अक्खे ने बिगाड़ रखी है उमरिया फिजा : रेत कारोबारी बिगाड़ रहे नदियों का स्वरूप @ आदिवासियों की भूमि से निकते है हाइवा, कार्यवाही की मांग

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नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है, इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है, कई जगह नदियों में रेत की खदान इतने ज्यादा बढ़ गए है कि वहां जनजीवन पर भी इसका असर दिखने लगा है।

उमरिया। एक ओर मुख्यमंत्री यह कहते हुए नही थकते कि कोई भी अवैध कार्य प्रदेश में हुए तो कलेक्टर जिम्मेदार होंगे, जिले की रेत खदानों का ठेका राजस्थान की एसआर नामक कंपनी को दिया गया है, बीते माहों में शहडोल जिला प्रशासन तथा रेंज के मुखिया ने खुद नदी पर जाकर अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही की थी, उस दौरान भी इन बातों की पुष्टि हुई थी कि उमरिया में तथाकथित कंपनी जिला और पुलिस प्रशासन को मैनेज कर रेत का अवैध उत्खनन कर रही है। शहडोल की कार्यवाही के दौरान उमरिया के वाहन भी जब्त हुए थे, इसके बाद भी उमरिया के जिला और पुलिस प्रशासन को इसकी सुध नहीं आई। खानापूर्ति तक के लिए उक्त कार्यवाही के अगले दिनों में उमरिया खनिज या पुलिस ने कोई भी कार्यवाही नहीं की।
खनिज अधिकारी की सरपरस्ती
पूर्व में खनिज अधिकारी सुश्री फरहत जहां जब शहडोल में पदस्थ थी, उस समय एसआर कंपनी शहडोल में रेत उत्खनन का कार्य कर रही थी, बीते माहों जब शहडोल से खनिज अधिकारी का निलंबन और उसके बाद उमरिया में उन्होंने पदभार सम्हाला तो, एक बार फिर एसआर कंपनी ने अक्खे (अवि राठौर) नामक कारिंदे को यहां की कमान सौंप दी। पूर्व में अक्खी ही शहडोल में खनिज विभाग का मैनेजमेंट कंपनी की ओर से सम्हाले हुए था, खनिज अधिकारी की उमरिया पदस्थापना से पहले और बाद में खानापूर्ति तक के लिए उक्त कंपनी के खिलाफ न तो कभी जांच और न ही कभी कार्यवाही की बातें सामने आई।
प्रशासन ने आंख में बांध ली है पट्टी
जिले में अवैध रेत उत्खनन का काला धंधा बढ़ता ही जा रहा है और प्रशासन इस पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है, जिले के मानपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बल्हौड के मोह्बाला खदान में इन दिनों रेत के उत्खनन में सोन नदी के अंदर बड़ी मशीने लगाकर भारी मात्रा में रेत माफियाओ के द्वारा दिन दहाड़े उत्खनन किया जा रहा है, वहीं जिला प्रशासन आंख में पट्टी बांधकर रेत माफियाओं का मूक दर्शक बन साथ दे रहा है, जिससे स्थानीय लोग भी प्रशासन से खासे नाराज हैं।
नदी में उतर रही मशीने
रेत खदानों में अक्खे द्वारा खुलेआम पोकलेन मशीन लगाकर बगैर टीपी के हाइवा में रेत लोड कर शहपुरा सहित कई जगह सप्लाई की जा रही हैं। पूरे खनन की जानकारी होने के बाद भी पुलिस, राजस्व, खनिज के साथ वन विभाग का अमला आंख बंद किये हुए है। माफिया के हाइवा से बैगा आदिवासियों के खेत छलनी हो रहे है, लेकिन आंसू सरकार को दिखाई नही दे रहे हैं। रात होते ही मशीन को नदी में उतार दिया जाता है और फिर पूरी रात उस जगह पर खनन की धमाचौकड़ी मचती है।

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