बिजली न पानी, दलालों के बीच सिमट कर रह गई मानपुर की कहानी

महीनों से बूंद-बूंद पानी को मोहताज बस्तीवासी,
सत्तर घरों के बीच स्थित इकलौता हैंडपंप भी तीन
दिनों से बिगड़ा
प्रशासन के सुस्त रवैये से मानपुर मुख्यालय का
अब भगवान ही है सहारा
मानपुर। विधानसभा मुख्यालय क्षेत्र आज कई महीनो से बून्द-बून्द पानी को मोहताज हैं, जहां न तो नल-जल की सप्लाई चालू है, न ही हैंडपम्प पानी दे रहे हैं। पीने के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए एक मोहल्ला से, दूसरे मोहल्ला लोग डिब्बा और बाल्टी लिए भटकते नजर आ रहे हैं, वही घर के अंदर रहने वाली महिलाएं पानी की व्यवस्था बनाने के लिए लाज शर्म छोंड़ सिर ढक कर दूसरे मोहल्ले से सिर में पानी ढोने को मजबूर हैं। क्या नगर के जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे या फिर जनता को परेशान करने के उद्देश्य से इन राजनेताओं की कोई सोची-समझी साजिश है जो जनता के समझ से परे है।
चहेते नेता को चुन ठगा महसूस कर रही जनता
मुख्यालय की जनता कई महीनों से पानी की किल्लत झेल-झेल कर परेशान हो चुकी है, जिन्हें उम्मीद थी अपने चहेते नेता पर, कि उन तक जानकारी पहुंच गई है जिसका निराकरण अब जल्द ही हो जाएगा, परंतु देखते ही देखते महीनों बीत गए लेकिन पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है, बल्कि बस्तियों में लगे हैंडपंप भी अब बिगड़ चुके हैं, जिनकी मरम्मत भी नहीं हो पा रही है, अब तो हर गली व हर मोहल्ले से केवल एक ही आवाज आती है कि हम लोगों ने अपने पसंद का नेता चुन कर बहुत बड़ी गलती कर दी, जो वक्त में जनता का साथ नहीं दे सकता वह अब किसी काम का नहीं, जिसे आनेवाले विधानसभा चुनाव में अब मानपुर क्षेत्र की जनता करारा जबाब देने को मजबूर हो चुकी है।
महीनों से ठप्प पड़ा 62 करोड़ का नल-जल प्लांट
मानपुर क्षेत्र की जनता को सोन नदी का शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निवेदन कर क्षेत्र की पसंदीदा विधायक वर्तमान में कैबिनेट मंत्री सुश्री मीना सिंह द्वारा करोड़ो रूपये प्रशासन के खर्च करा कर मानपुर मुख्यालय स्थित ग्राम बैगांव के सोन नदी घाट पर एक नल-जल योजना अंतर्गत भारी-भरकम प्लांट बैठाया गया, जिस पर करीब 62 करोड़ रुपये खर्च भी कर दिया गया और देखते ही देखते चंद महीनों में उक्त 62 करोड़ का प्लांट ठप्प हो गया। सूत्रो ंके अनुसार उक्त प्लांट निर्माण कार्य मे नीचे से लेकर ऊपर तक बैठे जिम्मेदारों ने अच्छा खासा कमीशन मिल बांट कर खाया, जिस कारण आज उक्त नल-जल का प्लांट ठप्प हो गया है, जो किसी काम का नहीं रहा, बल्कि उक्त नल-जल प्लांट आज कल केवल फ़ोटो खींचने के काम पर ही मौजूद है, बांकी काम के लिए उक्त प्लांट के पास क्षमता ही नहीं है कि वह पानी आगे बढ़ा सके।
प्रशासन की लचर व्यवस्था का खामियाजा भुगत रही जनता
मुख्यालय में आजकल देखा जाए तो पूरा का पूरा प्रशासनिक अमला सुस्त पड़ा हुआ है, जिन्हें मानपुर मुख्यालय के नागरिकों की कोई चिंता ही नहीं है देखा जाए तो मानपुर मुख्यालय के एक जिम्मेदार अधिकारी जो अपने जिम्मेदाराना पद को दरकिनार करते हुए हर वक्त फोन पर ही व्यस्त रहते हैं, वही अगर कोई जरूरी काम पड़ जाने के कारण किसी भी सम्बंधित व्यक्तियों द्वारा अगर संबंधित अधिकारी को उनके सार्वजनिक नम्बर पर फोन लगाया जाता है तो उनके द्वारा फोन ही रिसीव नही किया जाता जो आज कल क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ ह,ै ऐसे ही एक जिम्मेदार अधिकारी और भी है,ं जिन्हें उनकी पहुंच व पकड़ के कारण दो जगह का प्रभार मिला हुआ है, वहीं हफ्ते में एक बार अपने स्टॉप के कर्मचारियों को दर्शन देने के लिए मैडम पहुंचती हैं और घण्टे, दो घण्टे कार्यालय में बैठने के बाद हफ्ते भर के लिए गायब हो जाती हैं। उनको अगर नगर की समस्या से अवगत कराने की कोशिश की जाए तो नामुनकिन ही रहता है, चाहे जितने बार भी फोन लगाओ, उन्होंने कसम खाया है कि मानपुर क्षेत्र के लोगों का फोन नहीं उठाना है। उनकी तानाशाही रवैया देख स्थानीय महिलाओं में भी एकता बन रही है जिनके द्वारा उनके फोन न उठाने व मानपुर की पेयजल समस्या दूर न करने के एवज में बस्ती की महिलाओं ने ठाना है कि मैडम को माला पहना कर उनके इस तानाशाह उत्कृष्ट कार्य का रुतवा और बढ़ाया जाए।