जैतहरी। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर जैतहरी क्षेत्र में बीते कई माह से अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। सूत्र बताते हैं कि अवैध कारोबारियों को जैतहरी पुलिस का संरक्षण प्राप्त है जैतहरी क्षेत्र में तिपान नदी से रेत का अवैध व्यापार किया जा रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा रेत कारोबारियों को संरक्षण प्रदान किया जाता है। ऐसी जन चर्चा है कि रेत के अवैध तस्करी करने वाले वाहन मालिकों से थाने में पदस्थ एक एसआई केस मधुर संबंध है जिसके कारण समुचित कार्यवाही नहीं हो पा रही है। इसके अलावा जैतहरी क्षेत्र में टैक्सी चालकों पर भी पुलिस मेहरबान है यहां टैक्सी चालक ओवरलोड वाहन चला रहे हैं और यात्रियों को भूसे की तरह टैक्सी में बैठाया जाता है। जिससे दुर्घटना घटने की प्रबल संभावना रहती है।
प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में टैक्सी राठौर चौक से अनूपपुर-पेण्ड्रा या अन्य आवागमन करते हैं, जबकि चौक में पुलिस कर्मी भी तैनात रहते हैं, लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है कभी-कभार दिखावे के लिए रेत के अवैध तस्करी में लिप्त वाहनों पर कार्यवाही की जाती है, लेकिन पुलिस को शायद नहीं मालूम कि तस्करी तो रोज ही हो रही है। जैतहरी के शराब ठेकेदार पंकज सिंह के संरक्षण में उनके गुर्गों द्वारा जैतहरी नगर सहित ग्रामीण अंचलों में स्थित होटलों व ढाबों में अवैध रूप से शराब की पैकारी कराई जा रही है साथ ही सट्टा, जुआ, अवैध कबाड़ का व्यापार भी चल रहा है।
जैतहरी बाजार क्षेत्र के कुछ व्यापारियों द्वारा सट्टे का संचालन नगर सहित ग्रामीण अंचल में किया जा रहा है धड़ल्ले से दौड़ रहे। ओवरलोड कैप्सूल जैतहरी क्षेत्र में स्थित मोजर बेयर प्लांट से प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में कैप्सूल सहित अन्यत्र भारी वाहन ओवरलोड दौड़ रहे हैं।
ओवरलोड पर प्रतिबंध होने के बाद भी ऐसे वाहनों पर जैतहरी पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसके अलावा कई भारी वाहनों में राखड़ पर त्रिपाल भी नहीं लगाया जाता जिसके कारण प्रदूषण फैल रहा है, लेकिन राखड़ लेकर जाने वाले कैप्सूल वाहनों के कर्ता-धर्ता से पुलिस के मधुर संबंध हैं जिस कारण भी समुचित ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है।
जैतहरी क्षेत्र में पदस्थ थाना प्रभारी पूर्व में रामनगर थाने में पदस्थ रह चुके हैं और कोयलांचल क्षेत्र में हो रहे अवैध कारोबार के बारे में उन्हें सब कुछ मालूम है लेकिन जैतहरी क्षेत्र में ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है यह तो वही बता सकते हैं इसके अलावा जैतहरी थाने में ही पदस्थ वरिष्ठ पुलिसकर्मी भी क्षेत्र से अनजान नहीं हैं लेकिन जैतहरी में अवैध कारोबार पर नकेल नहीं कसी जा रही है। जिसके कारण स्थानीय जनों में पुलिस के प्रति असंतोष व्याप्त है।
जैतहरी। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर जैतहरी क्षेत्र में बीते कई माह से अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। सूत्र बताते हैं कि अवैध कारोबारियों को जैतहरी पुलिस का संरक्षण प्राप्त है जैतहरी क्षेत्र में तिपान नदी से रेत का अवैध व्यापार किया जा रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा रेत कारोबारियों को संरक्षण प्रदान किया जाता है। ऐसी जन चर्चा है कि रेत के अवैध तस्करी करने वाले वाहन मालिकों से थाने में पदस्थ एक एसआई केस मधुर संबंध है जिसके कारण समुचित कार्यवाही नहीं हो पा रही है। इसके अलावा जैतहरी क्षेत्र में टैक्सी चालकों पर भी पुलिस मेहरबान है यहां टैक्सी चालक ओवरलोड वाहन चला रहे हैं और यात्रियों को भूसे की तरह टैक्सी में बैठाया जाता है। जिससे दुर्घटना घटने की प्रबल संभावना रहती है।
प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में टैक्सी राठौर चौक से अनूपपुर-पेण्ड्रा या अन्य आवागमन करते हैं, जबकि चौक में पुलिस कर्मी भी तैनात रहते हैं, लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है कभी-कभार दिखावे के लिए रेत के अवैध तस्करी में लिप्त वाहनों पर कार्यवाही की जाती है, लेकिन पुलिस को शायद नहीं मालूम कि तस्करी तो रोज ही हो रही है। जैतहरी के शराब ठेकेदार पंकज सिंह के संरक्षण में उनके गुर्गों द्वारा जैतहरी नगर सहित ग्रामीण अंचलों में स्थित होटलों व ढाबों में अवैध रूप से शराब की पैकारी कराई जा रही है साथ ही सट्टा, जुआ, अवैध कबाड़ का व्यापार भी चल रहा है।
जैतहरी बाजार क्षेत्र के कुछ व्यापारियों द्वारा सट्टे का संचालन नगर सहित ग्रामीण अंचल में किया जा रहा है धड़ल्ले से दौड़ रहे। ओवरलोड कैप्सूल जैतहरी क्षेत्र में स्थित मोजर बेयर प्लांट से प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में कैप्सूल सहित अन्यत्र भारी वाहन ओवरलोड दौड़ रहे हैं।
ओवरलोड पर प्रतिबंध होने के बाद भी ऐसे वाहनों पर जैतहरी पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसके अलावा कई भारी वाहनों में राखड़ पर त्रिपाल भी नहीं लगाया जाता जिसके कारण प्रदूषण फैल रहा है, लेकिन राखड़ लेकर जाने वाले कैप्सूल वाहनों के कर्ता-धर्ता से पुलिस के मधुर संबंध हैं जिस कारण भी समुचित ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है।
जैतहरी क्षेत्र में पदस्थ थाना प्रभारी पूर्व में रामनगर थाने में पदस्थ रह चुके हैं और कोयलांचल क्षेत्र में हो रहे अवैध कारोबार के बारे में उन्हें सब कुछ मालूम है लेकिन जैतहरी क्षेत्र में ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है यह तो वही बता सकते हैं इसके अलावा जैतहरी थाने में ही पदस्थ वरिष्ठ पुलिसकर्मी भी क्षेत्र से अनजान नहीं हैं लेकिन जैतहरी में अवैध कारोबार पर नकेल नहीं कसी जा रही है। जिसके कारण स्थानीय जनों में पुलिस के प्रति असंतोष व्याप्त है।