विकास के नाम पर ग्राम पंचायत में हो रहा विनाश

शहडोल। जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम पंचायतों में गुणवत्ता के मापदण्डो को दरकिनार कर निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं। ग्राम विकास की जिम्मेदारी जिनके हाथो में सौंपी गई है, वह गठजोड़ कर शासकीय राशि का बंदरबाट कर विकास को पलीता लगाने में आमादा है। जिसे देखने सुनने वाला कोई नहीं है। शिकायत के बाद भी मामला फाइलों तक सिमट कर रह जाता है और जिम्मेदारों की मनमानी बखूबी चल रही है। कुछ ऐसी ही स्थिति ग्राम पंचायत ढोलर में भी देखने मिल रही है। जहां निर्माण कार्य के नाम पर बड़े स्तर पर गड़बडी की जा रही है, जिन्हे इन निर्माण कार्यों की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है, वही गुणवत्ताहीन कार्य को प्रश्रय देने में लगे हुए हैं।
ढोलर पंचायत के नगड़वाह में 10 लाख की लागत से चेकडैम निर्माण किया किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार अपना कमीशन रखकर कार्य करने का जिम्मा पेटी पर स्थानीय व्यक्ति को दे दिया गया, नतीजा यह हुआ कि निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है, शासन की मंशा थी कि इस चेक डैम से कृषि भू-भाग को सिंचित किया जायेगा, लेकिन वह मंशा भी अब धूल खाती नजर आ रही है, मजे की बात तो यह है कि उक्त निर्माण कार्य में दोयम दर्जे की रेत सहित गिट्टी का उपयोग हो रहा है, लेकिन जनपद में बैठे जिम्मेदार एवं उपयंत्री इस मामले में चुप्पी साध रखे हैं। अगर इस मामले में पूरे निर्माण कार्य की जांच हुई तो, पंचायत द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार से पर्दा उठ सकता है।
ग्राम पंचायत ढोलर द्वारा नगड़वाह में चेकडैम का निर्माण करा रहा है, इसके निर्माण से आस-पास के गांवों के लोगों को भी काफी फायदा होगा, निर्माण कार्य में इसी नदी का घटिया लाल मिट्टी युक्त बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण इतना घटिया हो रहा है कि नदी की तेज धारा में चेकडैम बह जाएगा और फिर वही स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। चेकडैम निर्माण में शुरू से ही जंगल के अनसाइज पत्थर, गिट्टी और बालू का प्रयोग हो रहा है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जनपद में बैठे जिम्मेदारों को नहीं है, बावजूद इसके उक्त निर्माण की गुणवत्ता की जांच करने की कोई जहमत नहीं उठा रहा है।
चेक डैम गुणवत्ता को पूरी तरह दरकिनार कर जिम्मेदार सरपंच-सचिव मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं, तभी क्वालिटी हीन मटेरियल इस्तेमाल लाया जा रहा है। पंचायत ग्रामीण विकास विभाग मापदंड के विपरीत चेक डैम निर्माण से ग्रामीण भी नाराज है, लेकिन इंजीनियर एसडीओ की मौजूदगी नहीं होने के चलते अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा पा रहे हैं। क्योंकि सरपंच-सचिव द्वारा हाथ फोड़ एवं क्रेशर गिट्टी को एक साथ मिलाकर हल्की सीमेंट के साथ रेत से मसाला बनाकर चेक डैम निर्माण कर रहे हैं। इससे पानी की तेज बहाव होने पर धराशाही होने की पूरी संभावना जताई जाती हैं। क्योंकि चेक डैम निर्माण ना गहराई का ख्याल रखा गया और ना क्वालिटी दार मटेरियल का इस्तेमाल हो रहा । इसके अलावा मटेरियल की मजबूती के लिए जरूरी मशीन का भी उपयोग नहीं हो पा रहा है, ऐसे निर्माण कार्य को देख जानकार कहते हैं कि चेक डैम का टिकना भी मुश्किल हैं।