपुर का जिला प्रशासन सिंह ट्रांसपोर्ट के हर में जीएम हसदेव नदी आंखें

(नियामुद्दीन अली @ 9993839500)
अनूपपुर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के हसदेव एरिया अंतर्गत सिंह ट्रांसपोर्ट नामक छत्तीसगढ़ बिलासपुर की कंपनी बीते लंबे अरसे से यहाँ विभिन्न कार्य कर रही है जिसमें खुली खदानों से ओबी निकालने से लेकर कोयला परिवहन और माइंस में विभिन्न सामानों की सप्लाई व कंपनी के अधिकारियों से जुगाड़ बना कर दर्जनों वाहन तक सिर्फ हंसदेव ही नहीं बल्कि जमुना कोतमा, सोहागपुर एरिया तक में भाड़े पर चला रही है ।
गुरुवार को हसदेव एरिया के राज नगर क्षेत्र अंतर्गत सिंह ट्रांसपोर्ट के वाहन चलाने वाले चालकों ने कंपनी के कंपनी से जब 30 दिनों में न्यूनतम 24 दिन कार्य की मांग की , वेतन श्रम नियमों और बाजार में चल रहे वर्तमान वेतन के अनुसार मांगा तो सिंह ट्रांसपोर्ट के कथित यादव नामक मैनेजर द्वारा उन्हें सीधे-सीधे यह कहा गया कि यह हमारा कानून चलता है , काम करना है तो करो ,नहीं तो बाहर जाओ , यही नहीं कथित चालक द्वारा अपनी समस्या और परिवार का पेट महज 4 से ₹5000 में न चलने की बात जब कही गई तो मैनेजर ने सीधे अपने मुंशी को कथित चालक को कंपनी से बाहर करने का आदेश दे दिया।
शर्म और अचरज इस बात का है कि हसदेव एरिया में श्रमिकों के लिए दर्जनों संगठन काम कर रहे हैं और इन संगठनों के मुखिया इन्हीं कर्मचारियों के नाम पर मैनेजमेंट से अपना जुगाड़ बना रहे हैं, उन्हें न तो श्रमिकों के हितों का ख्याल है और ना ही रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे उसके परिवार और उनके भविष्य का ख्याल है।
यही नहीं राज नगर क्षेत्र में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी अपने कार्यालय प्रतिनिधि बनाए हुए हैं, लेकिन शायद इन सब का काम सिर्फ अपने वाहन और घर के सामने नाम पर पटीका लगाने तक ही सीमित रह गया है ,दूसरी तरफ केंद्रीय श्रम कार्यालय के साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा अनूपपुर में नियुक्त किए गए श्रम कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी इस ओर से आंखें मूंदे बैठे हैं।
चालक ने वायरल की मदद की चिट्ठी
गुरुवार को सिंह ट्रांसपोर्ट में कार्य करने वाले चालकों ने सोशल मीडिया में एक पत्र वायरल कर आम जनों से मदद की अपील की है ,इसके साथ ही एक वीडियो भी वायरल किया गया है ,जिसमें सिम ट्रांसपोर्ट के कथित यादव नामक मैनेजर को दिखाया गया है महज 4000 से ₹5000 के वेतन में खुद और परिवार का पेट भरने वाले बच्चों को पढ़ाई कराने वाले ऐसे चालकों की स्थिति कितनी भयावक हो चुकी है, राज नगर क्षेत्र सहित अनूपपुर जिले के खुद को जिम्मेदार बताने वाले सफेदपोश और अधिकारी इनके लिए क्या कर रहे हैं….??? इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब उन्हें न्याय के लिए सोशल मीडिया में चिट्ठी डालकर वारण करनी पड़ रही है।
अनूपपुर कलेक्टर और हसदेव के महाप्रबंधक कटघरे में
अनूपपुर जिले के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर इस बात के लिए उतने ही जिम्मेदार है जितने दूसरे जनप्रतिनिधि और हसदेव एरिया के महाप्रबंधक है जिन्हें प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा सिर्फ इस कार्य के लिए मोटी तनख्वाह और वातानुकूलित कमरा सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई है कि वह यहां आम जनों के हितों की रक्षा करें।
