सावधान ! रिहायशी इलाकों में नियम विरुद्ध बन रही बहुमंजिला

शहडोल। संभागीय मुख्यालय की नगरपालिका क्षेत्र में नियम के अनुसार किसी भी इमारत को बनाने से पहले नगरपालिका से अनुमति लेना आवश्यक है। संभवत: नपा क्षेत्र में लगभग तीन मंजिल या 12 मीटर या करीब 40 फीट से ज्यादा अधिक ऊंची इमारत का निर्माण नहीं किया जा सकता है। नपा के इन नियमों का कई सालों तक पालन होता दिखाई दिया है, लेकिन अब चार से पांच मंजिल अनुमान के अनुसार पचास मीटर ऊंची इमारतें खड़ी होने लगी हैं। जिसकी अनुमति नगरपालिका से नहीं ली जा रही है। इसके लिए न केवल नगरपालिका से बल्कि टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से भी अनुमति लेना आवश्यक है, लेकिन कई लोग इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर हर ऊंची इमारतों के पास पार्किंग जैसी सुविधाओं का ख्याल भी नहीं किया जा रहा है अन्य नियमों का भी ध्यान नहीं रखने के कारण भविष्य में परेशानी हो सकती है।
वार्ड नंबर 7/10 में बगैर अनुमति के बहुमंजिला इमारत का निर्माण हो रहा है, मजे की बात तो यह है कि जय शंकर वस्त्रालय के मालिक महेन्द्र गुप्ता को खादीधारियों का संरक्षण मिलने के चलते नपा में बैठे जिम्मेदार कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठा पा रहे हैं, नगर पालिका में बैठे जिम्मेदारों को उक्त भवन निर्माण के बगैर अनुमति होने की खबर है, लेकिन खादीधारियों के संरक्षण के चलते उक्त भवन पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो पा रही है, स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अन्य कोई निर्माण करा रहा होता तो, नगर पालिका का अमला काम बंद कराने के साथ ही नियमों की दुहाई देने पहुंच जाता।
शहर के विकास के लिए बहुमंजिला भवन बनाना समय की जरूरत है। आवश्यक हो तो नियमों में संशोधन भी किए जाने चाहिए, बहुमंजिला भवन तैयारी करने के पूर्व मिट्टी का परीक्षण, बिल्डअप ऐरिया की जांच, स्ट्रक्चर के लिए स्टील का ध्यान रखा जाना चाहिए, भूकंप, हवा का प्रेशर जैसी स्थितियों का अध्ययन करना आवश्यक है। बहुमंजिला भवन बनाते समय आस-पास पार्किंंग सहित सुरक्षा के उपायों को अपनाना आवश्यक है, इससे मुख्य मार्गों पर व्यापारिक विकास में मदद मिलती है, लेकिन संभागीय मुख्यालय में हनुमान वस्त्रालय के पीछे कथित व्यापारी द्वारा बगैर अनुमति भवन का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन नपा में बैठे जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।
लालच के चलते जीवन से खिलवाड़
शहर का रिहायशी इलाका धीरे-धीरे व्यवसायिक केंद्र बनता जा रहा है। क्योंकि यहां जो पुराने मकान बने थे, उन्हें तोड़कर आलीशान मॉल और कॉम्पलैक्स का रूप दिया जा रहा है, ताकि दुकानों को बेचकर आय बढ़ाई जा सके। पैसे के लालच में आम जनता के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। एक, दो, तीन नहीं बल्कि कई मंजिल तैयार की जा रही हैं। इस तरह के भवन शहर में किसी एक जगह नहीं बल्कि दर्जनों स्थानों पर बन रहे हैं। जो आगामी समय में आस-पास के लोगों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
रिहायशी इलाकों में व्यवसायिक उपयोग के लिए बनाए जा रहे बहुमंजिला भवन आसपास के लोगों के लिए परेशानी का कारण बनने लगे हैं। सबसे पहले तो इन भवनों से असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। वहीं इन भवनों के बेसमेंट का उपयोग भी व्यवसायिक होने से क्षेत्र में ट्रेफिक की समस्या उत्पन्न हो रही है। भवन मालिक दोगुना लाभ कमाने के लिए निजी दूरसंचार कंपनियों से मोटी रकम लेकर टावर भी लगवा रहे हैं। जिससे यह खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है।