कोरोना की पहचान ही बचाव की पहली सीढ़ी : मुख्यमंत्री

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भोपाल। मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की पहचान के लिए प्रदेश में 9 प्रयोगशालाएँ काम कर रही हैं और आवश्यकता पड़ने पर विशेष विमान द्वारा सेम्पल टेस्टिंग के लिए दिल्ली भेजे जानी की भी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहचान ही कोरोना से बचाव की पहली सीढ़ी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वास्तव में 23 मार्च तक प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग की कोई व्यवस्था ही नहीं थी। हमने कोरोना से लड़ने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की, जिसमें प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक सर्वे, कोरोना प्रभावित क्षेत्र को पहचान कर उस पर प्रभावी अमल किया गया है। आयसोलेशन तथा क्षेत्र को प्रतिबंधित कर क्षेत्र में टेस्टिंग की जा रही है। टेस्टिंग में पॉजीटिव मिलने पर वो व्यक्ति किस-किस के सम्पर्क में आया, उन्हें आइसोलेट किया जाकर फिर प्रभावित व्यक्ति के ट्रीटमेंट (आई.आई.टी.टी.) की व्यवस्था की गई है।

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