बुढ़ार जनपद की झिरिया में है भारत का सबसे महंगा मेट

सप्ताह भर की मुंशीगिरी के मेट को मिलते हैं 10 हजार
शिकायत के बाद भी नहीं होती जांच और कार्यवाही
सरपंच ने मूल्याकंन से अधिक निकाली राशि
शहडोल । जिले की बुढ़ार जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत झिरिया में 200 मीटर की सड़क का निर्माण जागेश्वर बैगा के घर से हीरालाल के घर तक किया जाना था, जिसके लिए 60 हजार 200 रूपये 22 अक्टूबर 2019 को पंचायत द्वारा आहरित कर लिये गये, सड़क अभी तक नही बनी। इसी स्थल का उल्लेख करते हुए एक अन्य राशि 1 लाख 2500 रूपये 26 अक्टूबर 2019 को निकाली गई। आरोप हैं कि यह सड़क आज तक अस्तित्व में नहीं आई, जनपद में शिकायत भी हुई, लेकिन कार्यवाही शून्य रही।
मूल्याकंन से ज्यादा आहरण
झिरिया पंचायत में ही सीसी सड़क के नाम पर 21 नवम्बर 2019 को 1 लाख 10100 रूपये का आहरण किया गया, यह आहरण उपयंत्री द्वारा किये गये मूल्याकंन से अधिक बताया गया है। इसके अलावा मुख्य मार्ग से पंचायत भवन तक की 240 मीटर नाली व सीसी सड़क के निर्माण में 23 हजार रूपये की राशि मूल्याकंन से अधिक 19 दिसम्बर को निकाली गई, यह पूरे आंकड़े पंचायत व जनपद के दस्तावेजों में दर्ज हैं, लेकिन कार्यवाही इसमें भी शून्य ही रही।
प्रदेश का सबसे महंगा मेट
ग्राम पंचायत के सरपंच के सबसे करीबी माने जाने वाले मेट रामभुवन विश्वकर्मा को महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना अंतर्गत मेट में कार्य हेतु महज 1 सप्ताह की उपस्थिति के एवज में 10 हजार 605 रूपये का भुगतान किये जाने का आरोप है। पंचायत में होने वाले लगभग निर्माण कार्याे का जिम्मा सरपंच द्वारा इसी मेट को दिया जाता है, यहां बनने वाली हर सड़क में मस्टर पर रामभुवन विश्वकर्मा का नाम और मजूदरी भुगतान के रजिस्टर पर अन्य मजदूरों की तुलना में 4 गुना अधिक भुगतान कथित मेट को पंचायत द्वारा ऑन रिकार्ड किया गया है, इसकी शिकायत लगभग जिम्मेदारों के पास हुई है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।
अनुपयोगी सड़क, टूट गई, नहीं हुई वसूली
पंचायत अंतर्गत जोगी बांध से लेकर कमलेश्वर के घर तक सीसी सड़क का निर्माण 7 लाख 49 हजार की लागत से हुआ, सड़क निर्माण में स्थल चयन को लेकर की गई मनमानी और निर्माण के बाद सड़क के टूट जाने की शिकायत पूर्व में की गई थी, जिसकी जांच विभाग के एसी द्वारा की गई, ग्रामीणों को मौके पर आये अधिकारी न कार्यवाही व वसूली का आश्वासन दिया, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा।