मैहर धाम जाने वाली भक्तों की यात्रा का अमलाई में भव्य स्वागत,पवन चीनी ने की अपील, कहा आएं और श्रद्धा से करें स्वागत

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अनुपपुर। कोतमा से निकलने वाली विशाल भक्त यात्रा, जो मां शारदा धाम मैहर तक जाएगी, इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। अमलाई स्थित बापू चौक के समीप चीनी मित्र मंडली के द्वारा इस यात्रा का भव्य स्वागत एवं विश्राम का आयोजन किया जाएगा। मंडली ने इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पानी, टेंट और विश्राम स्थल की व्यापक व्यवस्था की है।

पिछले दो दिनों से यहां बड़े पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं। पूरे परिसर में साफ-सफाई की गई है, विशाल टेंट लगाए गए हैं और श्रद्धालुओं के लिए बैठक की व्यवस्था की गई है। मंडली के प्रमुख पवन चीनी ने बताया कि यात्रा के आगमन पर अमलाई क्षेत्र श्रद्धा और भक्ति से गूंज उठेगा। उन्होंने पूरे बुढ़ार, धनपुरी और अमलाई क्षेत्र के नागरिकों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में पहुंचकर इस धार्मिक अवसर को सफल बनाएं और श्रद्धा भाव से मां शारदा के भक्तों का स्वागत करें।

उन्होंने कहा “यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि मैहर धाम जा रहे भक्तजन हमारे शहर से गुजरेंगे। हम सबकी जिम्मेदारी है कि उन्हें आशीर्वाद दें, श्रद्धा अर्पित करें और अपने आतिथ्य का परिचय दें। सभी लोग अधिक से अधिक संख्या में आएं और इस पुण्य कार्य में सहभागी बनें।”

यात्रा के अमलाई पहुंचने पर बंद-बाजों के साथ पारंपरिक तरीके से स्वागत किया जाएगा। क्षेत्रीय नागरिक और संगठन भी इस मौके पर आगे बढ़कर योगदान देंगे। अनुमान है कि हजारों भक्तजन यहां ठहरेंगे, जिसके लिए भोजन और पानी की वृहद व्यवस्था की गई है।

ध्यान देने योग्य है कि यह भक्त यात्रा हर साल कोतमा से निकलकर मैहर धाम तक जाती है। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा ने अब एक भव्य रूप ले लिया है। इस बार भी श्रद्धालु पूरे रास्ते पर जगह-जगह रुकेंगे, जहां समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा।

पवन चीनी ने विशेष रूप से सभी क्षेत्रवासियों से आग्रह किया है कि वे अपने परिवार और मित्रों के साथ इस अवसर पर जरूर पहुंचें। उनका कहना है कि यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और भक्ति का महोत्सव है, जिसमें सबको मिलकर भागीदारी निभानी चाहिए।

चीनी मित्र मंडली के इस आयोजन से अमलाई ही नहीं, पूरे आसपास के क्षेत्र में धार्मिक माहौल बनेगा। यात्रा के स्वागत से जहां श्रद्धालु गहरी आत्मीयता महसूस करेंगे, वहीं स्थानीय लोगों को भी भक्ति और पुण्य का अवसर मिलेगा।

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