कलेक्टर ने मन्नूलाल सोनी को थाना प्रभारी के समक्ष हाजिरी दर्ज कराने का दिया आदेश

कलेक्टर ने मन्नूलाल सोनी को 31 जनवरी 2022 तक प्रत्येक मंगलवार को थाना प्रभारी अनूपपुर के समक्ष हाजिरी दर्ज कराने का दिया आदेश
अनूपपुर/ कलेक्टर एवं जिला दण्डांधिकारी सुश्री सोनिया मीना ने मन्नूलाल सोनी पिता श्यामलाल सोनी उम्र 30 वर्ष निवासी पुरानी बस्ती अनूपपुर थाना कोतवाली अनूपपुर जिला अनूपपुर जो 2003 से 2019 तक लगातार 10 अपराधिक गतिविधियों में संलग्न पाया गया है को 31 जनवरी 2022 तक की कालावधि तक प्रत्येक मंगलवार के 12 बजे दिन थाना प्रभारी अनूपपुर, जिला अनूपपुर के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर हाजिरी दर्ज कराने का आदेश दिया है। आपने अनावेदक को आदेश दिया है कि वह अपने आपराधिक कृत्यों को पूर्णतः त्याग दे, अन्यथा एक भी आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की दशा में उसके विरुद्ध जिला बदर का प्रकरण पुनः प्रांरभ किया जाकर समुचित कार्यवाही की जा सकेगी। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त आदेश का पालन न करने, उल्लंघन करने या विरोध करने पर, म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 14 के अंतर्गत अनावेदक को गिरफ्तार किया जावेगा जो 03 वर्ष के कारावास व जुर्माने से दण्डनीय होगा।
प्रकरण का विवरण इस प्रकार है कि पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के प्रतिवेदन में कहा गया है कि, अनावेदक जो आपराधिक प्रवृत्ति का है तथा वर्ष 2003 से आपराधिक गतिविधियों में संलग्न होकर लगातार अपराध करते चला आ रहा है। अनावेदक आदतन अपराधी है, जो थाना क्षेत्र अनूपपुर में सट्टा, मारपीट, जुंआ, अवैध शराब परिवहन जैसे अपराधों में संलिप्त होकर लगातार अपराध करता चला आ रहा है। अनावेदक के विरुद्ध थाने में कई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध है तथा अनावेदक के विरुद्ध समय-समय पर अपराधों में अंकुश लगाने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां की गईं, किन्तु अनावेदक के आपराधिक कृत्यों में कोई सुधारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है, बल्कि लगातार अपराध जगत में अग्रसर होता जा रहा है। अनावेदक के आपराधिक कृत्यों से आम जनता में अत्यन्त भय व्याप्त है तथा अनावेदक के स्वछंद घूमने से जन सामान्य अपने दैनिक कार्य करने से भयभीत रहते हैं। अनावेदक के अत्याचार सहने को जन सामान्य मजबूर हैं तथा अत्याचार सहते हुए भी इसके आपराधिक कृत्यों की थाने में रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं और यदि कोई रिपोर्ट करे भी तो कोई भी व्यक्ति उसके डर के कारण गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। अनावेदक का समाज में स्वछंद विचरण करना समाज के लिए घातक है।