हत्या, आत्महत्या या फिर दुर्घटना..?????

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शहडोल।भले ही अपराध के निराकरण में शहडोल जोन अव्वल हो चुका है लेकिन यहां के अपराधी भी अपराध की सकल बदलने में महारत हासिल किए हुए हैं। पहले हत्या फिर आत्महत्या और भी सड़क दुर्घटना ने मृतक के सीने मे कई सवाल छोड़ गए हैं?
मामला बड़ा ही पेचीदा है…
विगत दिनों सोहागपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कोटमा में 25 वर्षीय दुर्गेश की मौत हो गई।इस मौत ने 24 घंटे में बड़े रहस्य छोड़ गए।मामला 9 जनवरी का है शाम 5 बजे ग्राम कोटमा के जंगल में दुर्गेश नाम के युवक की लाश पेड़ पर लटकती देखी गई।जहा आनन फानन लोगो ने उसे जीवित समझ कर उतारा और फिर जिला अस्पताल में जांच कराई जहा उसे मृत घोषित कर दिया।
ट्रैक्टर की ठोकर बना विवाद का कारण 9 तारीख की सुबह 11 बजे दोस्त के साथ शराब पी कर घर लौट रहे शख्स की बाइक पर आ रहे ट्रैक्टर ने ठोकर मार दी जमीन पर गिरते ही उठ कर ट्रैक्टर की चाभी निकलना दुर्गेश को पड़ गया भारी बातो ही बातो में मामले ने तूल पकड़ लिया और चार पहिया से आये कुछ लोगो ने दुर्गेश को बुरी तरह घायल कर दिया उसके सर में काफी चोट आई ।आनन फानन घर के लोगो ने उसे जिला अस्पताल ले गए जहा उसके सर में ज्यादा चोट आई थी। जिला अस्पताल ने उसकी स्थिति देखते हुए रेफर करने की बात की अस्पताल में ही उसकी स्थिति अच्छी नहीं थी बस मारने और मरने की बात करता रहा। इसकी हालत देखते हुए परिजन उसे घर ले आये जहा घर पहोचने पर भी वही मारने मरने की बात करता रहा इसकी हरकत देख घरवालो ने उसे चार पाई मे बांध दिया। घण्टो भर बाद किसी तरह खुद को रस्सी से खोलने के बाद सीधा जंगल की ओर भाग गया जहाँ कुछ देर बाद उसे पेड़ से लटका देखा गया।
नाटकीय मोड़ की थी तैयारी
और उसके बाद फिर मामले ने नए नाटक की तैयारी जोर पकड़ ली जहा सब कुछ दुर्घटना में तब्दील कर दिया गया। बस पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ही मामले की सच्चाई पर रोशनी देगी की ये हत्या, आत्महत्या है या दुर्घटना??
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अस्पताल की कायमी और पीएम रिपोर्ट है आधार लिहाजा अभी परिवार दुर्गेश की मौत के सदमे से उभरा नही है कि तरह तरह के बातो और सवालों में उलझे परिजन अभी तक कोई भी शिकवा शिकायत दुर्गेश के संबंध में थाने में नही दी । जिला अस्पताल में दुर्गेश की मौत के समय की गई कायमी ही आधार बनी है।