सहायक अभियंता दिनेश तिवारी पांच वर्षो से छान रहे मलाई

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जैतहरी व चचाई वितरण केंद्रों में कार्य के नाम पर लाखों रुपयों की अवैध कमाई

प्रतिदिन दर्जनों विद्युत उपभोक्ता विभाग से अपनी परेशानियों को साझा करते है, उनका निराकरण बमुश्किल हो पाता है, दर्जनों ग्रामों में आज भी विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित नही होती है, कहीं बिजली के बिल मनमाने होंगे तो कही बिना बिजली के ही गरीबों के घरो में बिजली बिल लाइनमैन बांट देते है। दशको से ऐसी व्यवस्था को किसी भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने सुधार नही पाया, उल्टे ऐसे अधिकारी जो सिर्फ अपने फायदे की सोचे तो उससे उम्मीद भी कैसे की जाती सकती है।

अनूपपुर। प्रशासनिक दृष्णिकोण से नियम तो बनाये गये है, लेकिन उन नियमों का पालन होता दिखाई नही दे रहा है, खास तौर पर विद्युत विभाग से केवल किसान ही नही बल्कि हर वह उपभोक्ता परेशान नजर आता है, जिसके यहां बिजली जलती होगी। कभी मेंटेनेंश के नाम पर तो कभी फाल्ट के नाम पर तो कभी मनमाने काम पर, लेकिन समस्या उपभोक्ताओं को ही भुगतना पडता है, इतना ही नही उपभोक्ताओं के घरो में लगे मीटर पर हर माह बाकयादा मीटर रीडिंग के लिए कंपनी के कर्मचारी व ठेकेदारी प्रथा पर उनके कर्मचारी घरो तक आते है, फिर भी अचानक कई सालो के रीडिंग एक साथ जुड कर आ जाता है और हजारो की तादात में बिल को भेज दिया जाता है, अब उपभोक्ता के पास सिर्फ एक विकल्प बचता है कि वह विद्युत विभाग के कार्यालय जाये और अपनी आप बीती अधिकारियों को सुनाये, तब उसका निराकरण होगा या नही, लेकिन उसकी लाइन काट दी जायेगी जरूर।
कमाई में मशगूल अधिकारी-कर्मचारी
म.प्र.पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कम्पनी के अनूपपुर में भी बिजली अधिकारियों के द्वारा प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना में घोटाला किसी से छुपा नही है उसके बाद भी जिले में बिजली अधिकारियों की तानाशाही और भ्रष्टाचार थमने का नाम नही ले रहा है। इन दिनों जिले में पांच वर्षों से जुगाड से अंगद की पैर की तरह जमे सुर्खियों में चल रहे सहायक अभियंता दिनेश तिवारी के कारनामे अनेको देखने व सुनने को मिल रहे है, दिनेश तिवारी वैसे तो विधुत विभाग में अनूपपुर, जैतहरी और चचाई तीनो वितरण केंद्रों के प्रमुख सहायक अभियंता के पद पर पदस्थ है, लेकिन ये जनाब को पैसों की ललक इतनी ज्यादा बैठ गई है कि ये तीनो वितरण केंद्रों में विधुत ठेकेदारों के साथ पार्टनर में ठेका का काम कर कमीशन में मोटी कमाई करने में मशगूल है।
पार्टनरशिप में हो रहा कार्य


ठेकेदारों के साथ पार्टनर के काम में अकेले नही बल्कि दिनेश तिवारी के पर्सनल असिस्टेंट या दाहिना हाथ अनूपपुर वितरण में पदस्थ सहायक लाईनमैन संतोष रैकवार भी शामिल है, संतोश रैकवार बिजली यूनियन से जुड कर विभाग में अपना धाक जमा कर लाइन से सम्बंधित कोई काम में रुचि न रखते हुए पूरे समय अलग-अलग ठेकेदारों के नाम पर काम सेंग्सन करा कर ठेकेदारों के काम को देख रेख करने में पूरी रुचि रख दिन व्यतीत कर देता है, रैकवार विभागीय पगार के अलावा ठेकेदारों के लाइसेंस के नाम पर अवैध कमाई कर अनूपपुर स्टेशन रोड में आलीशान महल देख कर पसीने छूटने को आतुर हो रहा है, मानो किसी बडे अधिकारी का बंग्ला दिखाई देता हो। विगत दिनों रैकवार के ठेकेदारी के चर्चे विभागीय सुर्खियों में आने पर पूर्व में रहे अधीक्षण यंत्री विश्वकर्मा जी द्वारा अपने चेम्बर में बुला कर समझाईस भी दी जा चुकी है इसके बावजूद भी सहायक अभियंता दिनेश तिवारी के द्वारा संरक्षण प्राप्त संतोष रैकवार द्वारा ठेकेदारों के साथ पार्टनर में कार्य कर मोटी कमाई करने से बाज नही आ रहा है।
पोल में किया गोल
हाल ही में नया सबस्टेशन शांति नगर से कोरोना कोविड कैम्प के लिए नई लाइन सिप्ट करने के कार्य में सहायक अभियंता और संतोष रैकवार की मिलीभगत कर कमीशन का खेल खेला गया। ठीक इसी तरह उज्वल कॉलोनी के पीछे राजेश सिंह के खेत में बिना स्टीमेट डेढ लाख रुपये लेकर दो पोल लाइन सिप्ट कर दिया गया। साहयक अभियंता दिनेश तिवारी द्वारा अपने पद का भरपूर दुरुपयोग करते हुए इस तरह तीनो वितरण केंद्रों में प्रत्येक माह लाखों रुपये की अवैध कमाई कर विभाग को एवं उच्च अधिकारियों के भी साख पर बट्टा लगाने जुट गए है, इसी तरह अधिनस्त क्षेत्र लंबे समय से कनिष्ठ अभियंता विहीन जैतहरी वितरण केंद्र में भी सहायक लाइन मैन गंगा राठौर को माध्यम बना कर पोल सिप्टिंग एवं ट्रांसफार्मर लगवाने के नाम पर लाखों रुपए की अवैध कमाई कर बिजली उपभोक्ताओं को चुना लगा रहे है, साथ ही किसी ठेकेदार के लाइसेंस के नाम पर कार्य प्रस्तावित कर कमीशन की होली खेलने में मशगूल है।
तो क्या होगी इनकी जांच
जानकारी तो यह भी पक्की है कि दिनेश तिवारी अपने गृह राज्य छत्तीसगढ में अनूपपुर जिले की अवैध बेहिसाब कमाई को जमीन खरीद कर अपनी गाढी कमाई को सुरक्षित करने में काफी समय से लगे है, ताकि इनकी बेहिसाब कमाई की जानकारी मध्यप्रदेश की सरकार व विभाग को न लग सके, वैसे तो जनाब ये अपने से उच्च अधिकारियों को खुश रखने में बहुत माहिर है, विभागीय जानकर तो यह बताते है कि इसी वर्ष जनाब सहायक अभियंता से कार्यपालन अभियंता के रूप में पदोन्नति की भी पूरी आस लगाए बैठे है, अब देखना यह होगा कि विभाग के उच्च अधिकारी इस तरह के भ्रष्टाचार में डूबे सहायक अभियंता को पदोन्नति कर इसके हौसले बुलंद करते है या इसके ऊपर जांच कर विभागीय कार्यवाही करने को तैयार होते है।

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