… तो क्या सट्टे और जुएं के साथ होगा नर्मदा महोत्सव का आगाज पवित्र नगरी को जिम्मेदार ही अपवित्र करने में कोई कोर-कसर नही छोड रहे है

0

Shubham kori-7898119734
अनूपपुर। रमणीय व पर्यटन स्थलों को देख जहां श्रद्धालु भाव विभोर हो जाते हैं वहीं यहां की सभ्यता भी लोगों को बरबस लुभाती है, बीते कुछ समय से असमाजिक तत्वों का जमावडा होने से यहां की शालीनता व समरसता मे खलल पडने लगा है। यहां पहुंचते ही मन मे शांति मिलने के लिए विख्यात अमरकंटक में अब न तो सौंदर्य बढाने का काम किया जा रहा है और न ही अशांति फैलाने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। पवित्र नगरी अपराधियों का गड बनता जा रहा है। अमरकंटक थाना क्षेत्र में अवैध सट्टा अवैध शराब का कारोबार खूब फल फूल रहा है जो अमरकंटक के लिए ठीक नही है एक तरफ अमरकंटक को पवित्र नगरी का दर्जा दिया जाता है तो वही दूसरी तरफ अवैध कार्य पवित्र नगरी को अपवित्र कर रही है। दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि पवित्र नगरी में अपराधों के ग्राफ में लगातार बढोत्तरी के बावजूद भी पुलिस को जानकारी नही है।
सटोरियों का फैल रहा मायाजाल
अमरकंटक में ओपन क्लोज का धंधा बीते कई महीनों से चरम पर है, लेकिन अमरकंटक पुलिस मूकदर्शक बने बैठी है। बताया जाता है कि अमरकंटक में किराना दुकानों, होटलों व पान ठेलो में सट्टे की बुकिंग सटोरियों के गुर्गों द्वारा की जा रही है ऐसे अड्डों पर सुबह से शाम तक सट्टा खेलने वालों का भीड देखी जा रही है। अमरकंटक में हो रहे सट्टे के अवैध कारोबार के कारण वातावरण दूषित हो रहा है और प्रतिदिन परिवार में कलह की स्थिति उत्पन्न हो रही है। बताया जाता है कि थाना प्रभारी और आरक्षक के संरक्षण में अवैध धंधा फल फूल रहा है। सट्टे के अलावा अमरकंटक में अवैध रूप से शराब का कारोबार भी किया जा रहा है। राजेंद्रग्राम शराब दुकान से प्रतिदिन चार पहिया वाहनों के माध्यम से शराब की अवैध खेप अमरकंटक पहुंच रही है और धडल्ले से शराब की बिक्री हो रही है। अब देखना है कि सटोरियों और शराब का अवैध कारोबार करने के खिलाफ पुलिस क्या कार्यवाही करती है।
शह पर शुरू हुआ खेल
सूत्र बताते है कि एक तरफ एक सटोरिया को तो पुलिस ने निपटा दिया पर दूसरी तरफ सट्टा किंग अजित और नीलेश को तैयार कर सट्टे की कमान सौंप दी गई। हालात ऐसे है कि अमरकंटक थाने में जो होता है वो दिखता नही और जो नही हो रहा उसकी वाहवाही पुलिस लूट रही है। सट्टे के व्यापार को तेजी से फैलाने के लिए सट्टा किंग अजित और नीलेश नामक व्यक्तियों के हाथ में इस समय अमरकंटक की कमान सौंपी गई है।
पुलिस की कार्यप्रणाली संदेहास्पद
अगर पुलिस पूर्व के सट्टा किंग को धरासाई कर सट्टे के कारोबार पर विराम लगा सकती है तो क्या उसके बाद जन्मे दो सट्टा किंगो के बारे में अमरकंटक पुलिस को भनक नही थी और थी तो कार्यवाही क्यों नही हुई। सूत्र बताते है कि ये दोनों सट्टा किंगों को पुलिस की सह पर ही कमान सौंपी गई है इसलिए इन पर कार्यवाही नही की जा रही है। ज्ञात हो कि पवित्र नगरी अमरकंटक जहां देश ही विदेशों मे भी अपनी सभ्यता, सौंदर्यता के लिए प्रसिद्ध है वही यहां के स्थानीय जनों की मृदुवाणी भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, लेकिन बीते कुछ समय से असामाजिक तत्वों के हस्ताक्षेप से जहां पवित्र नगरी धीरे धीरे अपवित्र होते जा रही है वहीं भ्रष्टाचार के आगोश मे समा रहे पवित्र नगरी को दूषित करने का प्रयास भी किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता के कारण वह कम होने के बजाये दिनो दिन बढते ही जा रहा है जो चिंतनीय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed