जिला चिकित्सालय के वाहन स्टैंड में ठेकेदार की दबंगई

प्रबंधन का खुला संरक्षण, तीमारदार हो रहे परेशान
शहडोल। कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय परिसर में वाहन स्टैंड के ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। सिविल सर्जन व अस्पताल प्रबंधन की चुप्पी भी उसे मरीजों के परिजन से अवैध वसूली करने में मदद कर रही है। वाहन स्टैंड पर एक बाइक खड़ी करने के लिए पांच रुपए निर्धारित हैं, पर लोगों को रसीद भी नहीं दी जा रही है और 10 रुपए वसूले जा रहे हैं। इतना सब होने पर भी कोई बोलने वाला भी नहीं है। 24 घंटे बाइक खड़े करने के लिए 10 रुपए निर्धारित है, पर यहां ठेकेदार के कर्मचारी 40-50 रुपए तक ले रहे हैं। एक घंटे के अंदर बाइक खड़ी रहने पर भी 10 रुपए वसूले जा रहे हैं।
ठेकेदार के हौसले बुलंद
जिला अस्पताल में वाहन स्टैंड पर हमेशा से ही मरीजों के परिजन व उनके हाल-चाल जानने आने वालों के साथ बदसलूकी हो रही है। ठेकेदार के कर्मचारी सभी से अकड़ वाली भाषा में ही 10 रुपए से ज्यादा ही वसूल रहे हैं। जो बोलने का प्रयास करता है, उससे लडऩे पर भी उतारू हो जाते हैं। कुल मिलाकर अस्पताल प्रबंधन द्वारा बार-बार इसकी अनदेखी करने से वाहन स्टैंड ठेकेदार व उसके कर्मचारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
लूट में कहीं प्रबंधन तो शामिल नहीं
ठेकेदार की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि रोगी कल्याण समिति द्वारा वाहन स्टैंड के लिए निर्धारित दरों का बोर्ड लगाकर दर अंकित करना चाहिए था, लेकिन जिला चिकित्सालय में इन दिनों ”परि नाम की लूट मची, लूट सके तो लूटÓÓ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। ठेकेदार प्रतिदिन बिना रुपए लिखे रसीद देकर 10 रुपए वसूल रहा है और फिर भी अस्पताल प्रबंधन शांत बैठा है। इससे कहीं न कहीं ठेकेदार से प्रबंधन की मिलीभगत भी हो सकती है।
होती है 10 रूपये वसूली
जिला अस्पताल में परेशान और पीडि़त लोग ही आते हैं। ऐसे में यहां ठेकेदार के कर्मचारी रसीद पर राशि लिखे बगैर ही 10 रुपए ले रहे हैं, जो गलत है। मंगलवार की सुबह एक व्यक्ति उपचाररत रिश्तेदार के हालचाल जानने गया तो परिसर में 10 मिनट बाइक खड़ी करने के लिए 10 रुपए की मांग की गई, जब मनोज पाठक नामक ठेकेदार के काङ्क्षरदे को 10 रूपये देने के बाद जब रसीद की मांग की गई तो, उसने पैसे वापस कर जाने के लिए कह दिया। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जिला चिकित्सालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में धृतराष्ट्र बने मुखिया स्वयं देख सकते हैं।
इनका कहना है…
पुराना ठेकेदार है, आप शिकायत करिये, मैं ठेका कैंसिल कर दूंगा।
जी.एस. परिहार
सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय शहडोल