राजश्री गुटखा में रोज हो रही लाखों की कमाई
बिना रिकॉर्ड चल रहा व्यापार, टैक्स चोरी कर शासन को लगा रहे चूना
(सतीश तिवारी)
ब्योहारी । नगर मे चल रहे मनमानी लेनदेन से यहां के कुछ व्यापारी चांदी काट रहे है। वहीं शासन को मिलने वाले विक्रयकर व जीएसटी टैक्स की चोरी करने का मामला चर्चाओं में बना हुआ है। लोगों की मानें तो लाखों की राजश्री यहां के लोग रोज खा जाते हैं, चर्चा के अनुसार नगर के एक व्यापारी राजश्री गुटका पाउच के थोक विक्रेता हंै, जिनके द्वारा राजश्री पान मसाला का वितरण इस पूरे क्षेत्र में करने की एजेंसी का काम लिया हुआ है। इनके द्वारा पूरे क्षेत्र में राजश्री पान मशाला, तम्बाकू मिश्रित गुटखे का विक्रय किया जाता है, जो तीन रेंज 5-10 और 20 रूपये के पाऊच में बिकता है। स्थानीय दुकानदारों के द्वारा एजेंसी से माल खरीदकर पूरे क्षेत्र में इसकी थोक एवं फुटकर बिक्री की जाती है।
खुलेआम हो रही बिक्री
सामाजिक दृष्टि से इसके भयानक दुष्परिणामों और दुष्प्रभाव के बाद भी बिना रोक-टोक खुलेआम धड़ल्ले से इसकी बिक्री की जा रही है। इसका उपयोग महिलाओं-पुरूषों तथा नाबालिग लड़को के द्वारा जमकर किया जा रहा है। तम्बाखू युक्त राजश्री गुटखे की खपत क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में बहुतायत में होती है। नगर सहित आसपास के गांव क्षेत्र मं आसानी से उपलब्ध होने वाला राजश्री गुटखा जिसकी अत्याधिक मांग और बिक्री के कारण बड़े व्यापारी प्राय: छोटे-मोटे दुकानदारों को स्टाक की कमी बताकर अधिक मुनाफा की लालच में निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर बेचतें है। जिसका हिसाब-किताब व लेन-देन एक छोटे से कागज के टुकड़े या पर्ची में ही किया जाता है। जिससे ये व्यापारी सरकार के इंकमटैक्स की जमकर चोरी करते है।
ट्रकों में आता है माल
प्रति सप्ताह एक बड़े दस चक्का ट्रक जिसमें केवल राजश्री गुटखा जो लगभग 1200 बड़े झाल, एक झाल में एक हजार बंडल, एक बंडल में 100 थैला, एक थैला में 500 पैकेट, एक पैकेट में 1000 पूडा, एक पूडा में 1000 गड्डी और हर गड्डी में 20 वाली 11 पुडिय़ा,10 वाली 22 पुडिय़ा, 5 वाली 30 पुडिय़ा रहती है। जिसकी बिक्री क्षेत्र में भारी मात्रा में की जाती है। एक अनुमान के मुताबिक प्रति सप्ताह पन्द्रह लाख की राजश्री यहां के शौकीन लोग खा जाते है और यहां इसकी एजेंसी चलाने वाले व्यापारी चाँदी काटते हुए, सरकार को जमकर चूना लगा रहे है। नगरीय क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में पान, चाय, किराना व होटल आदि हर छोटे-बड़े दुकानदारों के द्वारा राजश्री गुटखे की भारी मात्रा में खरीदी-बिक्री की जाती है। जानकारों के अनुसार हर सप्ताह राजश्री गुटखे से भरी गाड़ी ब्योहारी में खटखरिहा तालाब के पास उतरती है।
कच्चे बिलों में होता है लेन-देन
राजश्री गुटखे की इस पूरे क्षेत्र में प्रतिदिन लाखों रुपये की बिक्री होती है लेकिन इसका पूरा लेन-देन मात्र कागजी चुटकों एवं कच्चे बिलों में ही किया जाता है। जिससे लेन-देन की पुख्ता जानकारी सम्बंधित विक्रय कर विभाग और जीएसटी विभाग को नहीं हो पाती। इस काला बाजारी के खेल मे जहाँ सम्बंधित व्यापारी करोडों रूपये का लाभ अर्जित कर लेनदेन का व्योरा रखने वाली संस्था को झूठी और गलत जानकारी दे सेलटैक्स, इन्कमटैक्स और जीएसटी की चोरी जमकर करते है।
कमाते हैं लाखों का मुनाफा
जिला तथा संम्भागीय कार्यालयों में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के कारण बड़े व्यापारी शासन की गाइडलाइन से पृथक मनमानी तरीके से सामग्रियों की काला बाजारी कर गोदामों में बड़ी मात्रा में स्टाक जमा कर उसकी कमी और ब्लैकमेलिंग की दुहाई दे लोगों को अधिक दामों पर बेंचा जाता है। जिससे एक ही दिन में लेन-देन कर लाखों रूपये का मुनाफा कमाने वाले कई व्यापारी शासन के विक्रय कर व जीएसटी टैक्स में लाखों रूपये की चोरी कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है।
दूसरे शहरों से आती है खेप
यहां के कुछ स्थानीय व्यापारियों द्वारा यह बात बताई जा रही है कि नगर के कुछ पूंजीपति, बड़े व्यापारी, नामी गिरामी बड़ी कम्पनियों की डीलरशिप एजेसीं लेकर सम्बंधित प्रोडक्ट को छोटे व्यापारियों से मनमानी दाम वसूला जाता है। कुछ व्यापारियों द्वारा फुटकर और थोक लेन-देन में जीएसटी नम्बर का पक्का बिल नहीं दिया जाता। महज एक साधारण कागजी पर्ची में पूरा लेनदेन किया जाता है। इसके अलावा नगर में संचालित लगभग आधा दर्जन ट्रांसपोर्ट में ट्रकों द्वारा रोजाना 10 से 15 गाड़ी माल कटनी, जबलपुर, सतना, रायपुर, नागपुर व इलाहाबाद आदि शहरों से यहां के व्यापारियों का सामान भी पूरे कच्चे बिलों के द्वारा ही आता है। जिससे स्थानीय व्यापारियों पर शासन के विभागो की टैक्स चोरी और कागजी गफलतबजी करने का आरोप पहले भी लगता रहा है।
अंधकारमय हो रहा भविष्य
लेकिन कुछ जागरूक और देशभक्त होने का दावा करने वाले व्यापारियों ने नगर के ही कुछ व्यापारियों पर प्रशासन की आंखों में धूल झोक टैक्स की चोरी करने का संगीन आरोप लगाया है। इनके द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि एक दिन में लाखों रूपये का मात्र राजश्री गुटखा बेंचा जाता है। इनके द्वारा अवैध स्टाक व भंडारण कर भारी मुनाफा भी कमाया जा रहा है। सरकार को टैक्स के नाम पर थोड़ी-बहुत राशि भले ही दे दी जाती हो लेकिन इस दुष्प्रभावी तम्बाखू युक्त गुटखे से क्षेत्र के नाबालिग लडकों और युवाओं का भविष्य अन्धकारमय होता जा रहा है। जिससे समाज को भले भारी नुकसान उठाना पड़े लेकिन इस व्यवसाय में संलिप्त व्यापारी को बड़ा मुनाफा हो रहा है।
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