आपसी सद्भाव से मनाए दिपोत्सव : नगर अध्यक्ष कैलाश विश्नानी ने की ग्रीन दीपावली मनाने की अपील
बुढ़ार। नगर पंचायत अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विश्नानी ने नगर सहित समस्त जिलेवासियो को बधाई देते हुए कहा कि दीपावली रोशनी का पर्व है। हम पटाखे जलाकर पैसों की बर्बादी के साथ प्रदूषण फैलाने का काम करते हैं। इससे अच्छा है कि हम उस पैसे से किसी जरूरतमंद की मदद करें।
अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे इस दिवाली को अपने प्रियजनों के साथ बिताएं। अपने सभी प्रियजनों को इस दिवाली की शुभकामनाएं दी।
श्री विश्नानी ने कहा कि दिवाली उनके पसंदीदा त्योहारों में से एक है और ‘इस दिवाली हमें शुक्रगुजार होना चाहिए कि हम इस त्योहार को मना पा रहे हैं क्योंकि कोविड-19 महामारी के अचानक तूफान के बाद लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल गया है। हालांकि महामारी ने मुझे यह महसूस कराया कि हमें अपने प्रियजनों के लिए हमेशा आभारी रहना चाहिए और मैं इस दिवाली को अपनी शांति और सद्भाव के साथ मनाना चाहता हूं और सभी का सराहना करना।’ कहता है भाजपा नेता ने कहा कि मेरे लिए दिवाली समय बिताने, मिठाई खाने और जश्न मनाने के साथ रोशनी और रंग-बिरंगे दियो के कारण दिवाली मेरा पसंदीदा त्योहार रहा है। लेकिन मैं यह भी सुनिश्चित करता हूं कि पटाखे न जलाएं और पर्यावरण और जानवरों को नुकसान न पहुंचाएं क्योंकि वे बहुत डरे हुए रहते है। तो आइए इस दिवाली को शांति, सद्भाव, कृतज्ञता और प्रेम के साथ मनाएं।
देश के सबसे बड़े त्योहार दीवाली को लेकर लोगों में उत्साह और उमंग है। सुख-समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी के स्वागत में घर-द्वार सज कर तैयार है। बच्चों सहित हर वर्ग अपने स्तर पर तैयारी में लगे हैं। गुरुवार को मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाएगी। दीपों से माता का स्वागत के बाद पटाखे फोड़े जाएंगे। वहीं दूसरी ओर जहां ऐसा करने में जो लोग सक्षम नहीं हैं उनका भी खयाल रखें।
पूजा सामग्रियों की खरीदी में नगर के मुख्य मार्गों पर काफी भीड़ रही। सुबह से देर रात तक नगर के बाजार में मां लक्ष्मी की प्रतिमा, फोटो, हार सहित इससे जुड़े पूजा सामग्री, पटाखे, कपड़े आदि की खरीदारी की गई। सबसे ज्यादा भीड़ पटाखा व पूजा सामग्री दुकानों में रही। मंगलवार को नरक चौदस पर द्वार के सामने 14 दिए जलाए गए।
भाजपा नेता व नपाध्यक्ष ने कहा कि पटाखा 125 डेसीबल से ज्यादा के नहीं फोड़ें,दीपावली की खुशियां मनाते वक्त सावधानी रखें। खासकर छोटे बच्चों को आतिशबाजी के लिए अकेला ना छोड़ें। पटाखे हमेशा खुली जगह पर चलाएं और पास में पानी की बाल्टी या रेत जरूर रखें, पटाखे चलाते वक्त आसपास ज्वलनशील पदार्थ न होपटाखे खरीदते वक्त बच्चों की उम्र का भी ख्याल रखें और उसे जलाते वक्त बच्चों के साथ बड़ा व्यक्ति जरूर रहे,पटाखों को किसी लंबी लकड़ी या मोमबत्ती के सहारे जलाए, माचिस का उपयोग न करें। एक बार में तीन-चार पटाखे जलाने की बजाए एक बार में एक ही पटाखा जलाए।
पटाखे में अगर आग न लगे तो उसे दुबारा जलाने की कोशिश ना करें. उसे हाथ से उठाने की बजाए उस पर पानी डाल दें,पटाखे जलाते वक्त बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जो चुस्त हो और सूती के हो,अगर कोई जल या झुलस गया हो तो उसे तत्काल ठंडी जगह पर ले जाएं और जले हुए स्थान पर ठंडा पानी डाले।