…तो क्या एक बसंत झेल पायेगा नाली निर्माण

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा निर्माण कार्य, जांच की मांग
शहडोल। जिले की मुख्यालय की नगर पालिका परिषद प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार के भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस को ठेंगा दिखा रही है, नगर पालिका में भ्रष्टाचार और मनमानी इतनी गहरी जड़े जमा चुकी हैं कि आगे-आगे नाली बन रही है और पीछे-पीछे टूटने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे, नगर पालिका क्षेत्र में कई जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं, इसके अलावा कई जगह निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन आज तक किसी जांच दल द्वारा जांच न करने की वजह से लगभग निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं, जिससे नपाध्यक्ष की कार्य प्रणाली संदिग्ध नजर आ रही है।
मानक की उड़ाई धज्जियां
जलनिकासी की बेहतर व्यवस्था के लिए नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत डीआईजी बंगले के समीप मुख्य मार्ग के किनारे नाली का निर्माण चल रहा है। लाखों की लागत से जारी निर्माण में खुलेआम मानक की अनदेखी हो रही है। यहां पुरानी नाली के ऊपर निर्माण शुरू करा दिया गया है, इस निर्माण कार्य में मानक की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसमें घटिया मसाले का जहां प्रयोग किया जा रहा है, वहीं उक्त नाली के बेस में कथित ठेकेदार द्वारा बड़ा खेल-खेला जा रहा है, बीते दिनों नगर पालिका क्षेत्र में हुए निर्माण कार्य सहित वर्तमान में हो रहे निर्माण कार्य का ठेका बसंत सिंह को दिया गया है, लेकिन जितने भी निर्माण कार्य बसंत ठेकेदार द्वारा कराया गया है, वह संभवत: एक बसंत न झेल पायेगा।
गुणवत्ता की अनदेखी
पुलिस लाईन मार्ग में नाली निर्माण कार्य किया जा रहा, लेकिन उक्त नाली निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता का ध्यान बिल्कुल भी नहीं दिया गया है, नाली निर्माण में गिट्टी डस्ट के साथ ही सीमेंट, रेत के मिश्रण में जमकर खेल किया गया है, चर्चा है कि नगर पालिका क्षेत्र में पूर्व के वर्षाे सहित वर्तमान के वर्षाे में जितने भी निर्माण कार्य हुए हैं, लगभग निर्माण कार्य बसंत सिंह द्वारा कराया गया है, मजे की बात तो यह है कि लगभग निर्माण कार्य को भ्रष्टाचार की दीमक ने पहले ही चाट लिया है।
जांच से खुल सकती है पोल
डीआईजी बंगले के सामने वर्तमान नाली का निर्माण बसंत सिंह ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है, इसके अलावा बीते माहों में नर्मदा गैस एजेंसी के सामने नाली का निर्माण कथित ठेकेदार द्वारा किया गया है, सूत्रों की माने तो अगर उक्त निर्माण की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाये तो, नगर पालिका के इंजीनियर द्वारा किया गया मूल्यांकन सहित ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता में खेला गया खेल खुल कर सामने आ जायेगा, अगर समय रहते उक्त नाली निर्माण की जांच न की गई तो, कुछ सप्ताहों बाद गंदा पानी सड़कों पर बहेगा और नगर पालिका के जिम्मेदार लोगों को फिर एक बार गंदगी से निजात दिलाने के लिए ठेकेदार बसंत को ही याद करते नजर आयेंगे।
इनका कहना है…
मैं इंजीनियर को तत्काल भेज रही हूं, गुणवत्ता से कोई समझौत नहीं किया जायेगा।
श्रीमती उर्मिला कटारे
नगर पालिका अध्यक्ष, शहडोल