पूरे जिले में कहीं भी कुम्हारों को नहीं लगेगी बैठकी: कलेक्टर

शहडोल। मिट्टी के दीये और बर्तन बनाकर अपने परिवार का जीविको पार्जन करने वाले कुम्हारों का दर्द कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने समझा है। कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि दीवाली पर्व को लेकर गांव से शहर आने वाले किसी भी कुम्हारों से कोई बैठकी अथवा वसूली नहीं की जाएगी। ये आदेश शहर के अलावा कस्बाई क्षेत्रों के लिए भी माना जाएगा। खासकर नगर पालिका अमले के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन व पुलिस किसी को भी नहीं परेशान करेगी। हमें परंपरागत व प्राकृतिक चीजों को बढ़ावा देना है। साथ ही सभी को मिलकर कुम्हार बिरादरी को व्यापार में सहयोग व प्रोत्साहित करना है। जिससे देश व प्रदेश में कुम्हारों की परंपरा बनी रहे।
कलेक्टर ने आदेश में कहा है कि दीपावली के पावन पर्व पर शहर के समीप गांवों के कुम्हार व जिले के दूरस्थ अंचल से आने वाले हुनरमंद लोग मिट्टी के दीये, मटके, गमले कुल्लहड़, मिट्टी के बर्तन आदि विक्रय के लिए नगरीय व कस्बाई क्षेत्रों में लेकर आते हैं। यह कार्य व्यवसाय एवं क्षेत्रीय परंपरा से जुड़ा होने के साथ-साथ व्यापक पर्यावरण हित में भी है। दीपावली इन लोगों के वर्षभर का सबसे बड़ा उत्सव आय-अर्जन व घर-परिवार की आर्थिक दशा सुधारने का माध्यम है।