प्लांट शुरू होने से पहले ही कारोबारी के मुट्ठी में सारे कायदे

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कोयलांचल के नामचीन स्क्रैप कारोबारी, फिर पुरानी राह पर

(Amit Dubey)

शहडोल। मुख्यालय से सटे गोरतरा इंडस्ट्रियल एरिया का शासन और लगभग एक दशक पहले दर्जनों कारोबारियों के साथ मिलकर देखा गया सपना तो, साकार नहीं हो सका, लेकिन धीरे-धीरे अब यहां रौनक नजर आने लगी है। शहडोल मुख्यालय के नामचीन रहे नवाब खान नामक कारोबारी के द्वारा गोरतरा में मेसर्स सुपर रिबर री-रोलिंग मिल के नाम पर कारोबार शुरू करने की आधारशिला वर्षाे पहले रखी गई थी, जिसमें कच्चे व स्क्रैप ऑयरन से मशीनों के माध्यम से नया कार्य योग्य लोहा तैयार किया जायेगा, जिसमें लोहे की छड़े व अन्य उपकरण भी हो सकते हैं। निश्चित ही कारोबार शुरू होने से दर्जनों को काम मिलेगा और इंडस्ट्रियल एरिया में इस तरह से लोगों की दस्तक भी बढ़ेगी।
शुरूआत के साथ ही उठे सवाल
उक्त फर्म ने अभी पूरी तरह से काम भी शुरू नहीं किया कि संचालक के द्वारा की जा रही मनमानी की चर्चाएं होने लगी है, संभवत: नवाब खान पूर्व में अमलाई थाना अंतर्गत इन्द्रा नगर में स्क्रैप के कारोबार से जुड़े हुए थे, कोयलांचल में ऐसे कारोबारियों को कबाड़ी के नाम से जाना जाता है, आज भी नवाब का ठीहा और कुछ गुर्गे स्क्रैप का कारोबार कर रहे हैं। संस्थान के शुरू होने के साथ ही यह चर्चाएं भी हैं कि पुराने रास्तों से होकर चोरी का स्क्रैप यहां पहुंचेगा और उसे नया रूप दिया जायेगा, भले ही दिखावे के लिए कच्चे लोहे की खरीदी कहीं से भी हो, लेकिन कारोबार की नींव रखते ही, कारोबारी की मंशा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
स्क्रैप के साथ कोयले पर नजर
लोहे को नया रूप देने के लिए, ऊर्जा के लिए कोयले का उपयोग होना स्वाभाविक ही है। इसके लिए कारोबारी ने बसंल नामक किसी कारोबारी से कई टन कोयला क्रय करना भी बताया, लेकिन कोयले की खदानों के बीच में, जहां वैध खदानों के समानांतर चौथाई मूल्य पर अवैध खदानों से कोयला सहज उपलब्ध हो जाता हो, वहां कोई कारोबारी, मुनाफे से कैसे मुंह मोड़ सकता है।

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